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माँ पर निबंध – Essay on Mother in Hindi

Essay on Mother in Hindi : दोस्तों आज हम ने मां पर निबंध लिखा है मां का जीवन बड़ा ही अनमोल और समर्पण भाव से जुड़ा हुआ होता है वह हम बच्चों की सबसे पहली गुरु होती है वही हमारा संसार होती है इसलिए हमने मां को समर्पित निबंध लिखा है.

अक्सर कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 और 12 के विद्यार्थियों को मां पर परीक्षाओं एवं भाषण देने के लिए के लिए कहा जाता है उनकी सहायता के लिए हमने यह निबंध लिखा है.

essay on mother in hindi

Get Some Essay on Mother in Hindi for student under 100, 250, 500 or 1000 words

10 lines Essay on Mother in Hindi

(1) मेरी मां दुनिया की सबसे अच्छी मां है.

(2) मां ने ही मुझे जन्म दिया है और मेरे लिए अनेक कष्ट सहे है फिर भी वह खुश रहती हैं

(3) मेरी मां मुझे बहुत प्यार करती है और रोज स्कूल जाने के लिए तैयार करती है.

(4) वह रोज मुझे सुबह शाम प्यार से खाना खिलाती है.

(5) मेरी मां मेरे साथ साथ पिताजी और उनके माता-पिता का भी ख्याल रखती है.

(6) मां मुझे रोज नई शिक्षाप्रद बातें बताती है साथ ही सही और गलत में फर्क करना भी सिखाती है.

(7) मां हमेशा परिवार की खुशी में ही खुश रहती है वह अपने लिए कभी कुछ नहीं मांगती.

(8) वह घर में आने वाले सभी मेहमानों से अच्छा व्यवहार करती है.

(9) आधुनिक समाज वह नौकरी करने के साथ-साथ घर परिवार भी चलाती है.

(10) मेरी मां हर परिस्थिति से लड़ना जानती है वह बहुत ही दयालु और सबसे अच्छी मां है.

Short Essay on Mother in Hindi 100 words

मां भगवान की सबसे श्रेष्ठ रचना है उसके जितना त्याग और प्यार कोई नहीं कर सकता है. मां विश्व की जननी है उसके बिना संसार की कल्पना भी नहीं की जा सकती है.

मां ही हमारी जन्मदाता होती है और वही हमारी सबसे पहली गुरु भी होती है वही सबसे ज्यादा हमें प्यार और दुलार करती है.

वह हमें जीवन में कठिनाइयों से लड़ते हुए आगे बढ़ने का संदेश देती है. वह हमारी प्रत्येक जरूरतों का ख्याल रखती है और स्वयं कष्ट सहकर भी हमें अच्छा जीवन प्रदान करती है.

यह भी पढ़ें –  माँ पर शायरी – Maa Shayari in Hindi

जिसके भी जीवन में मां होती है वह सदा खुश रहता है हमें हमेशा मां का आदर करना चाहिए और उन्हें हर खुशी देने का प्रयास करना चाहिए.

Meri Maa Essay in Hindi 250 words

मां ममता और वात्सल्य की मूरत है एक बच्चे की सबसे पहली दुनिया मां का आंचल ही होती है उसी की गोद में बैठकर वह दुनिया के नए रंग देखता है.

मां ही पहला गुरुकुल और पहला गुरु होती है और एक बच्चा सबसे पहला शब्द भी माँ ही कहता है. मां हमारी जीवन भर देखभाल करती है उसी की अच्छी परवरिश के कारण हम अच्छे इंसान बन पाते है.

हम चाहे कितने भी बड़े हो जाए लेकिन मां के लिए हमेशा बच्चे ही रहते है वह हर समय हमारी चिंता करती है और हमे सही राह दिखाती है.

मां हमारा हर सुख-दु:ख में साथ देती है जब हम बीमार होते हैं तो वही हमारे लिए रात भर जागती है भगवान से हमारे ठीक होने की प्रार्थना करती है.

वह हमारे लिए सब कुछ त्याग कर देती है, मां भूखी रहकर भी हमें भरपेट भोजन खिलाती है मां के जैसा त्याग और प्यार कोई नहीं कर सकता है.

यह भी पढ़ें – Best Mothers Day Poem in Hindi – माँ पर कविता

मां हमारी हर बात को समझती है चाहे हम उसे बताएं या नहीं वह हमारे हर आंसू की वजह पूछती है. अगर हम किसी कार्य को नहीं कर पाते है तो वह हमारा मार्गदर्शन करती है वह जीवन के हर एक मोड़ पर हमारे साथ खड़ी होती है.

मां अपने बच्चे से कभी रूठती नहीं है अगर वो रूठ भी जाती है तो ज्यादा देर तक रूठी हुई नहीं रह सकती है प्रेम और स्नेह का दूसरा नाम ही मां है. किसी भी व्यक्ति के अच्छे भविष्य के लिए मां का बहुत अधिक महत्व होता है.

Best Essay on Mother in Hindi 500 words

मां ईश्वर का दूसरा रूप है क्योंकि ईश्वर सभी जगह हमारी सहायता के लिए नहीं हो सकते इसीलिए उसने मां को बनाया है मां की ममता प्यार और स्नेह को प्राप्त करने के लिए तो ईश्वर भी धरती पर जन्म लेता है. मां से बड़ा दयालु और परोपकारी आज तक कोई नहीं हो पाया है और ना हो पाएगा.

मां वह धरा है जो खुद बंजर हो जाती है लेकिन अपने बच्चों का सही पालन-पोषण करके उनका अच्छा मार्ग दर्शन करके उन्हें उपजाऊ धरा के समान बनाती है.

Maa हमेशा हमारी खुशी मेरी खुश रहती है उसे कोई धन दौलत नहीं चाहिए उसे तो सिर्फ अपने बच्चों का प्यार चाहिए. मां हमेशा दिन-रात हमारे परिवार और हमारी सेवा में लगी रहती है लेकिन वह कभी नहीं कहती कि मैं थक गई या फिर मैं और काम नहीं कर सकती.

मां के जितना समर्पण और त्याग कोई अन्य व्यक्ति नहीं कर सकता है . मां हमारे जन्म से पहले से ही हमारा ख्याल रखना शुरू कर देती है हमारे जन्म के समय उसे असहनीय पीड़ा का सामना करना पड़ता है फिर भी वह हमारी एक मुस्कान देखने के लिए सारी पीड़ा को खुशी खुशी सह जाती है.

“गम की चोटे फौलाद से ज्यादा क्या होगी और मां की दौलत दुनिया में औलाद ज्यादा क्या होगी”

बचपन में वह हमारा पालन पोषण करती है, हमारी हर नादानी को नजर अंदाज करके हमें माफ कर देती है. मां सुबह सबसे पहले उठती है, वह हमें समय पर भोजन देती है, समय पर स्कूल जाने के लिए तैयार करती है,

पूरे दिन भर घर का काम करती है, इसके बाद जब हम घर लौट कर आते हैं तो एक मुस्कान के साथ हमारा हाल-चाल पूछती है और हम सब को सुलाने के बाद वह सोती है. इतना बड़ा कार्य तो सिर्फ माँ ही कर सकती है.

संसार में पुरुषों को सबसे शक्तिशाली बताया जाता है लेकिन सबसे शक्तिशाली तो मां है जिसके साहस, स्नेह, निडरता, बुद्धिमता, दयालुता और प्रेम भाव के आगे कोई भी नहीं टिक पाता है. माँ ही है जो करते हुए आंसुओं को पूछती है और एक मिनट में हमारे चेहरे पर मुस्कान बिखेर देती है.

कभी सोचा है मां हमारे लिए यह सब कुछ क्यों करती है क्योंकि वह सिर्फ और सिर्फ हमसे प्यार करती है वह अन्य दुनिया की तरह नहीं है जो स्वार्थ के लिए आप से प्रेम भाव रखते है.

मां ही हमारा पहला गुरु होती है वह हमें अच्छी शिक्षा देती है और समाज का एक अच्छा नागरिक बनाती है वह असफलता और सफलता दोनों में हमारे साथ खड़ी हुई होती है हमारे निराश होने पर वह आशा की किरण बनकर हमारे साथ चलती है और हमारा मार्गदर्शन करती है.

मां जीवन भर हमारे लिए इतना सब कुछ करती है तो हमारा भी फर्ज बनता है कि हमें भी मां के लिए कुछ करना चाहिए उनका हर समय खयाल रखना चाहिए उन्हें हर वह खुशी देने की कोशिश करनी चाहिए जो आज तक वो हमें देती आई है.

हमें प्रतिदिन मां का आशीर्वाद लेना चाहिए क्योंकि जब उसका आशीर्वाद मिल जाता है तब हमें किसी के आगे हाथ फैलाने नहीं पड़ते है.

आज आप हमारे साथ प्रण ले की जैसे मां ने आपका ख्याल रखा है वैसे ही आप भी उनका ख्याल रखेंगे और जो खुशियां उन्हें नहीं मिल पाई वो खुशियां उन्हें देंगे.

Essay on Mother in Hindi 1000 words

मां की व्याख्या करने की ताकत किसी भी कलम में नहीं है क्योंकि मां को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है फिर भी मैं मां के ऊपर आज कुछ लिखना चाहता हूं.

मां उस जल के समान है जो निरंतर बहता रहता है और दुनिया को जीवन देता रहता है मां उस अटल पहाड़ की तरह है जब मुसीबत आती है तो वह पहाड़ की तरह मजबूती से खड़ी रहती है.

मां नदी के समान है जो निरंतर निर्मल और परोपकार की भावना रखते हुए बहती रहती है. मा तपती धरती के समान है जो खुद त्याग करके अपने बच्चों की परवरिश करती है. मां में तो पूरा ब्रह्मांड समाया है क्योंकि उसके बिना इस धरती पर जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है.

मां ईश्वर का सबसे अनमोल उपहार है जिसे मिलता है उसके जीवन से दुख दूर हो जाते हैं और जीवन में खुशियां ही खुशियां भर जाती है. वह जीवन की अंतिम पल तक हमारा साथ नहीं छोड़ती है भले ही हमने क्यों न उसका साथ छोड़ दिया हो.

जीवन में मां का महत्व –

मां का हमारे जीवन में बहुत अधिक महत्व है क्योंकि उसके बिना हमारा जीवन संभव नहीं हो पाता वही हमें इस दुनिया में लेकर आती है. हमारे जन्म के समय उसे असहनीय पीड़ा महसूस होती है लेकिन फिर भी वह हमारे लिए पीड़ा को सहन करके हमें जीवन प्रदान करती है.

मां हमारे बचपन से ही हमारा पालन-पोषण करती है हमारी हर जरूरतों को पूरा करती है वह स्वयं भूखी रह जाती है लेकिन हमें भरपेट भोजन कराती है. वह स्वयं गीली जगह पर सो जाती हैं लेकिन हमें हमेशा सूखे में सुलाती है.

मां हमारा पहला गुरुकुल और पहली गुरु होती है वही हमें सर्वप्रथम शिक्षा देती हैवह धीरे-धीरे है मैं अपने पैरों पर चलना सिखाती है. वह अपने पूरे जीवन का त्याग करके संपूर्ण जीवन हमें समर्पित कर देती है वह हमेशा अपने दुखों को भूलाकर हमारी खुशियों के बारे में सोचती है.

मां हमें बचपन में अच्छी शिक्षाप्रद कहानियां सुनाती है जिनसे हमारा जीवन और भी सुलभ हो जाता है. वह हमें जीवन जीने का तरीका बतलाती है. वह समाज की बुरी कुरूतियो से लड़ना सिखाती है.

जब हम खुश होते है तो वह बहुत खुश होती है. मां के जितना कोई निडर नहीं हो सकता क्योंकि जब हमारे ऊपर कोई भी मुसीबत आती है तो सबसे पहले वह हमारे आगे खड़ी होती है और हमारा बचाव करती है. मां हमेशा हमारे प्रति परोपकार की भावना रखती है वह कभी भी हमसे कुछ नहीं मांगती है हमेशा हमारे बिना मांगे हमारी जरूरतें पूरी करते है.

मां हमें समाज में जीने का तरीका बदल आती है वह हमें अच्छे और बुरे में भेद करना सिखाती है वह हमें लोगों का सम्मान करना सिखाती है हमें निरंतर बिना रुके चलना सिखाती है. मां जीवन भर हमारी सेवा करती रहती है हमें छोटी सी चोट लग जाने या फिर बीमार होने पर वह चिंतित हो जाती है और दिन रात जाग कर सेवा करती है.

ईश्वर से हमारी ठीक होने की मन्नतें और प्रार्थना करती है. वह सदा हमारे लिए ही प्रार्थना करती है कभी अपने लिए कुछ नहीं मांगती क्योंकि उसके लिए हम ही सब कुछ होते है.

हम चाहे कितने भी बड़े हो जाए लेकिन मां के लिए जीवन भर हम एक छोटे बच्चे के समान ही होते हैं जिस पर अगर थोड़ी सी भी मुसीबत आ जाए तो वह कहीं भी हो दौड़ी चली जाती है.

वह हमें चुनौतियों से लड़ना सिखाती है और अगर हम कभी निराश होते हैं तो आशा की किरण बनकर हमारा हौसला बढ़ाती है और जब तक हम सफलता प्राप्त नहीं कर लेते हमारा हाथ थामे साथ खड़ी रहती है.

मां का विश्वास और आर्शीवाद हमारे ऊपर सदा बना रहता है तभी हम जीवन में एक अच्छे इंसान बन पाते है और सफलता प्राप्त कर पाते है.

मां हमें हमेशा साहसी धैर्यवान और अच्छे व्यक्तित्व वाला व्यक्ति बनाती है वह चाहती है कि हम इस दुनिया के लिए कुछ अच्छा करें और इस समाज पर एक अमिट और अच्छी छाप छोड़ें. मां सबसे बड़ा धन है जिसको यह मिल जाता है उसकी जिंदगी संवर जाती है.

मां और ईश्वर –

मां का दुलार और प्यार पाने के लिए ईश्वर भी धरती पर जन्म लेते है मां का प्यार होता ही ऐसा है जिसको पाने के लिए ईश्वर भी धरती पर चले आते है इसका एक स्पष्ट उदाहरण है भगवान श्री कृष्ण जिन्होंने मां की ममता पाने के लिए धरती पर जन्म दिया था.

भगवान श्री कृष्ण ने एक नहीं दो माताओं का प्यार और दुलार पाया था. इससे यह स्पष्ट होता है कि ईश्वर भी मां को प्रणाम करते है.

मां के प्रति हमारे कर्तव्य –

मां हमारे लिए पूरा जीवन समर्पित कर देती है और बदले में हम उन्हें दो वक्त की रोटी तक नहीं दे पाते है यह बहुत ही विडंबना का विषय है कि जिस मां ने हमारे लिए पूरा जीवन कठिनाइयों और मुसीबतों को झेल कर हमें जीवन दिया, हमें दुनिया की हर एक खुशी दी और हमें एक अच्छा व्यक्ति बनाया.

अब हमारे बड़े होने पर मां के प्रति हमारे भी कुछ कर्तव्य बनते है. हमें मां की हर जरूरत को पूरा करना चाहिए. उनकी हर एक खुशी देनी चाहिए. वृद्धावस्था में उनकी सेवा करनी चाहिए. उनके पास बैठकर कुछ समय बिताना चाहिए.

सुबह शाम उनसे मिलकर उनका हाल-चाल पूछना चाहिए प्रतिदिन उनका आशीर्वाद लेना चाहिए क्योंकि मां की आशीर्वाद से बड़ा कोई धन नहीं होता है. उन्हें भी उतना ही प्यार करना चाहिए जितना उन्होंने हमें किया था.

मां को हमारे से कुछ नहीं चाहिए ना उसे धन चाहिए ना उसे बड़ा मकान चाहिए उसे तो सिर्फ अपने बच्चों का प्यार चाहिए और खुशियां चाहिए.

इसलिए हमें हमेशा उनके प्रति कृतज्ञ रहना चाहिए और हर संभव सेवा करनी चाहिए मां वह अनमोल धन है जो कि अगर एक बार खो जाए तो जिंदगी में दोबारा कभी नहीं मिलता है.

उपसंहार –

मां के जितना त्यागी, साहसी, धैर्यवान, निडर, तपस्वी, परोपकारी, जीवनदायी कोई नहीं हो सकता है . मां ईश्वर का ही दूसरा स्वरूप है जिसने हमें पृथ्वी पर जीवन दिया है.

इस अमूल्य जीवन का हम कभी भी कर्ज अदा नहीं कर सकते हैं इसलिए जितनी हो सके उतनी मां की सेवा करनी चाहिए उन्हें हर वह खुशी देनी चाहिए जिसके लिए उन्होंने अपने जीवन को हमारे व्यक्तित्व को निखारने के लिए समर्पित कर दिया.

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हम आशा करते है कि हमारे द्वारा Essay on Mother in Hindi  आपको पसंद आया होगा। अगर यह लेख आपको पसंद आया है तो अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ शेयर करना ना भूले। इसके बारे में अगर आपका कोई सवाल या सुझाव हो तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं।

30 thoughts on “माँ पर निबंध – Essay on Mother in Hindi”

Thank you hindi yatra for this legend essay.

Welcome Aarav Srivastava

what a good composition ! It is really very helpful!! Thank You!!!!!!!!!!!!!!!

Thank you Pracheta Das for appreciation

Hahta hu me ek choti si dunya ho Or jisme phle name meri maa ho

Shiv kashyap ji aap ne bahut accha likha hai.

It is a very nice essay and it helps me in my summer vacation homework…..I give this essay a five star rating…..I loved the essay very true and heartiest ♥️ lines have been written…..I loved it a lot… thanks for writing this type of good essay

Thank you Sandeep for appreciation and keep visiting hindi yatra.

thank you its very good for childern

Welcome sannvi and thank you for appreciation.

Yes it’s very much good for my dear mum

Thank you Krishna for appreciation.

Baht achha hai raise aur bhi nibandh mujhe chahiye

Sunny giri, Hame khushi hai ki aap ko nibandh pasnd aaya dhanyawad.

all best word of maa

Thank you kamlesh kumar deoria up for appreciation.

Like your essay very much one mistake in it but top essay like it very much . mother is nicely described in it.

Thank you Rohit Owandkar for appreciation.

All right…….

Thank you Mayank for appreciation.

Thanks for writing this type of good essay I Loved it alot😘

Welcome Ishika and thanks for appreciation.

please sir this essay send on my email. please sir and send my email

faizan sayyad, Aap yaha se copy kar sakte hai apne school project ke liye

Satik likha hai

Sarahna ke liye Dimple ji aap ka bhut bhut dhanyawad.

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Shila Sarkar, We are grateful that you are like our content, thank you very much for the appreciation.

It is very nice essay an that’s line is very great thank u for write. This essay

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माँ पर निबंध 500 शब्दों में | My Mother Essay in Hindi

  • by Rohit Soni
  • Essay , Education

मेरी माँ पर निबंध 500 शब्दों में (My Mother Essay in Hindi) और माँ पर निबंध 10 लाइन में पढ़िए।

” चलती फिरती आंखों से, अजाँ देखी है, मैंने जन्नत तो नहीं देखी, लेकिन माँ देखी है। “

Table of Contents

माँ पर निबंध 10 लाइन – My Mother Essay in Hindi 10 lines

  • माँ अपने बच्चों से बहुत ज्यादा प्यार करती हैं।
  • माँ हमारी प्रथम गुरु भी होती है।
  • माँ की आंचल में रहकर हम चलना और बोलना सीखते है।
  • जब हमें नींद नहीं आती तो माँ हमें लोरी सुना कर सुलाती है।
  • माँ खुद भूखी रह सकती है परन्तु अपने बच्चों को कभी भूखा नहीं रखती है।
  • माँ अपने बच्चों की देखभाल बहुत ज्यादा करती है।
  • माँ की ममता का कोई भी मोल नहीं है।
  • माँ की ममता से भगवान भी छोटे है।
  • हमें अपने माता पिता को खूब सेवा करनी चाहिए।

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My Mother Essay in Hindi – माँ पर निबंध 500 शब्दों में

माँ पर निबंध 500 शब्दों में | My Mother Essay in Hindi (meri maa essay in hindi)

“माँ” केवल शब्द मात्र नहीं है अपितु इसमें पूरा संसार समाहित है। माँ की जितनी के बारे जितनी भी व्याख्या की जाए उतनी कम है। माँ के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। एक माँ जीवन दाता होने के साथ-साथ कई अन्य प्रकार के भी रोल निभाती है। जैसे- जन्म दाता है माँ, पालन हार है माँ, प्रथम गुरु है माँ, अच्छी दोस्त है माँ, रक्षक है माँ और हमारी कोच है माँ। और इसी प्रकार से जीवन के हर मोड़ में माँ अनेक प्रकार से हमारे साथ रहती है।

प्रथम गुरु माँ

माँ हमारी माता होने के साथ ही वह हमारी प्रथम गुरु भी होती है। माँ की आंचल में रहकर हम चलना और बोलना सीखते है। माँ हमें अच्छे संस्कार देती है। सही क्या है? और गलत क्या है? उसकी पहचान करना सिखाती है। हमें प्राथमिक ज्ञान अपनी माँ से ही मिलता है। हम जो भी कुछ सबसे पहले सीखते हैं वह माँ से ही तो सीखते हैं। इसलिए मैं इस बात को काफी गर्व के साथ कह सकता हूं कि मेरी माँ मेरी प्रथम गुरु है।

मेरी माँ मेरी प्रेरणा

मेरी माँ का पूरा जीवन संघर्षों से भरा हुआ होता है। सुबह से शाम तक माँ के ऊपर विभिन्न प्रकार की जिम्मेदारियां होती है। फिर भी कभी हार नहीं मानती है। जिसको देखकर हमें संघर्षों से लड़ने की प्रेरणा मिलती है। मेरी माँ हमेशा मेरी सफलताओं के लिए कड़ी मेहनत करती है। जब भी हम कभी उदास होते हैं तो माँ हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है। और जब हम कभी गलत रास्तों पर चले जाते हैं या फिर हमें कोई रास्ता समझ नहीं आता तो माँ हमें सही रास्ता दिखाती है। इसलिए मेरी माँ मेरी प्रेरणा स्रोत भी है।

मां का हमारे जीवन में स्थान

भगवान से भी ज्यादा महत्व माँ को होता है। भगवान भी माँ की ममता पाने के लिए तरसते हैं। जब भी हम किसी मुसीबत में होते हैं तो हमारी जबान पर भगवान से पहले माँ का नाम आता है। इसलिए माँ को सबसे ऊंचा दर्जा दिया गया है। एक माँ और बेटे का रिश्ता बहुत पवित्र होता है। एक माँ ही है जो अपने बच्चों के लिए दुनिया से लड़ जाती है परन्तु अपने बच्चों पर किसी भी प्रकार के संकट को बर्दाश्त नहीं कर सकती। इसलिए मां का हमारे जीवन में सबसे ऊंचा स्थान है।

माँ के प्रति हमारे कर्तव्य

एक माँ बच्चों के लिए बहुत कुछ करती है। माँ बच्चे को जन्म देते समय असहनीय पीड़ा को सहन करके बच्चे को इस दुनिया में लाती है। और फिर हजारों कष्ट सहन करके बच्चों का पालन-पोषण करती है। तथा जीवन जीने की सही राह दिखाती है। इसलिए माँ के प्रति जो हमारे कर्तव्य हैं उसे हमें जरूर करना चाहिए-

  • हमें माता पिता के साथ समय बिताना चाहिए और उनकी सेवा कर उन्हें हमेशा खुश रखना चाहिए।
  • ऐसा कोई काम नहीं करना चाहिए जिसकी वजह से माँ की आंखों में आंसू आए।
  • एक माँ अपने बच्चों का कभी भी बुरा नहीं चाहती है। उनकी डांट के पीछे कहीं ना कहीं हमारी भलाई ही छुपी हुई होती है।
  • हमें माता-पिता के बुढ़ापे का सहारा बनना चाहिए। जिस प्रकार से माँ बच्चों का ख्याल रखती है उसी प्रकार से हमें भी उनका ख्याल रखना चाहिए।

माँ पूजनीय है। माँ की ममता का इस जग में कोई मोल नहीं है। और माँ के बिना इस संसार की कल्पना नहीं की जा सकती है। मेरी माँ मेरी सुख-सुविधाओं के लिए अपने सुख-सुविधाओं का भी त्याग करने में कभी संकोच नहीं किया। मेरी सफलताओं के लिए उन्होंने ना जाने कितने कष्ट सहें हैं। उनके इस बलिदान का कर्ज हम कई जनम में भी नहीं चुका सकते हैं। जन्म देने वाली मेरी माँ को शत-शत नमन!

“ घुटनों से रेंगते-रेंगते, कब पैरो पर खड़ा हो गया। माँ तेरी ममता की छाँव में, न जाने कब बड़ा हो गया।। ” माँ पर शायरी

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हर बच्चा बनेगा बेहतर इंसान: माता पिता के साथ 11 व्यवहार के नियम

Faq my mother, q: मैं अपनी मां के बारे में निबंध कैसे लिखूं.

Ans: माँ के बारें में निबंध लिखना काफी सरल है। आप जो अपनी मां के बारे में जानते हैं। वह निबंध में लिख सकते हैं। जैसे- माँ के द्वारा किया गया संघर्ष, उनका परिवार और बच्चों के के लिये किया गया त्याग। और माँ की ममता-प्यार और भी ।

माँ शब्द भले ही सबसे छोटा है, लेकिन माँ पर लिखने के लिए शायद शब्द ही कम पड़ जाए।

Q: मां का हमारे जीवन में क्या महत्व है?

Ans: मां का हमारे जीवन में बहुत ज्यादा महत्व है। माँ हमारे जीवन को सवारनें के लिए अपनी सारी जिन्दगी कुर्बान कर देती है। हमारे खुशी के लिए दुनिया की सभी चुनौतियों से अकेले ही लड़ने में सक्षम है। और क्या कहूँ मां का हमारे जीवन में कितना ज्यादा महत्व है। क्योंकि माँ के बिना तो हमारे जीवन की शुरुआत ही नही होती।

Q: माँ का पर्यायवाची शब्द

Ans: मैया, माई, अम्मा, अम्मी, जननी, मातु, जन्मदात्री, मातृ, मातरि, महतारी, माता, जनयित्री, जननी, वालिदा, महन्तिन, धात्री, प्रसू, मम्मी, अम्ब, अम्बिका।

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चंद्रयान 3 पर निबंध 100, 300, 500 शब्दों में | Chandrayaan 3 Essay in Hindi

Hello friends मेरा नाम रोहित सोनी (Rohit Soni) है। मैं मध्य प्रदेश के सीधी जिला का रहने वाला हूँ। मैंने Computer Science से ग्रेजुएशन किया है। मुझे लिखना पसंद है इसलिए मैं पिछले 5 वर्षों से लेखन का कार्य कर रहा हूँ। और अब मैं Hindi Read Duniya और कई अन्य Website का Admin and Author हूँ। Hindi Read Duniya   पर हम उपयोगी , ज्ञानवर्धक और मनोरंजक जानकारी हिंदी में  शेयर करने का प्रयास करते हैं। इस website को बनाने का एक ही मकसद है की लोगों को अपनी हिंदी भाषा में सही और सटीक जानकारी  मिल सके। View Author posts

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मेरी माँ पर निबंध और उनका मेरे जीवन में महत्व

शीर्षक: मेरी माँ पर निबंध –  Importance of Mother in Hindi

“माँ” एक ऐसा शब्द है जिसे दुनिया का हर बच्चा अपने मुंह से इस दुनिया में आने के बाद सबसे पहले लेता है।

पिता जी और माता जी इस दुनिया में भगवान के वो रूप हैं जो बिना किसी स्वार्थ के हमें पालते है, पढ़ाते लिखाते है, स्कूल कॉलेज भेजते है और हमेशा भगवान से यही मांगते हैं की हमारा बच्चे पर कोई आंच न आये और उसे हर कामयाबी मिले।

इसे भी पढ़े: मेरी प्यारी माँ पर कविताएं

माँ हमारे लिए इतना कुछ करती है, इसलिए आज मैंने अपनी माँ के लिए एक सुंदर सा माँ पर निबंध लिखा है जो इस प्रकार हैं:-

माँ पर निबंध हिंदी में – Essay on Mother in Hindi 200 Words

यहां मैंने Essay on My Mother in Hindi For Class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 और 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए लिखा हैं।

Mother Day Essay in Hindi For School Students

माँ के बिना जीवन की उम्मीद नहीं की जा सकती अगर माँ न होती तो हमारा अस्तित्व ही न होता| इस दुनिया में माँ दुनिया का सबसे आसान शब्द है मगर इस नाम में भगवान खुद वास करते है.

जब नवजात शिशु इस दुनिया में आता है तो सबसे ज्यादा खुसी नवजात की माँ को होती है जैसे मानो की दुनिया की सबसे कीमती चीज उन्हें मिल गयी हो.

माँ अपने बच्चो के लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार रहती है| मनुष्य में ही नहीं हर प्रकार के जीव जंतु में यही होता है| अगर बच्चे पे आंच आने वाली होती है तो माँ सबसे पहले आगे आ जाती है.

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माँ अपने बच्चो के भविष्य के लिए सबसे ज्यादा चिंतित होती है और माँ से ज्यादा कोई बच्चे को प्यार नहीं करता है.

माँ अपने बच्चे से ज्यादा प्यार तो करती है मगर जब पता चलता है की बच्चा गलत रास्ते पर चल रहा है तो माँ एक गुरु की तरह उसे अपने पास बुला कर समझाती है और जरूरत पड़ने पर उसे दो हाथ भी लगा देती है.

माँ से बढ़ कर इस दुनिया में कोई नहीं होता है और यदि माँ न हो तो ये दुनिया सुखा रेगिस्तान के बराबर है। माँ को कभी ठेस नहीं पहुंचानी चाहिये.

माँ ही ऐसी होती है जो बच्चे की हर स्तिथि में बच्चे के साथ रहती है और उसका साथ देती है राह दिखाती है.

( Maa Shayari | Maa Quotes in Hindi )

10 Lines on Mother in English

Mother Day Essay in Hindi For School Students 250 Words

Best Speech on Mother in Hindi Language

“माँ” ये शब्द बड़ा अनमोल है। माँ शब्द ही नहीं बल्कि हमारे जीने का आधार है। बिना माँ के जीवन जीना बहुत मुश्किल है। जब सुबह सुबह आपकी आवाज न सुन लूँ तब तक ऐसा लगता है की सुबह हुई ही नही है या फिर लगता है की आज रविवार है।

माँ और भगवान में कौन बड़ा है ये सोच कर बड़ी असंजस में पड जाता हूँ, किसी के भी जीवन में एक माँ, सर्वश्रेष्ठ और सबसे महत्त्वपूर्ण होती है क्योंकि कोई भी उनके जैसा सच्चा और वास्तविक नहीं हो सकता। माँ हमेशा हमारे अच्छे और बुरे समय में साथ रहती है.

माँ के लिए उनके बच्चे बहुत किमती होते है। अपने जीवन में दूसरों से ज्यादा वो हमेशा हमारा ध्यान रखती है और प्यार करती है। अपने जीवन मे वो हमें पहली प्राथमिकता देती है और हमारे बुरे समय में उम्मीद की रौशनी जला देती है.

जिस दिन हम पैदा होते है वो माँ ही होती है जो सच में बहुत खुश हो जाती है। वो हमारे हर सुख-दुख में हमारा साथ देती हैं और कोशिश करती है कि हमारी सारी परेशानियाँ हल कर दें.

मुझे आज तक पता नहीं चल पाया है की जो मेरे मन में चल रहा होता है वो मेरी माँ को कैसे पता चल जाता है, माँ और बच्चों का रिश्ता बहुत ही अनमोल होता है जो कभी खत्म नहीं हो सकता है। कोई भी माँ कभी भी अपने प्यार और परवरिश में कमी नहीं लाती हैं.

“माँ” लोग कहते है की भगवान दिखाई नहीं देता लेकिन मैं कहता हूँ की आप ही मेरे भगवान हैं, माँ मैं आपके लिए दुनिया की हर ख़ुशी को आपके चरणों में ला दूंगा बस आप हमेशा मेरे साथ रहना मुझे कहीं छोड़ कर मत जाना।

  • मेरी प्यारी माँ पर कुछ प्रसिद्ध कविता
  • मेरी माँ पर दस वाक्य

Short Essay on Mother Day in Hindi 300 Words

“माँ” शब्द सिर्फ कहने में एक अक्षर का हो सकता है लेकिन कैसे बताऊँ मैं इस एक अक्षर के शब्द में कुटुंब समाया हुआ है। लोगों के जीवन में सबसे अहम किरदार सिर्फ माँ का ही होता है। किसी भी व्यक्ति के इस संसार में आने पर सबसे पहले एक ही शब्द निकलता है “माँ” ।

दुनिया की सबसे बड़ी गुरु माँ होती है, सही गलत का अर्थ माँ बचपन से ही बताती है, माँ ही होती है जो सबसे ज्यादा प्यार करती है, माँ भगवान का दूसरा रूप होती है, माँ का कहना जो मान लेता है वो सच में कामयाब हो जाता है।

जीवन में चाहे कितनी भी तरक्की पा लो, पैसा कमा लो, लेकिन सच मायने में केवल यही कहूँगा की यदि “माँ” खुश नहीं तो कितना भी पैसा कमा लो सब रद्दी है।

माँ-पिता का होना जीवन का सबसे अहम भाग होता है। हर किसी के माँ-पिता नहीं होते। लेकिन जिसके होते है वो सच में किसमत वाला होता है। एक दोस्त, एक बहन, एक भाई, एक गुरु, और कभी कभी एक पिता का अभिनय निभाती है जो उसे “माँ” कहते है।

जब जेब खाली होती है तब पिता से लड़ कर हमें पैसे देती है, हमारे मन की चीजें पहले ही जान लेती है वो होती है “माँ”।

कहने को इतने शब्द हैं मगर सिर्फ इतना ही कहूँगा की “माँ” चाहे कुछ भी हो जाए मुझे मत छोड़ना, मैं तुम्हारे बिना अकेला नही जी सकता इस दुनिया में।

“माँ” कुछ नही है मेरे पास फिर भी बहुत कुछ हैं मेरे पास जब तक तुम मेरे साथ हो। इस दुनिया से तो क्या भगवान से भी लड़ जाऊंगा मैं तुम्हारे लिए….।

“माँ” का रिश्ता केवल माँ ही निभा सकती है। माँ वो हैं जो खुद साधारण साड़ी पहनती है लेकिन अपने बच्चों को नए कपड़े दिलाती है। माँ वो होती है जो हमें जीवन जीने का तरीका सिखाती है। माँ के बिना जीवन अधूरा है। माँ के लिए कुछ अगर कह सकूँगा तो किस्मत वाला मानूँगा अपने आप को।

10 Lines on Mother in Hindi

Some lines on mother in hindi.

बुरे समय में जब सब साथ छोड़ देते है तब भी माँ का आशीर्वाद साथ होता है।
खुद गीले में सोकर अपने बच्चों को सूखे में सुलाती है।
थोड़ी सी तबीयत खराब होने पर पूरा घर सिर पर उठा लेती है मेरे “माँ”
माँ का प्यार किस्मत वालों को मिलता है।
खुशियों का भंडार होती है “माँ”

Essay On Mothers Day In hindi | माँ पर निबंध हिन्दी में

“माँ” जिन्हे हम जननी भी कह कर बुलाते है। माँ शब्द हर किसी के मुख पर होता है और माँ शब्द दुनिया का सबसे अनमोल शब्द है। इस दुनिया में भगवान का रूप ही होती है हमारी माँ। हम सभी के दिलों में अपनी माँ के लिए असीमित प्रेम होता है।

मातृ दिवस प्रत्येक बच्चे और उनकी माता के लिए अहम दिवस होता है। माँ पर दुनिया में सबसे ज्यादा भरोसा किया जाता है। एक माँ के लिए उनके बच्चों की मुस्कान ही सबसे ज्यादा कीमती होती है।

माँ हमेशा अपने बच्चों की लंबी उम्र के लिए पूजा पाठ करती है। ऐसे में मातृ दिवस प्रत्येक बच्चे के और उनकी माताओं के लिए बहुत ही खास होता है और इस दिन लोग अपनी माँ के लिए कुछ अच्छा करना चाहते है इसलिए मदर्स डे के लिए कुछ पंक्तियों को निबंध के रूप में लिखा गया है छोटे बड़े सभी मदर्स डे पर निबंध को अपने प्रयोग में ला सकते है।

मातृ दिवस पर छोटे और बड़े निबंध

जीवन में माँ का होना अत्यंत आवश्यक है जिस तरह एक मछ्ली के लिए पानी का होना बहुत जरूरी है उसी तरह एक माँ के लिए उनके बच्चे और बच्चों के लिए उनकी माँ अत्यंत प्रिय है। माँ न होती तो इस संसार की कल्पना करना सच में बहुत ही मुश्किल हो जाता। जीवन के सफर में माँ ही चलना सिखाती है।

माँ ही वो शख्स है जो अपने बच्चों को शुरू से अच्छे संस्कार देती है और माँ बिना स्वार्थ के हमेशा अपने बच्चों के भविष्य के प्रति चिंतित रहती हैं। सच में अगर माँ नहीं होती तो इस संसार में किसी को भी जन्म नही मिलता।

माँ-पिता उस आसमान की तरह होते है जो कभी कभी अपने बच्चों के लिए बरसते है और जरूरत पढ़ने पर धूप की तरह आंखे भी खोल देते है लेकिन आसमान की तरह कभी भी अपना साथ नहीं छोड़ते हैं।

माँ आसमान की तरह हर वक्त हमारे साथ रहती हैं, माँ हमेशा से अपने बच्चों की देखभाल पालन पोषण से लेकर उनकी कामयाबी तक अपना योगदान देती है, माँ अपने बच्चों की खुशी में ही अपनी खुशी खोज लेती है पता नहीं कैसे॥

माँ के इस प्रेम को हम सभी लोगों को धन्यवाद देना है। अब हमारा भी फर्ज बनता है कि हम भी अपनी माँ के सेवा करें और उनका ख्याल रखें।

Must Read: मातृ दिवस कविता: 2020 Mother’s Day Poems in Hindi

मेरी माँ पर निबंध हिंदी में – Best Speech on Mother in Hindi Language 600 Words

Happy Mothers Day Images with Name

माँ शब्द हम सब के जीवन का पहला वो शब्द होता है जिसे हम हर दुःख दर्द में सबसे पहले लेते है| भगवान का नाम भी इंसान दुःख दर्द में भूल जाता है मगर माँ का नाम लेना कभी नहीं भूलता.

“माँ और बेटे का इस जग में है बड़ा ही निर्मल नाता, पूत कपूत सुने है पर न सुनी कुमाता” ये वाक्य ही हमें माँ के बारे में बता देता है.

माँ हमारे जीवन का वो हिस्सा होती है जिसके बिना जीवन जीना बहुत मुश्किल हो जाता है, बेटे का प्यार माँ के लिए कम हो सकता है लेकिन माँ का प्यार अपने बच्चो के लिए कभी कम नहीं होता चाहे रात को माँ भूखी सो जाएँ मगर अपने बच्चों को कभी भूखा नहीं सुलाती ऐसी होती है माँ .

माँ अपने बच्चो से बहुत प्यार करती है चाहे खुद फटे पुराने कपडे पहन ले मगर अपने बच्चों के लिए नए कपडे खरीद कर देती है, खुद गिली जगह सो कर बच्चों को सूखे में सुलाती है माँ, माँ के बारे में कहना बहुत ही गर्व की बात है बड़े ही किस्मत वाले होते है जिनकी माँ होती है.

माँ हमेशा अपने बच्चो के साथ रहना चाहती है जब बच्चा स्कूल से आ जाता है तो माँ उसको खाना देती है उससे पूछती है की आज स्कूल में क्या क्या हुआ और खाना पूरा खाया की नहीं, और यदि आपको न पता हो तो मैं बता दूँ की एक माँ अपने बच्चो के लिए कुछ भी कर सकती है जैसे की मेमने (बकरी का बच्चा) के लिए उसकी माँ शेर से भी लड़ने की हिम्मत रखती है, और अपने बच्चे की रक्षा करती है.

माँ अगर बच्चे से नाराज हो जाये तो ज्यादा देर तक बिना बोले नहीं रह पाती हैं| माँ अपने बच्चो की खुशी के लिए निर्जल उपवास रखती है और बिना खाए पानी पिए पूरा दिन रह लेती हैं| पता नहीं चलता की भगवान ही माँ हैं या फिर माँ के रूप में भगवान आते हैं इस दुनिया में, हमारी रक्षा के लिए.

माँ मुझे नहीं पता की मैं आज क्या हूँ और कल क्या बनूँगा मगर में भगवान से हमेशा ही आपके लिए आपकी लम्बी उम्र के लिए प्रार्थना करूँगा|

तुमने मुझे जन्म दिया है खुद की जान खतरे में डाल के हमें इस दुनिया में लाया है, मै कभी आपका कर्ज नहीं चुका पाऊँगा, मैं कभी आपकी आँखों में आंसू नहीं आने दूंगा, माँ कोई भी दुःख दर्द हो तो मुझे बताओ, माँ में आपके लिए यमराज से भी लड़ जाऊंगा.

आपके बिना कोई भी नहीं है मेरा साथी, आप हैं तो दुनिया की सारी ताकत मेरे हाथों मैं है| मैं कभी गरीब नहीं हो सकता जब तक आप मेरे साथ हो|

“माँ” मुझे अँधेरे से डर लगता है, मगर जब आप साथ होती हो तो मैं हमेशा बिना डरे सो जाता हूँ| “माँ”, माँ मैं आपसे बहुत प्यार करता हूँ और आपके लिए दुनिया की हर ख़ुशी आपके चरणों में रखता हूँ.

धन्यवाद माँ मुझे इस दुनिया में लाने के लिए मैं कसम खाता हूँ… की आपकी आँखों में कोई आंसू नहीं आने दूंगा.

वो बहुत अमिर होते है जिनकी माँ होती है| बिना माँ के ये दुनिया उजड़ी उजड़ी सी लगती है| मैं कभी कभी सोचता हूँ की माँ अगर तुम न होती तो मेरा क्या होता इस जालिम दुनिया में मुझे कोन लाड प्यार करता, मुझे कोन खाने के लिए बार-बार पूछता…

जब कोई मुझे पिटता तो कोन मेरे लिए उनसे लड़ने जाता और मुझे अपनी गोद में रख कर लाड दुलार करता….. i love you so much maa….

लेखक: Shanu Gupta (शानू गुप्ता)

माँ पर निबंध का यह लेख अगर आपको अच्छा लगा हो तो कृपया करके जितना हो सके माँ के इस लेख को फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप्प इत्यादि पर शेयर जरुर करें और कमेंट के माध्यम से कुछ शब्द अपनी माँ के लिए लिखे| धन्यवाद ..!

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– Mother Essay in Hindi

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10 Comments

Sir yah apka post bahut hi achha laga. Maa pr Nibandh aapne achha likaha hain sach me Maa to Maa Hoti hain. Sir is post ke liye bahut – bahut dhnyabad.

Thank God bless you ?❤️??

sir its so nice eassy for mom

Mom is best to all world

Mom is the medicine for me

आप हमेशा ही बहुत अच्छी जानकारी शेयर करते है यह जानकारी मेरे लिए बहुत ही फायदेमंद है इसके लिए आपका बहुत बहुत आभार है

Sir i am a content writer now I am looking for new work if u have any work for me in content writing I am interested in that Waiting for ur reply

yes can you please email me regarding this

निबंध पढ़ने के बाद मुझे मां पर कुछ पंक्तियां याद आ गई, तो सुनिए : “माँ वह है जो हमारे सुख-दुःख की साथी होती है और हमेशा हमें पूरी दुनियां में सबसे अधिक प्यार करती है” 🥺. भाई आपके निबंध ने दिल छू लिया यार ♥️.

Regards, Jyotish

best ever this is a lot of thanks for this om

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Essay on Mother in Hindi : स्टूडेंट्स के लिए 100, 200 और 500 शब्दों में माँ पर निबंध

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  • Updated on  

Essay on Mother in Hindi

माँ शब्द बहुत ही छोटा शब्द है, लेकिन इसकी गहराई को कोई नहीं माप सकता है। माँ कोई कुछ शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता है। मां के लिए हर एक व्यक्ति की अपनी परिभाषा है। माँ को हम भगवान के रूप में भी देखते है, या कहे वो भगवान का ही एक रूप है। माँ आप पर आई हर परेशानी को चुटकियों में एक जादू की तरह दूर करने वाली जादूगर होती है। माँ हमारी सबसे पहली गुरु होती है, माँ जो कुछ भी शती है वो अपने बच्चों तक नहीं आने देती है। माँ की जगह कोई नहीं ले सकता। हम जब स्कूल में पढते है तो बहुत सी कविता, कहानियां माँ से संबंधित पढ़ने को मिलती है। और कभी कभी बच्चों से माँ पर निबंध लिखने को भी कहा जाता है। तो ऐसे में बच्चों को कभी कभी समझ नहीं आता की वो शुरुआत कैसे करें या क्या लिखे, इसे देखते हुए आज हम इस ब्लॉग में माँ पर निबंध लिख रहे हैं। इस ब्लॉग में आप 100, 200 और 500 शब्दों में Essay on Mother in Hindi के बारे में जान पाएंगे।

This Blog Includes:

माँ पर निबंध 100 शब्दों में, माँ पर निबंध 200 शब्दों में, माँ में है जीवन का महत्व, जीवन की पहली टीचर माँ , सुपरवुमन होती है माँ , निष्कर्ष , मेरी माँ पर 10 लाइन .

100 शब्दों में Essay on Mother in Hindi का सैंपल नीचे प्रस्तुत है। 

एक माँ केवल एक बच्चों को जन्म नहीं देती है बल्कि उसे प्यार करने, देखभाल करने और बिना किसी शर्त के खुद को आजीवन समर्पण करने को तैयार रखती है। हर व्यक्ति के जीवन में माँ एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, क्योंकि वह सिर्फ अपने बच्चों को प्यार, दुलार करती है। बल्कि वह एक रक्षक, मित्र और साथ ही एक अनुशासन की भूमिका भी निभाती है। माँ एक निस्वार्थ, प्यार करने वाली देवी होती है, जिसके लिए त्याग और प्यार की कोई सीमा नहीं होती है। मेरी माँ मेरे दिल में एक विशेष स्थान रखती हैं। मेरे माँ ने मेरे लिए जो भी समर्पण किये है, मैं कितना भी कर लू उसके इस कर्ज को कभी नहीं चुकाने लायक बन सकता हूँ।  

यह भी पढ़ें : राष्ट्रीय बालिका दिवस पर छात्र ऐसे लिख सकते हैं निबंध, यहाँ देखें सैंपल

Essay on Mother in Hindi

200 शब्दों Essay on Mother in Hindi कुछ इस प्रकार है –

बचपन से ही ‘एक माँ की गोद किसी भी अन्य की तुलना में अधिक आरामदायक होती है’, मैं हर एक परिस्थिति मानता हूँ। मेरी माँ एक निस्वार्थ, समर्पित और प्यार करने वाली महिला का एक आदर्श उदाहरण हैं। वह सबसे मजबूत है और मेरे परिवार और मेरी खुशियों के लिए किसी भी हद तक खुद को समर्पित करती है। मेरी माँ निरंतर समर्थन और जीवन में आने वाले हर उतार-चढ़ाव के दौरान मेरे साथ खड़ी रहीं। मेरी माँ मेरी पहली शिक्षिका थीं जिन्होंने मुझे जीवन के हर कदम पर सिखाया और परिवार, समाज और बड़ों का आदर करना सिखया। उन्होंने कभी गलत के आगे न झुकना और गलती पर पहले आगे आकर माफ़ी माँगना सिखाया। जब मैं किसी चीज को लेकर बहुत परेशान हुआ तो उसने धैर्य रखना सिखाया। परिवार में मेरी माँ का योगदान मुझे हमेशा सही रास्ते पर चलते रहने के लिए प्रेरित करता है। मई अपनी माँ को एक जादूगर कहता हूँ, जो मेरे और मेरे परिवार के सभी दुखों को दूर कर देती हैं और बहुत सरे प्यार और देखभाल प्रदान करती हैं। मेरी माँ मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा हैं जिन्होंने मुझे जीवन की सभी कठिनाइयों को पार करके अपने लक्ष्य हासिल करने, और बहादुर बनने की सीख दी।

यह भी पढ़ें :  मदर टेरेसा पर निबंध

माँ पर निबंध 500 शब्दों में

500 शब्दों Essay on Mother in Hindi कुछ इस प्रकार है –

माँ एक परिवार में सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति है क्योंकि वह सभी के बीच की एक महत्वपूर्ण कड़ी होती है। मेरा मानना है की भगवान यदि इस धरती पर अब तक जो भी सबसे बेहतरीन मनुष्य बनाया है, वह मां के रूप में है, क्योंकि वह बिना किसी शर्त के अपने बच्चों और परिवार को प्यार करती है।

“माँ” सिर्फ एक शब्द नहीं है यह अपने आप में एक एहसास और प्यार है, जब हम माँ कहते हैं, तो हमारी कई समस्याएं कोई चमत्कार की तरह दूर हो जाती हैं। माँ एक पल के लिए भी निराश हुए बिना हमेशा खुश रखती है। माँ के बिना हम अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते। माँ महत्व बचपन से बड़े होने तक रहता है, हम कितने भी बड़े हो जाये पर अपनी माँ के लिए हमेशा बच्चे ही रहते हैं।  

यह भी पढ़ें :  विश्व हिंदी दिवस पर निबंध

माँ हमें जितना प्यार करती है, उतना ही माँ हमें जीवन के हर उतार-चढ़ाव में आगये बढ़ने की प्रेरणा भी देती है। माँ ही अपने बच्चों को बहुत करीब और गहराई से जानती हैं। माँ की जरूरत हमें हमेशा होती है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि हम जीवन में कहाँ हैं, चाहे वे स्कूल जाना शुरू कर रहे हों, विदेश जाने की सोच रहे हों या जिंदगी में किसी बड़ी कठिनाईयों से गुजर रहे हों, हमें हमेशा अपनी माँ की मदद की ज़रूरत होती है। माँ अपने बच्चों को स्कूल जाने से पहले ही एक टीचर की तरह सिख देती है। बच्चे अपनी माँ से जो सीखते हैं वो शिक्षा उन्हें कोई नहीं दे सकता है। इस लिए हमेशा मन जाता है, की एक माँ बच्चे की पहली शिक्षिका होती है। 

माँ सिर्फ अपने बच्चों नहीं बल्कि पूरे परिवार को बहुत सहजता से संभालती है। वो घर के कामों के साथ बाहर की भी चीजों में हाथ बटाती है। जब इस दुनिया में प्यार, ईमानदारी और सच्चाई के बारे में सोचते हैं, तो सबसे पहले मां का चेहरा सामने होता है। माँ हमेशा मेरे लिए प्रेरणा का स्रोत रहती हैं। मेरे जीवन में अगर किसी इंसान की महत्वपूर्ण भूमिका है वो सिर्फ मेरी माँ की है। वह हमेशा हमारी भलाई, खास कर हमारी स्कूली शिक्षा और स्वास्थ्य के बारे में अत्यधिक चिंतित रहती हैं। जब हमें कोई चीज खाने की इच्छा होती है तो वो बिना आलास किये हमारे लिए तुरंत उसे बनती है, कभी कभी तो वो खुद भूखी सो जाती है, लेकिन कभी ये नहीं कहती कि आज ये चीज नहीं है। उसके जैसा त्याग कोई नहीं कर सकता है। 

हम जैसे जैसे बड़े होते हैं एक माँ की चिंता और अधिक बढ़ने लगती है, उसकी चिंता अपने बच्चों के करियर, स्वस्थ और दूर जाने के लिए होती है। हम कितने भी बड़े क्यों न हो जाये पर अपनी माँ को हमेशा वही प्यार और सामान देना चाहिए और कभी ये नहीं भूलना चाहिए उसने हमारे जीवन के लिए क्या क्या त्याग किये हैं।   

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मेरी माँ पर 10 लाइन्स कुछ इस प्रकार हैं –

  • मेरी माँ मुझसे बहुत प्यार करती है।
  • बच्चे की पहली गुरु माँ ही होती है, बचपन में माँ द्वारा सिखाई गई हर बातों के अनुसार ही बच्चे को संस्कार मिलते हैं।
  • माँ ही बच्चे की पहली और सबसे अच्छी दोस्त होती है, जिससे हम बिना किसी झिझक के अपने दिल की हर बात बता देते हैं।
  • मां महेश परिवार का पूरा ख्याल रखती हैं, वह हमेशा परिवार की खुशियों के बारे में सोचती हैं।
  • माँ सुबह 4 बजे उठ जाती है और घर का सारा काम करती है।
  • माँ मुझे स्कूल के लिए तैयार करती है और फिर मुझे स्कूल छोड़ती है।
  • हर रविवार मेरी माँ मेरे लिए मेरा पसंदीदा खाना बनाकर मुझे खिलाती है।
  • मेरी माँ मुझे अच्छी बातें सिखाती है, जब भी कोई समस्या होती है तो मेरी माँ मुझे अच्छी सलाह देती है।
  • मेरी माँ मुझे हर शाम पढ़ाती है और मेरा होमवर्क पूरा करने में मदद करती है।
  • मेरी माँ सुबह से शाम तक घर का काम करती है और पूरे परिवार की देखभाल करती है, इतना काम करने के बाद भी वह अपनी समस्याएँ किसी को नहीं बताती।

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सीखने का नया ठिकाना स्टडी अब्रॉड प्लेटफॉर्म Leverage Eud. जया त्रिपाठी, Leverage Eud हिंदी में एसोसिएट कंटेंट राइटर के तौर पर कार्यरत हैं। 2016 से मैंने अपनी पत्रकारिता का सफर अमर उजाला डॉट कॉम के साथ शुरू किया। प्रिंट और डिजिटल पत्रकारिता में 6 -7 सालों का अनुभव है। एजुकेशन, एस्ट्रोलॉजी और अन्य विषयों पर लेखन में रुचि है। अपनी पत्रकारिता के अनुभव के साथ, मैं टॉपर इंटरव्यू पर काम करती जा रही हूँ। खबरों के अलावा फैमली के साथ क्वालिटी टाइम बिताना और घूमना काफी पसंद है।

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essay on mother in hindi। माँ पर निबंध

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माँ भगवान् का स्वरुप है, अपने जीवन से बढ़कर यदि संतान को प्रेम करने वाला कोई है तो वो केवल माँ ही हो सकती है। आज हम आपके लिए इस पोस्ट में essay on mother in hindi ले कर आये है । माँ पर निबंध को आप स्कूल और कॉलेज इस्तेमाल कर सकते है । इस हिंदी निबंध को आप hindi essay on mother for class 1, 2, 3 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 तक के लिए थोड़े से संशोधन के साथ प्रयोग कर सकते है।

मां ईश्वर की एक ऐसी रचना है जो ईश्वर के समान है। बड़े बुजुर्ग कहते है कि भगवान हर जगह नही रह सकते इसीलिए उन्होंने  हर घर मे मां की रचना की। जिससे एक चलते फिरते भगवान से ये दुनिया अवगत हो। मां के बारे में हम आमजन जितना भी बोले वह कम ही है। इस पूरी सृष्टि में मां का कोई विकल्प नही। हमारे जीवन का सबसे अनमोल तोहफा मां है। वह हमे ज़िंदगी के हर सुख प्रदान करती है। चाहे वह स्वयं दुखी रह लेंगी परंतु अपनी संतान को वह कभी दुखी नही देख सकती। मां संतान का एक अभिन्न अंग होती है। हम सभी ने अपने जीवन में मां के प्रेम, समर्पण व शिक्षा का अनुभव ज़रूर किया है। शुरुवात करेंगे स्त्री से , हर मां स्त्री पहले होती है। कहते है कि स्त्री का हृदय कोमल होता है। लेकिन जिस स्थिति में स्त्री का हृदय सबसे कोमल होता है वह उसके मां बनने पर होता है। एक मां दुनिया के सारे रिवाजों को निभाते हुए अपनी संतान की जुम्मेदारी लेती है। वह इस दुनिया मे अपनी संतान के लिए  किसी से भी लड़ने के लिए तैयार होती है। साथ ही वह अपनी संतान की खुशी के लिए किसी के सामने झुकने को भी तैयार रहती है। 

प्रस्तावना- एक मां के समर्पण के बारे में हम सभी जानते है। मां अपनी संतान की खुशियों के लिए हर सम्भव प्रयास करती है। वह कठोर से कठोर त्याग करती है जिससे उनकी संतान के जीवन मे खुशियां रहे। एक मां के लिए उसकी सभी संतान एक होती है। चाहे वह लड़का हो या लड़की। चाहे संतान कितनी भी उम्र की क्यों न हो जाये मां के लिए वह छोटे बच्चे के समान ही रहता है। एक मां के लिए अपनी सभी संतान एक समान होती है। एक संतान को जन्म देने वाली मां का अपने पुत्र व पुत्री पर सर्वप्रथम व सबसे अधिक अधिकार होता है। पुत्र व पुत्री को इस दुनिया मे लाने वाली मां से बढ़ा ओधा किसी और का नही होता। इस दुनिया मे हर कार्य की कुछ विशेषता होती है। ठीक वैसे ही हमे जीवन देने वाली मां की अद्बुद्ध विशेषताएं है। जिसपर हम कुछ क्षण पश्च्यात गौर फरमाएंगे। संतान को जन्म देकर एक औरत मां का ओधा पाती है। किसी को जीवन देना वह विश्व के हर कार्य से सर्वोपरी है। इसीलिए मां को सर्वोपरि माना जाता है। 

मां की विशेषताएं-  

◆ यह नादान मनुष्य हर कार्य के लिए पैसे ले सकता है। जीवन का कोई भी कार्य हो आमजन बिना पैसे के या अन्य किसी लालच के नही करते। कोई भी काम को करने का उनका उद्देश्य पैसे कामना होता है। लेकिन सिर्फ मां होती है जो जीवन भर अपनी संतान को निष्काम रूप से प्रेम करती है। जो बिना किसी स्वार्थ के अपनी संतान की खुशियों के लिए हर संभव प्रयास करती है। मां अपने प्रेम के लिए कोई पैसा नही लेती। वह एक दिन दो दिन नही बल्कि अपनी जीवन के आखरी क्षण तक अपनी संतान की परवाह करती है। बिना किसी स्वार्थ के वह अपने पुत्र व पुत्री का हर काम करती है। खुद अधिक से अधिक कठनाइयों का सामना कर  अपनी संतान को सभी परेशानियों से दूर रखती है।

◆ इस जीवन मे हर छोटी बड़ी चीज़ का दाम लगाया जा सकता है। परंतु मां की ममता का दाम लगाने की किसी मनुष्य की हिम्मत नही। मां की ममता इतनी अनमोल है कि मां अपनी संतान की रक्षा के लिए अपने आप की जान न्योछावर करने के लिए तैयार होती है। अपने पुत्र व पुत्री के लिए जान भी देना पड़े तो माँ कभी पीछे नही हटती। यह अन्य किसी भी रिश्ते से सबसे बड़ा रिश्ता है। अन्य कोई रिश्ते में जान न्योछावर करने की क्षमता नही होती। मां के अलावा कोई मनुष्य व जानवर नही है जो अपनी ममता से अपनी संतान को हर सुख प्राप्त करवा सके।

 ◆ मां नौ माह तक हमे अपने गर्भ में रखती है। उसे अनंत कठिनाइयों व पीड़ा का सामना करना पड़ता है। इसके बाद भी वह अपनी संतान के लिए हर पीड़ा को खुशी-खुशी सहन करती है। अपनी संतान के अलावा उस वक़्त उस मां के लिए कोई ज़रुरी नही होता। इसके बाद हमारे पैदा होने के बाद से जो हर क्षण हमारे साथ हमारे जीवन के हर उतार चढ़ाव में रहती है वह मां है। मां एक अभिन्न अंग होने के साथ ममता की जीती जागती मूरत है।

◆ आज संसार विभिन्न जाती, वर्ग, धर्म, सम्प्रदाय में बंटा हुआ है। लेकिन मां की ममता का कोई धर्म कोई जाति कोई सम्प्रदाय नही होता। उसकी ममता अपनी संतान के लिए निष्काम होती है। वह इन सभी चोंचलों से परी है। इन सभी की विभिन्नता के बावजूद मां की ममता सर्वोपरि व सबसे ऊपर है। 

◆ मां हर रुतबे से बड़ी है। विशेषकर मां कभी गरीब व अमीर नही होती। चाहे कितनी भी खराब स्थिति में मां क्यों न रहे वह अपने पुत्र व पुत्री को एक अच्छा जीवन देने का प्रयास करती है। चाहे कितनी भी गरीबी में उन्हें क्यों ना जीना पड़े वह अपनी संतान के लिए अच्छा खाना, अच्छी शिक्षा, अच्छा माहौल देने का प्रयास करती है। एवं वह जितना कर सकती हैं उससे कई ज़्यादा वह अपनी संतान के लिए करती है। मां  के पास अपनी संतान को रखने के लिए चाहे पैसों की कमी क्यों न हो वह अपनी संतान के भरण पोषण के लिए दिन-रात जी जान लगा कर कार्य करती है। मां की ममता का कोई दाम नही होता हर मां अपनी संतान की खुशियों के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित करती है।

◆ एक मां हमेशा अपनी संतान का भला चाहती है। मां ने चाहे कितने भी संघर्षो के साथ अपना जीवन क्यों न बिताया हो पर वह अपनी संतान के लिए एक बढ़िया जीवन की कामना करती हैं। वह अपनी संतान के जीवन मे खुशहाली, मिठास की कामना करती है। वह हर प्रयास कर अपनी संतान को जीवन का हर सुख देती है। और भविष्य में उसे परेशान ना होना पड़े इसकी कामना करती है। 

◆ एक मां के लिए उसका पुत्र काला , गौरा, लंबा, छोटा नही होता। मां के लिए पुत्र व पुत्री दोनो समान होती है और मां कभी भी ना लड़का लड़की में भेद भाव करती है, और ना ही रंग रूप व कद काठी में। मां की ममता उसकी हर संतान के लिए समान होती है। ज़माने के लिए चाहे उसकी संतान कैसी भी क्यों ना हो पर मां के लिए हमेशा उसकी संतान अव्वल होती है।चाहे लोग कुछ भी बोले मां के लिए उसका पुत्र व पुत्री सबसे अच्छा होता है। चाहे उसकी संतान ज़माने के लिए विकलांग क्यों ना हो पर मां के लिए वह सम्पन्न होता है। माँ की ममता ये रंग-रूप, कद-काठी की महोताज नही है। वह इन सभी से कोसो ऊपर है। वह अनमोल से भी अनमोल दिखावटी चीजों से भी ऊपर है।

 ◆  दुनिया वाले चाहे कितना भी कष्ट पहुचाने का प्रयास क्यों न करे व कितनी बेकार परिस्थिति क्यों ना आजाये मां अपनी संतान के सामने हमेशा ढाल बनकर खड़ी होती है। 

◆ मां अपनी संतान को जीवन जीना सीखती है। मां अपनी संतान को संस्कारों से सम्पन्न करती है। उसमे अन्य लोगो के प्रति आदर, सम्मान, अपनापन, दीनता, परोपकार का भाव पैदा करती है। जिससे वह अपने जीवन के नैतिक मूल्यों को ना भूले। मां अपनी संतान को ऐसे संस्कार देती है जिससे वह जहां भी जाये खूब कीर्ति व ख्याति प्राप्त करे। 

मां का अपमान व बुज़ुर्ग अवस्था- बचपन मे हमे हाथ पकड़ कर चलना सीखाने वाली मां को हम बड़े होकर वृद्ध आश्रम में छोड़ जाते है। क्या यही दिन देखने के लिए उन्होंने हमे चलना सीखाया था? हम बड़े होकर प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से अपनी ही मां के साथ अपमानजनक व्यवहार करते है। क्या यही अपमान देखने के  लिए उन्होंने हमे हर कठिनाईयों से दूर रखा? हमारे बड़े होने पर हमें अन्य हर रिश्ते महत्वपूर्ण लगते है। क्या यही व्यवहार देखने के लिए उन्होंने हमे हर बेहकावों से बचा कर रखा?

ऐसे नाजाने कितनी बार हम मां के साथ गलत व्यवहार करते है। हम बड़े होकर उनके हर समर्पण को भूल जाते है जो वह हमारे लिए बचपन से करती आ रही है।

उपसंहार- मां इस सृष्टि की सबसे खूबसूरत व कोमल रचना है। जिसके बिना मनुष्य ममता से अछूता रहेगा। मां का प्रेम पाने वाले हम सब नसीबवाले है। हमे हमेशा उनके समर्पण को याद रख उनके चरणों मे समर्पित रहना चाहिए। जिस तरह से उन्होंने अपनी छाया में हमे सुरक्षित रखा ठीक उसी तरह हमे भी उनका ख्याल रखना चाहिए। उनकी खुशियों का ध्यान रख उन्हें समय देकर हर उन्हें जीवन का हर सुख प्राप्त करवाना चाहिए। 

हमें आशा है आपको mother in hindi निबंध पसंद आया होगा। आप इस निबंध को mother day essay in hindi के रूप में भी प्रयोग कर सकते है। इस निबंध को essay on my mother in hindi के लिए भी प्रयोग कर सकते है ।

Hindi Essay

मेरी माँ पर निबंध | Essay On My Mother In Hindi 500 Words | PDF

Essay on my mother in hindi & paragraph.

Essay On My Mother In Hindi 500 + Words (Download PDF) मेरी माँ पर निबंध कक्षा 5, 6, 7, 8, 9, 10 के लिए। – इस निबंध के माध्यम से हम जानेंगे कि अपने माँ के बारे में एक अच्छा निबंध कैसे लिखे तो शुरू करते है।

हर माँ अपने बच्चे को दुनिया की किसी भी चीज़ से ज्यादा प्यार करती है। हम सभी की माँएँ हैं और हमें अपनी माँओं से प्यार और सम्मान करना चाहिए। आज मैं अपनी माँ के बारे में बहुत सी बातें साझा करने जा रहा हूँ। एक माँ अपने बच्चे को आर्थिक , शारीरिक और भावनात्मक रूप से बड़ा करने के लिए सर्वश्रेष्ट प्रयास करती है |

कभी-कभी वे हमारे जीवन को बेहतर बनाने के लिए अतिरिक्त काम करते हैं, लेकिन वे इसके लिए कभी बुरा नहीं मानते हैं। माताएं निस्वार्थ और गैर-शिकायत हैं, वे अपने जीवन के बारे में कभी शिकायत नहीं करती हैं। यह एक माँ के बारे में सबसे महत्वपूर्ण बात है। वे ज़िम्मेदारियाँ लेना और उन्हें पूरा करना करती हैं। माँ वह है; जिसकी वजह से हम इस दुनिया को देख रहे हैं। हमें कभी भी उन्हें निराश नहीं करना चाहिए। हमें उनसे प्यार और सम्मान करना चाहिए।

My mother essay in Hindi & paragraph

मेरी माँ का नाम कविता है और वह एक शिक्षिका हैं। वह पचास साल की है। वह हमारे परिवार में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उसका दिन बहुत सुबह शुरू होता है; वह उठती है और हम सभी के लिए खाना बनाती है। फिर वह पूरे घर की सफाई करती है और हमें स्कूल ले जाती है।

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स्कूल से वापस आने के बाद, खाना फिर से बनाती है, और हमें परोसती है । मुझे लगता है कि वह अब तक की सबसे अच्छी कुक है। वह वास्तव में स्वादिष्ट भोजन बनाती है। मेरी मां मेरी सबसे बड़ी समर्थक हैं। मैं जो भी करता हूं, वह प्रेरित करती है और एक मार्गदर्शक के रूप में मेरे पीछे खड़ी रहती है। मेरी पिछली विज्ञान परियोजना में, उसने मेरी सबसे अधिक मदद की और मैं प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर आया। जब मुझे कुछ भी सफलता मिलती है, तो वह उस समय सबसे खुश होती है।

माँ और बच्चे का संबंध:

एक माँ और बच्चे के बीच का संबंध वास्तव में अद्भुत है। हर बच्चे के लिए मां सबसे महत्वपूर्ण चीज होती है और बच्चे माताओं की पहली प्राथमिकता होते हैं। यह रिश्ता दुनिया का सबसे शुद्ध रिश्ता है।

माँ बिना किसी अपेक्षा के अपने बच्चों के लिए सब कुछ करती है। वे सिर्फ अपने बच्चों के लिए एक बेहतर जीवन चाहती हैं। तो माँ और बच्चे के बीच की बॉन्डिंग मज़बूत होती है और कोई भी ताकत इस बॉन्डिंग को तोड़ नहीं सकती है।

वह मुझे कितना प्यार करती है:

कोई सीमा नहीं है या मैं उसके लिए मेरे प्यार को नहीं माप सकता। मुझे पता है कि वह मुझसे सबसे ज्यादा प्यार करती है और मैं भी उससे बहुत प्यार करता हूं। केवल उसी के कारण घर को ‘गृह’ कहा जाता है। वह मेरी सबसे अच्छी दोस्त और मार्गदर्शक है। वह मुझे सिखाती है कि दुनिया में कैसे जीवित रहना है।

माँ वह है जो कभी भी हमसे ज्यादा प्यार करते नहीं थकती। एक माँ का प्यार अलग है, अनोखा है और किसी अन्य व्यक्ति द्वारा प्रतिस्थापित करना संभव नहीं है। हमें पूरी दुनिया में ऐसा कोई प्यार नहीं मिला जिसकी तुलना मां के प्यार से की जा सके।

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माँ की आवश्यकता

हम जहां भी हैं, माता का आशीर्वाद हमारे साथ है। माँ के आशीर्वाद के बिना जीना हमारी कल्पना से परे है। सुबह वह बच्चे को बड़े प्यार से उठाती है और रात के दौरान वह बच्चे को बड़े प्यार से कहानियां सुनाती है।

माँ अपने बच्चे को स्कूल के लिए तैयार होने में मदद करती है और बच्चे के लिए सुबह का नाश्ता और दोपहर का भोजन भी बनाती है। माँ दरवाजे पर खड़ी रहती है, दोपहर को बच्चे के स्कूल से आने का इंतज़ार करती है। मां बच्चे को होमवर्क करवाने में मदद करती है।

लेकिन साथ ही, वे उनके संस्कारों और उनके रीति-रिवाजों का भी दृढ़ता से पालन करते हैं। हमारे घर में सभी त्योहार पूरे रीति-रिवाज के साथ मनाए जाते हैं। घर में आने वाले हर मेहमान का स्वागत करने के लिए मेरी मां बहुत अच्छा प्रयास करती है।

एक गाइड के रूप में:

एक मार्गदर्शक के रूप में मेरे जीवन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है। मैं जो भी करता हूं, वह मुझे सही रास्ते पर ले जाती है। कभी-कभी, हम गलतियाँ करते हैं और वे हमें अभिभावक के रूप में सही बात शिखाती हैं। वह वह है जो हमें प्रकाश में लाता है और जीवन से सभी अंधकार को दूर करता है।

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निष्कर्ष :- मुझे अपनी माँ से बहुत प्यार है। मुझे लगता है कि वह दुनिया की सबसे अच्छी इंसान हैं। वह मेरी जिंदगी है; मैं उसके साथ हमारे लंबे जीवन की कामना करता हूं। उन लोगो को जिनके पास माँ कहने को नहीं है। वे एक माँ के मूल्य और महत्व को समझते हैं। इसलिए हमें अपने जीवन में उसकी उपस्थिति की सराहना करने की जरूरत है।

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FAQs. On My Mother In Hindi

आपके जीवन में माँ का क्या महत्व है.

उत्तर – यह बहुत पुरानी कहावत है कि भगवान हर जगह नहीं हो सकते, इसलिए उन्होंने एक ऐसी माँ बनाई जो अपने बच्चों से हर सुख और दुख में निस्वार्थ भाव से प्यार करती है। माँ के महत्व को शब्दों में नहीं बताया जा सकता है। यह समझने की बात है,

माँ आप के विचार से कैसी होनी चाहिए?

उत्तर – माँ कल्पना करने की चीज नहीं है। वह प्रेम की मूर्ति है, माँ जो भी है, वह अपने बच्चों की नज़र में सबसे खास है जिसे शब्दों में पिरोया नहीं जा सकता।

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मेरी माँ पर निबंध (My Mother Essay In Hindi)

Table of Contents

माँ इस एक शब्द को सुनते ही हमारे मन में श्रद्धा और प्यार की भावनाएं उमड़ने लगती हैं, मानो जैसे इस एक शब्द में ही सारी दुनिया समाई हुई हो। ऐसा इसीलिए होता है क्योंकि माँ और बच्चे का रिश्ता ही इतना अटूट होता है, जिसे कोई चाह कर भी बयां नहीं कर सकता।

अर्थात् पुत्र कुपुत्र हो सकता है परन्तु माता कभी कुमाता नहीं होती।

सर्वगुण सम्पन्न माँ

माँ कल्पवृक्ष की तरह बच्चों कि पसंद कि सारी वस्तुएं उनके सामने हाजिर कर देती है, या फिर उसके लिए हर संभव प्रयास करती है। बेटी हो या बेटा, छोटा हो या बड़ा हर बच्चे के साथ समान व्यवहार करती है और उन्हें समान रूप से शिक्षित करती है।

माँ पर निबंध (Short Essay On My Mother In Hindi)

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मेरी माँ पर निबंध | Essay on Mother in Hindi

Essay on Mother in Hindi : आज हम यहाँ  मेरी माँ पर निबंध  आपके लिए लिखा हैं. हर इंसान के जीवन में माँ का अहम योगदान होता हैं.

चाहकर भी माँ के ऋण की अदायगी एक जन्म में नहीं की जा सकती हैं. हमें इस दुनियां में लाने तथा संसार से परिचय माँ ही कराती हैं. अपनी माँ को समर्पित यह निबंध पढ़िये.

मेरी माँ पर निबंध Short Essay on Mother in Hindi

मेरी माँ पर निबंध | Essay on Mother in Hindi

कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 और 12 के लिए यहाँ हम Essay on Mother in Hindi साझा कर रहे हैं. बच्चे इस निबंध की मदद से माँ पर कुछ अनुच्छेद निबंध इत्यादि लिख सकेगे. चलिए अब हम 100, 250, 500 or 1000 में निबंध जानते हैं.

10 Lines दस वाक्य

(1) मैं अपनी माँ को ईश्वर का उपहार मानता हूँ.

(2) मां ही वह जीवात्मा हैं जो हर समय अपनी सन्तान की फ़िक्र में रहती हैं.

(3) मेरी माँ हमेशा मेरा हाथ बंटाने का प्रयत्न करती हैं.

(4) वह दिन के तीनों वक्त परिवार के सभी लोगों के लिए भोजन तैयार करती हैं.

(5) मेरी मां मेरे घर के प्रत्येक सदस्य का ख्याल करती है तथा उन्हें सम्मान देती हैं.

(6) जीवन में क्या गलत हैं क्या सही इसकी परख माँ ही सिखलाती हैं.

(7) बिना शर्त मेरी माँ स्वयं खुश रहकर पूरे परिवार को खुश रखती हैं.

(8) हमारे घर आने वाले प्रत्येक मेहमान की खातिरदारी करती हैं.

(9) आज की माताएं नौकरी करके भी संतानों का पेट भरने के काबिल हैं.

(10) मेरी माताजी सह्रदय दयालु एवं धार्मिक विचारों की हैं वह मुशीबत में सबका साथ देती हैं.

100 words Essay On My Mother In English Language

mother is an important member of the family. my mother is a noble lady. her name is Mrs. Sudha she is a pious lady. she is b.a, b.e.d. she is a teacher. she is a religious lady. she says the prayer to god every day.

she cooks meals, washes clothes, and brings us up. she is active in her habits. he has a deep love for us. she is a kind lady. she believes in giving alms to the poor. she tells us stories from the Ramayana and Mahabharat.

we respect our mother. we feel her absence when she is out of the station. I am proud of my mother. may she live long?

मेरी माँ पर निबंध (100 शब्द)

मां परिवार का एक महत्वपूर्ण सदस्य है। मेरी मां एक महान महिला है। उसका नाम श्रीमती सुधा है वह पवित्र दिल की महिला है। मेरी माँ बी.ए., बी.ई., विद्यालय शिक्षक है। वह एक धार्मिक महिला है। वह हर दिन भगवान से प्रार्थना करती है।

वह भोजन बनाती है, कपड़े धोती है और हमें जगाती है। वह अपने कामकाज में हर वक्त व्यस्त रहती है। उनके दिल में सभी सदस्यों के लिए गहरा प्यार है। वह एक दयालु महिला है। वह गरीबों को दान देने में विश्वास करती है। वह हमें रामायण और महाभारत की कहानियां सुनाती है।

हम अपनी मां का सम्मान करते हैं। जब वह कभी घर से बाहर होती है तो हम उसकी अनुपस्थिति महसूस करते हैं। मुझे मेरी मां पर गर्व है। भगवान उनका आसरा सदा हम पर बनाए रखे.

Short Essay on Mother in Hindi 150 words

मेरी प्यारी माँ ‘मेरे जीवन का सबसे अहम है। वह हमारे लिए सब कुछ करती है। वह बहुत ही दयालु एवं ध्यान रखने वाली हैं. मेरी मां एक गृहिणी है वह उन लोगों में से एक हैं जिन्हें मैं सबसे ज्यादा सम्मान और प्यार करता हूं।

दिनभर काम में व्यस्त रहने के उपरान्त भी वह मेरे लिए वक्त निकाल कर पढ़ाई में मेरी मदद करती हैं वे हमारे साथ खेलती हैं वह संघर्षशील महिला हैं तथा मैंने अपनी माँ को कभी धैर्य खोते हुए नहीं देखा हैं. वह स्वयं पर भरोसा कर मुसीबत से लड़ने में विश्वास करती हैं.

माँ की दी यह सीख मुझे जीवन में बहुत काम आती हैं वाकई में परेशानी आने पर हथियार डाल देने की बजाय उससे लड़कर पार पाने में संतुष्टि मिलती हैं वह किसी और में नहीं हैं. हमें अपनी माँ को प्यार करना चाहिए तथा वृद्धावस्था में अपने माता पिता का ध्यान रखना एक सन्तान का दायित्व हैं.

Best Essay on Mother in Hindi 250 words

मुझे अच्छी तरह याद हैं, जब मैं अपनी माँ का हाथ पकड़कर उन्हें वैष्णो देवी की चढ़ाई पर ले गया था. तब मेरी उम्रः मात्र छः वर्ष की थी. मुझे वो दिन भी याद हैं, जब मेरे पिताजी मुझे अपने कंधे पर बिठाकर मेला दिखाने ले गये थे और मैंने झुला झुलाया था. तथा गुब्बारा भी दिलाया था.

मेरे माता-पिता मुझे बहुत प्यार करते हैं, जब मैं बीमार पड़ जाता तो माँ पिताजी दोनों रात रात जागते थे. तेज बुखार होने पर माँ मेरे माथे पर पानी में भिगोकर पट्टी बांधते थे तो माँ अपने पल्लू से मेरे हाथ व पैर के पजों को झाडती रहती थी ताकि मेरा बुखार जल्दी से उतर जाए.

मेरे ह्रदय में मेरे माता पिता के प्रति असीम आदर हैं. मैं नित्य सुबह उठकर अपने माता पिता के चरण स्पर्श करता हूँ. फिर वे मुझे आशीर्वाद देते हैं. मैं सोचता हूँ कि मेरे माता पिता की छत्रछाया मुझ पर सदैव बनी रहे.

ताकि मुझे हमेशा उनका आशीर्वाद और लाड दुलार मिलता रहे. मेरे मम्मी पापा मेरे लिए सब कुछ त्याग करने के लिए सदैव तत्पर रहते हैं और मैं भी उनकी हरेक इच्छा पूरी करने के लिए हमेशा तैयार रहता हूँ. मेरे आदरणीय माता पिता दुनियां के सबसे अच्छे माता पिता हैं.

Meri Maa Par Nibandh 500 Word

वैसे तो लोग कहते हैं कि नारी अबला होती है परंतु मेरी नजर में नारी अबला नहीं बल्कि बहुत ही शक्तिशाली होती है क्योंकि जो लोग नारी को अबला और कमजोर समझते हैं वह लोग नारी से ही पैदा होते हैं। नारी एक ऐसी शक्ति होती है जो एक नए जीव को इस धरती पर पैदा करती है।नारी को हम बहन, मां,पत्नी के रूप में जानते हैं।

मेरी मां भी एक नारी है, स्त्री है जो कमजोर नहीं है। हम अपनी मां को किसी भी प्रकार से कमजोर नहीं मान सकते क्योंकि एक मां अपने बच्चे पर संकट आने पर भगवान से भी लड़ सकती है।

मेरी मां का नाम सुनीता देवी है जो बहुत ही प्यारी है।जब हम आराम से सुबह सोते होते हैं,तो मेरी मां सबसे पहले हमारे घर में उठ जाती है और घर में सबसे पहले उठने के बाद वह पूरे घर की साफ सफाई करती है।

उसके बाद स्नान करती है और फिर भगवान की पूजा करती है और जब हम स्कूल जाने के लिए तैयार होते हैं तब वह स्कूल जाने के लिए तैयार होने में हमारी सहायता करती है और स्कूल ले जाने के लिए हमें टिफीन भी बना कर देती है।

मेरी मां मेरे पिताजी के अलावा मेरे दादा दादी की भी पूरी देखभाल करती है और उनकी हर सुख सुविधा का ख्याल रखती है। मेरी दादी कहती है कि मेरी मां उनकी सबसे पसंदीदा बहू है। मैं खुद भी अपनी मां की सारी बातें मानता हूं और वह भी मेरी सारी बातें मानती है।

अच्छी पढ़ी-लिखी होने के कारण मेरी मां घर का काम निपटाने के बाद नौकरी करने के लिए भी जाती है और वह घर के काम और ऑफिस के काम में अच्छा सामंजस्य बैठाकर चलती है।

मेरी मां का स्वभाव बहुत ही मिलनसार और हंसमुख है, इसीलिए हर कोई उनकी तरफ स्वाभाविक तौर पर अट्रैक्ट होने लगता है।

मेरी मां अपने काम को पूरी जिम्मेदारी के साथ निभाती है,इसीलिए ऑफिस में हर कोई उनकी तारीफ करता है। मेरी मां सिर्फ मेरी मां ही नहीं बल्कि वह मेरी सबसे अच्छी दोस्त भी है।

अगर मुझसे किसी भी प्रकार की गलती हो जाती है तो मेरी मां मुझे मारती नहीं है बल्कि मुझे प्यार से समझाती है। 

जब मैं कभी दुखी हो जाता हूं तो बिना कुछ कहे ही मेरी मां को मेरे दुख के बारे में पता चल जाता है क्योंकि मां आखिर मां होती है और मां से ज्यादा अपनी संतान का दुख और कौन समझ सकता है।

जब मेरी मां मुझे प्यार से समझाती है,तब मैं अपने सारे दुख भूल जाता हूं और फिर से मेरे चेहरे पर मुस्कान आ जाती है।

मेरी मां हमेशा मुझे और सभी बच्चों को अच्छी अच्छी बातें बताती हैं और वह कभी भी किसी बच्चे के बारे में कोई भी बुरी बात ना तो कहती हैं ना हीं सुनती है।

मेरी मां मेरे लिए एक आदर्श व्यक्ति है। वह हमें जिंदगी में आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है,साथ ही जिंदगी में कभी भी किसी के साथ छल कपट ना करने के लिए भी कहती है और हमेशा हमें सही रास्ते पर चलने के लिए कहती हैं।

मैं अपनी मां से बहुत ज्यादा प्यार करता हूं और मैं भगवान का इस बात के लिए शुक्रिया अदा करना चाहता हूं कि उन्होंने मुझे इतनी अच्छी मा‌ दी।

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मेरी मां पर अनुच्छेद | Paragraph on My Mother in Hindi

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मेरी मां पर अनुच्छेद | Paragraph on My Mother in Hindi!

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मेरी मां बहुत प्यारी हैं । वे रोज सुबह घर में सबसे पहले उठ जाती हैं । भगवान से लेकर घर के सब लोगों का ध्यान मेरी मां ही रखती हैं । वे दादा-दादी का पूरा ध्यान रखती हैं । पापा, मेरी और मेरी छोटी बहन की हर एक छोटी बड़ी बातों की परवाह भी मेरी मां करती हैं । दादी कहती हैं कि मेरी मां घर की लक्ष्मी हैं । मैं भी मां को भगवान के समान मानता हूँ और उनकी हर बात मानता हूँ ।

मेरी मां जॉब भी करती हैं । घर और ऑफिस दोनों की जिम्मेदारी वै बहुत ही अच्छे से निभाती हैं । उनके सरल और सुलझे व्यवहार की तारीफ उनके ऑफिस के सारे लोग करते हैं । मेरी मां गरीबों और बीमारों की भी हर संभव मदद करती हैं । मेरी मां मेरी सबसे अच्छी दोस्त हैं ।

मैं जब कोई गलती करता हूँ तब मां मुझे डांटती नहीं हैं बल्कि प्यार से मुझे समझाती हैं । जब मैं दुखी होता हूँ तब मेरी मां ही मेरे मुरझाए चेहरे पर मुस्कराहट लेकर आती हैं । उनके प्यार और ममतामयी स्पर्श को पाकर मैं अपने सारे दुख भूल जाता हूँ ।

मेरी मां ममता की देवी समान हैं । वे मुझे और मेरी बहन को हमेशा अच्छी-अच्छी बातें बताती हैं । मेरी मां मेरी आदर्श हैं । वे मुझे सच के रास्ते पर चलने का सीख देती हैं । समय का महत्व बताती हैं । कहते हैं मां ईश्वर के द्वारा हमें दिया गया एक वरदान है ।

जिसकी आंचल की छांव में हम अपने आप को सुरक्षित महसूस करते हैं और अपने सारे गम भूल जाते हैं । मैं अपनी मां को बहुत प्यार करता हूँ और भगवान को धन्यवाद देता हूँ कि उन्होने मुझे दुनिया की सबरसे अच्छी मां दी ।

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माई मदर पर निबंध 10 lines (My Mother Essay in Hindi) 100, 150, 200, 500, शब्दों मे

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माई मदर पर निबंध (My Mother Essay in Hindi ) : एक माँ एक ऐसे व्यक्ति को दिया गया शब्द है जो जीवन भर अपने बच्चों की भलाई, विकास, विकास और कल्याण के लिए बलिदान और प्राथमिकता देता है। एक माँ न केवल एक बच्चे या बच्चों को जन्म देती है, बल्कि उससे प्यार करने, बच्चे या बच्चों की देखभाल करने और बिना किसी पूर्वापेक्षा या शर्तों के समर्पण और भक्ति दिखाने के लिए आजीवन प्रतिबद्धता रखती है।

My Mother Essay in Hindi – माताएँ प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं क्योंकि वह एक रक्षक, एक मित्र और साथ ही एक अनुशासक की भूमिका निभाती है। एक माँ एक निस्वार्थ, प्यार करने वाली इंसान है जिसकी गर्मजोशी, त्याग और प्रेम की कोई सीमा नहीं है। मेरी माँ पर इस निबंध में, मैं अपनी माँ के बारे में बात करने जा रहा हूँ और उन कारणों के बारे में जो मेरे दिल में एक विशेष स्थान रखती हैं। मेरी माँ पर लेख के अलावा, हमने मेरी माँ विषय पर भाषण तैयार करने में आपकी मदद करने के लिए निबंध को पैराग्राफ में तोड़ा है।

माई मदर निबंध 10 पंक्तियाँ (My Mother Essay 10 lines in Hindi)

  • 1) मेरी माँ मेरी सबसे अच्छी दोस्त और दुनिया की सबसे अच्छी माँ है।
  • 2) उसका नाम अंजलि है और वह हमारे लिए बहुत जिम्मेदार है।
  • 3) वह घर पर रहती है और घर का काम संभालती है।
  • 4) वह हर बार मेरी मदद करती है।
  • 5) वह बहुत स्वादिष्ट खाना बनाती है।
  • 6) वह मेरे स्कूल के होमवर्क को पूरा करने में मेरी मदद करती है।
  • 7) वह हमारी बहुत परवाह करती है और हमसे बहुत प्यार करती है।
  • 8) मेरी मां कहती हैं कि हमें सबका सम्मान करना चाहिए।
  • 9) वह मुझे कभी पीटती नहीं है लेकिन कभी-कभी मुझे डांटती है।
  • 10) मैं अपनी माँ से बहुत प्यार करता हूँ।

इनके बारे मे भी जाने

  • Essay in Hindi
  • New Year Essay
  • New Year Speech
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मेरी माँ निबंध 100 शब्द (My mother Essay 100 words in Hindi)

मेरी माँ का नाम सुचिता मित्रा है। वह दुनिया की सबसे अच्छी माँ हैं। मेरी मां एक गृहिणी है। वह घर में सब कुछ संभालती है। उसका दिन हर सुबह जल्दी शुरू होता है। वह उठती है और हमारे लिए खाना बनाती है। फिर वह हमें स्कूल ले जाती है। फिर वह दोपहर के भोजन के लिए खाना बनाती है। वह एक मेहनती महिला हैं। उसने हमारे जीवन को बेहतर बनाने के लिए बहुत सारे बलिदान किए हैं। वह हमेशा हमारे साथ रहना पसंद करती है। वह हम में अपनी खुशी ढूंढती है। मैं अपनी माँ से बहुत प्यार करता हूँ। मुझे लगता है कि वह इस दुनिया में अब तक की सबसे अच्छी है।

मेरी माँ निबंध 150 शब्द (My mother Essay 150 words in Hindi)

मैंने अब तक जो सीखा है उसमें माँ सबसे उपयुक्त शब्द है। मेरे जीवन में मेरी मां मेरे लिए सबसे प्रभावशाली व्यक्ति हैं। वह न केवल मेहनती हैं बल्कि अपने काम के प्रति भी काफी समर्पित हैं। वह सुबह जल्दी उठती हैं और सूरज उगने से पहले ही अपने दैनिक कार्य शुरू कर देती हैं।

मेरी माँ बहुत सुंदर और दयालु महिला हैं जो हमारे घर में सब कुछ संभालती हैं। मेरी माँ के लिए मेरे मन में विशेष सम्मान और प्रशंसा है क्योंकि वह मेरी पहली शिक्षिका हैं जो न केवल मेरी किताबों के अध्यायों को पढ़ाती हैं बल्कि मुझे जीवन का सही रास्ता भी दिखाती हैं। वह हमारे लिए खाना बनाती है, परिवार के प्रत्येक सदस्य की उचित देखभाल करती है, खरीदारी आदि के लिए जाती है।

मेरी माँ निबंध 200 शब्द (My mother Essay 200 words in Hindi)

My Mother Essay in Hindi – माँ वो होती है जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। मेरे जीवन में, मेरी माँ वह व्यक्ति है जो मेरे दिल पर सबसे ज्यादा कब्जा करती है। वह हमेशा मेरे जीवन को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। मेरी मां एक खूबसूरत महिला हैं जो मेरे जीवन के हर क्षेत्र में मेरा ख्याल रखती हैं।

उनका बिजी शेड्यूल सूरज उगने से पहले ही शुरू हो जाता है। वह न केवल हमारे लिए खाना बनाती है बल्कि मेरे दैनिक कार्यों में भी मेरी मदद करती है। जब भी मुझे अपनी पढ़ाई में कोई कठिनाई आती है तो मेरी माँ शिक्षक की भूमिका निभाती है और मेरी समस्या का समाधान करती है, जब मैं ऊब जाता हूँ तो मेरी माँ एक दोस्त की भूमिका निभाती है और मेरे साथ खेलती है।

मेरी माँ हमारे परिवार में एक अलग भूमिका निभाती है। जब हमारे परिवार का कोई सदस्य बीमार पड़ता है और हमारी उचित देखभाल करता है, तो वह रातों की नींद हराम कर देती है। वह परिवार की भलाई के लिए मुस्कुराते हुए चेहरे के साथ बलिदान दे सकती है।

मेरी माँ स्वभाव से बहुत मेहनती हैं। वह सुबह से रात तक सारा दिन काम करती है। वह मेरे जीवन के हर क्षेत्र में मेरा मार्गदर्शन करती है। छोटी सी उम्र में मेरे लिए यह तय करना आसान नहीं था कि क्या अच्छा है और क्या बुरा। लेकिन मुझे जीवन की सही राह दिखाने के लिए मेरी मां हमेशा मेरे साथ हैं।

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मेरी माँ निबंध 500 – 600 शब्द (My mother Essay 500 – 600 words in Hindi)

My Mother Essay in Hindi – इस दुनिया में हर मां अपने बच्चों के लिए वाकई कमाल की होती है। आज मैं अपनी माँ के बारे में कुछ साझा करने जा रहा हूँ। मुझे लगता है कि हर किसी को अपनी मां से प्यार और सम्मान करना चाहिए क्योंकि उन्होंने ही हमें जन्म दिया और हमें इस खूबसूरत दुनिया को देखने दें। हमें अच्छे तरीके से पालने के कारण उसने इतने सारे दर्द और समस्याओं को सहन किया है।  

मेरी माँ : मेरी माँ का नाम सुनीता शर्मा है। मुझे लगता है कि वह दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं। वह सबसे मजबूत महिला है जिसे मैंने कभी देखा है। उसने जीवन में बहुत सी समस्याओं और बाधाओं का सामना किया है और सभी को बुद्धिमानी से हल किया है। वह एक गृहिणी है और चालीस साल की है।

वह वास्तव में मेहनती है और उसके मेहनती स्वभाव ने हमारे जीवन को वास्तव में बेहतर और आरामदायक बना दिया है। वह परिवार को बेहतर बनाने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करती है। वह सुबह-सुबह परिवार की पहली रिसर है। खाना पकाने और कपड़े धोने सहित, वह लगभग हर घर का काम अकेले करती है।

उनके समर्पण और बलिदान के कारण, हम एक परिवार के रूप में वास्तव में खुश हैं। मेरे पिता को हाउसकीपिंग के लिए इतना दबाव लेने की जरूरत नहीं है। वह वह है जो लगभग सब कुछ संभालती है। वह हमें शादी, जन्मदिन पार्टियों जैसे सामाजिक कार्यों में ले जाती है।

वह एक मिलनसार चरित्र है। उसके बहुत सारे दोस्त हैं और वे अक्सर हमारे घर आते हैं। हम भी कभी-कभी उनके यहां जाते हैं। वह पड़ोसियों और हमारे रिश्तेदारों के साथ वास्तव में अच्छे संबंध रख रही है। उसके बारे में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वह कभी शिकायत नहीं करती है।

My Mother Essay in Hindi उसे अपने जीवन के बारे में पछतावा और शिकायत नहीं है। वह हमारे साथ व्यस्त है, हमारे जीवन को बेहतर बना रही है। मुझे लगता है कि एक मां के अलावा कोई और आपके लिए इतना निस्वार्थ नहीं हो सकता। भगवान के ठीक बाद माँ सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति है, इसलिए मैं अपनी माँ का सबसे अधिक सम्मान और प्यार करता हूँ।  

एक शिक्षक के रूप में माँ : माताएँ हमेशा सभी के जीवन की पहली शिक्षक होती हैं। मेरे जीवन में, वह पहली थी जिसने मुझे बोलना, चलना और अक्षर जानना सिखाया। मैं उन दिनों को याद नहीं कर सकता लेकिन महसूस कर सकता हूं कि वह एक अविश्वसनीय महिला है। उन्होंने मुझे मेरे जीवन की पहली कविता सिखाई। फिर भी, अब वह मेरे जीवन में एक अद्भुत शिक्षिका है। वह हमेशा मेरा होमवर्क करने में मेरी मदद करती है। और कभी-कभी वह मेरी परियोजनाओं में मेरी मदद करती है।  

जीवन में माँ का महत्व : जब हम शिशु या छोटे बच्चे होते हैं तो हमारी माँ के अलावा हमारे जीवन में कुछ भी नहीं होता है। उस वक्त हमें मां की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। वे एक उचित इंसान के रूप में विकसित होने के लिए हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे हमें जीवन में हमारे पहले शिक्षक के रूप में पढ़ाते हैं। वे हमें चलना, बोलना, खाना और सब कुछ दिखाते हैं। आराम करने के लिए यह सबसे अच्छी जगह है।

एक माँ के गुण : एक अच्छी माँ में बहुत सारे गुण होते हैं। मुझे लगता है कि हर मां एक अच्छी मां होती है। आइए देखें एक अच्छी मां के कुछ गुण।

निस्वार्थ – निस्वार्थता एक माँ का सबसे बड़ा गुण है। वे कभी अपने बारे में नहीं सोचते। वे अपने बच्चों के लिए कितना त्याग करते हैं।  

कड़ी मेहनत – वे कड़ी मेहनत कर रहे हैं। वे परिवार के लिए बहुत मेहनत करते हैं। वे हमारे भविष्य को बेहतर बनाने के लिए काम करते हैं।  

देखभाल – सभी माताएँ देखभाल कर रही हैं। वे हमारी और पूरे परिवार की देखभाल करना पसंद करते हैं। उन्होंने हमारे साथ एक बंधन स्थापित किया।

लविंग – वे हमसे बहुत प्यार करते हैं। मां के प्यार की तुलना कोई प्यार नहीं कर सकता।

निष्कर्ष : अंतत: वह वह व्यक्ति है जो मेरे जीवन में सबसे महत्वपूर्ण है। मैं उससे बहुत प्यार करता हूं और उसका सम्मान करता हूं। मैं अपने जीवन में हमेशा उसके साथ रहना चाहता हूं। वह वाकई अद्भुत है।

माई मदर पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

माताएँ क्या प्रतीक हैं.

इसमें कोई रहस्य नहीं है कि एक माँ धैर्य, दया, क्षमा, ईमानदारी और एक विशेष बिना शर्त प्यार जैसी विशेषताओं का प्रतीक है जो किसी और के समानांतर नहीं है।

माताओं पर एक प्रसिद्ध उद्धरण का उल्लेख करें?

नेपोलियन का एक प्रसिद्ध उद्धरण था जब उन्होंने दावा किया था कि अच्छी माताएँ एक राष्ट्र को महान बनाती हैं।

विवेकानंद ने क्यों कहा कि समाज के विकास के लिए महिलाओं की शिक्षा जरूरी है?

स्वामी विवेकानंद उन कुछ लोगों में से एक थे जिन्होंने पहले के भारतीय समाज में महिला शिक्षा के महत्व को समझा था क्योंकि लिंग के बावजूद एक बच्चा हमेशा अपनी मां से प्रभावित होता है क्योंकि मां ही उनका पालन-पोषण करती है। इसलिए, किसी समाज को आसानी से शिक्षित और उन्नत बनाने के लिए, किसी को भी बालिकाओं की उचित शिक्षा से शुरुआत करनी होगी।

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मेरी माता जी पर निबंध

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मेरी माता जी मुझे बहुत प्यार करती है। माता जी को हम प्यार से माँ कहकर बुलाते हैं। वह मेरे खाने-पीने, सोने-जागने, पढ़ाई तथा तंदुरुस्ती आदि सभी बातों का ख्याल रखती है। वह मेरे गृहकार्य को पूरा करने में मेरी मदद करती है। मैं कभी बीमार पड़ जाता हूँ, तो वह बेचैन हो जाती है। माँ एक परिवार की एक महत्वपूर्ण सदस्य है।

मेरी माँ बहुत मेहनती है। वह हमेशा घर के कामों में लगी रहती है। वह हमारे पूरे परिवार का ध्यान रखती है। फुरसत के समय वह अखबार या कोई पुस्तक पढ़ती है। मेरी माँ एक दयालु महिला हैं और उन सभी की मदद करती हैं जो मुसीबत में हैं। वह बड़ों का सम्मान करती है और सभी के साथ अच्छे व्यव्हार के साथ रहती है। हम अपनी मां का बहुत सम्मान करते हैं।

मेरी माँ बहुत भली है। वह पड़ोसियों की भी मदद करती है। मैं अपनी माँ को बहुत चाहता हूँ। हमें हमेसा अपने माँ का सम्मान करना चाहिए।

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माँ का महत्व पर निबंध – Essay on Mother in Hindi

माँ पर निबंध | माँ का महत्व पर निबंध | essay on mother in hindi.

Best Essay on Mother in Hindi - Maa

बच्चों , जब आपको चोट लगती है तो सबसे पहले जिसकी याद आती है वह कौन है ? और किसे सुनाई थी आपने अपनी तोतली जुबान में पहली कविता ? और कोई नहीं, वह माँ ही तो है। जरा सोचो, अगर माँ सुबह जल्दी आपको न उठाए तो आप स्कूल कैसे पहुँच पाएंगे।

माँ ही तो है जो आपकी हर छोटी से छोटी जरूरत के लिए कई – कई बार टोकती है। किस व्यक्ति या वस्तु के प्रति कैसा दृष्टिकोण होना चाहिए, कैसे लोगों का आदर सम्मान करना है यह आपको माँ ही तो बताती है। धार्मिक एवं नैतिक मूल्यों का ज्ञान भी सर्वप्रथम माँ से ही मिलता है। नैतिक मूल्यों की शिक्षा, सिद्धांतवादी बनना और अच्छा इंसान बनने की प्रेरणा इत्यादि सभी ज्ञान माँ ही सबसे पहले देती है।

माँ के कारण ही आपमें आत्मसम्मान की भावना पनपती है। आपको अपनी विशेषता का पता चलता है। जिंदगी में आगे चलकर आप जो कुछ बनते हैं उसमें सबसे अहम् भूमिका माँ की ही होती है। सर्वप्रथम माँ ही आपकी आदर्श गुरु बनती है साथ ही जीवन के अन्य महत्वपूर्ण पाठ अपनी अनुभव की किताब से माँ ही सिखाती है।

व्यापक संदर्भों में देखें तो प्रात: से सायं तक दैनिक चर्या मेें हमें नित्य सावधान रखने वाली माँ ही है। अपने असीम प्रेम से हमारे अवगुणों को गुणरूप में परिवर्तित करके माधुर्य और चन्दन का रूप देने वाली वात्सल्यमूर्ति उदार-हृदया माँ ही है। विषम परिस्थितियों में भी मेरु पर्वत के समान निश्चल रहकर धैर्य का पाठ पढ़ाने वाली वात्सल्यवारिधि माँ ही हैं। अपने आध्यात्मिक ज्ञान से मानव जीवन की प्रतिकूलताओं को अनुकूलता में बदलने की सदा शिक्षा देने वाली ज्ञानमूर्ति माँ ही हैं। इस धरती पर इन्सान के रूप में माता-पिता, भाई-बहन, गुरु एवं भगवान के रूप में निरंतर साथ रहने वाली माँ ही हैं।

मां प्राण है, मां शक्ति है, मां ऊर्जा है, मां प्रेम, करुणा और ममता का पर्याय है। मां केवल जन्मदात्री ही नहीं जीवन निर्मात्री भी है। मां धरती पर जीवन के विकास का आधार है। मां ने ही अपने हाथों से इस दुनिया का ताना-बाना बुना है। सभ्यता के विकास क्रम में आदिमकाल से लेकर आधुनिककाल तक इंसानों के आकार-प्रकार में, रहन-सहन में, सोच-विचार, मस्तिष्क में लगातार बदलाव हुए। लेकिन मातृत्व के भाव में बदलाव नहीं आया। उस आदिमयुग में भी मां, मां ही थी। तब भी वह अपने बच्चों को जन्म देकर उनका पालन-पोषण करती थीं। उन्हें अपने अस्तित्व की रक्षा करना सिखाती थी। आज के इस आधुनिक युग में भी मां वैसी ही है। मां नहीं बदली। विक्टर ह्यूगो ने मां की महिमा इन शब्दों में व्यक्त की है कि एक मां की गोद कोमलता से बनी रहती है और बच्चे उसमें आराम से सोते हैं।

माँ ही ईश्वर से जोड़ती है, गुरु से मिलाती है। इसीलिए माँ को भारतीय संस्कृति में देवी स्वरूप स्थान प्राप्त है। उसमें धैर्य है, करुणा है। अपनाने का साहस है। त्यागने का जज्बा है। देखा होगा अपने घर में कि सभी लोगों को खिलाने के बाद ही माँ खाती है। व्यंजन कितना भी स्वादिष्ट क्यों न हो, पर उसे खाने से पहले खिलाने में संतुष्टि मिलती है। तभी तो कहा गया है कि जननी और जन्मभूमि स्वर्ग से भी श्रेष्ठ हैं-

सदियों से कवियों और लेखकों द्वारा माँ कि ममता पर अनमोल कथन कविता और सुविचार कहें जाते रहें है जो ये बताता है कि माँ और उसकी ममता सभी के लिए एक जैसी होती है। माँ का कोई धर्म नहीं होता। वह हर एक के जीवन में बड़ी स्पेशल होती है और उसकी जगह कोई भी नहीं ले सकता है। वेदों और पुराणों में भी ये व्यक्त है कि सबसे ऊपर भगवान और गुरु होते हैं लेकिन उनसे भी ऊपर माता पिता होते हैं और उनमे “माँ” सर्वोपरि है । माँ – गुरु भी है और एक बच्चे के लिए भगवान भी और अगर ज़रूरत पड़ती है तो वो पिता की तरह लालन पालन करने में भी अपने आपको सक्षम बना लेती है। 

हर बच्चे के लिए उसकी मां लाइफलाइन होती है चाहे वह पांच महीने का हो या पचास साल का। मां पास हो या न हो उसका अहसास उसके दिल में रहता है। माँ से सदा प्यार व शक्ति दोनों मिलते रहते है । 

हमारे प्रसिद्ध धर्म शास्त्रों में मनुस्मृति का स्थान सबसे महत्वपूर्ण है और इसके रचयिता राजऋषि मनु के विचार सर्वमान्य हैं। माँ की महिमा के संबंध में मनुस्मृति का (2/145) का यह श्लोक अनुकरणीय है- उपाध्यायान् दशाचार्य आचार्याणां शतं पिता। सहस्रं तु पितृन् माता गौरवेणातिरिच्यते। अर्थात दस उपाध्यायों से बढ़कर एक आचार्य होता है, सौ आचार्यों से बढ़कर पिता होता है और पिता से हजार गुणा बढ़कर माता गौरवमयी होती है। गीता में भी कहा गया है कि ‘‘जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गदपि गरीयसी।’’ अर्थात, जननी और जन्मभूमि स्वर्ग से भी बढ़कर है।

इस दुनिया में किसी भी चीज को माँ की ममता से नहीं तोला जा सकता। मातृत्व दुनिया के लिए सबसे बड़ा वरदान है । माँ को बलिदान का प्रतीक माना जाता है और वह अपने बच्चों पर निस्वार्थ भाव से प्यार जताती है । वही तो है जो अपने गर्भ में पलने वाले शिशु को पूरे नौ माह तक ढ़ोती है और ग्रहस्थी का सारा काम करती है। संसार में माँ के सिवा कोई इतना धैर्यवान और सहनशील नहीं है इसलिए माँ से बढ़ कर इस संसार में कोई और नहीं। सचमुच! रिश्ता जन्म से मिलता है मगर माँ हमें पहले ही मिल जाती है।

माता ही प्रथम गुरु है :-

माँ और बच्चे का रिश्ता इस संसार में सबसे अधिक भावनाओं से भरा होता है। तभी तो माँ के पेट से जन्म लेने से पहले ही वह  बच्चे को तालीम देना शुरू कर देती है। और माएँ जो तालीम देती हैं, वह नंबर एक की तालीम होती है। और जब तक माँ मौजूद है, तब तक बच्चों को ज्ञान मिलता रहेगा। परेमश्वर की योजना ही ऐसी है बनी है कि जहाँ उसने बच्चे को भूख दी, वहाँ माँ के स्तन में दूध भी पैदा किया। बच्चे को भूख के साथ माँ को दूध पिलाने की प्रेरणा दी। इस तरह बचपन से माँ के जरिये प्रेम की तालीम दी जाती है।

बच्चों को मातृभाषा सिखाने के लिए सरकार कितने करोड़ रुपये खर्च करती है। लेकिन माँ तो दूध पिलाते-पिलाते बच्चे को मातृभाषा सिखाती है। दुनियाभर के बच्चे माँ से भाषा सिखते हैं। माँ बच्चे से कहती है कि ‘वह देखो चाँद !’ बच्चा सुनता है। माँ फिर उससे पूछती है कि ‘चाँद किधर है, बताओ।’ वह परीक्षा लेती है। बच्चा अँगुली से बताता है कि चाँद वहाँ है। बाद में वह बोलने लगता है। ‘च, च, च, न, द’ और फिर चाँद-चाँद कहता है। याने पहले वस्तु ग्रहण करता है, फिर बोलता है। यह जो सारा ज्ञान है, भाषा सीखने का ज्ञान है, क्या वह विद्यालयों की शिक्षा से कम है ? दो-ढाई साल में शून्य में से जो ज्ञान पैदा किया जाता है और माताएँ ही यह सब करती हैं।

शिक्षण-शास्त्री अनुभव और निरीक्षण से कहते हैं कि बच्चे को शुरू के साल-दो साल में जितना ज्ञान मिलता है, उतना ज्ञान आगे की सारी जिन्दगी में नहीं मिलता। इसलिए दुनियाभर के लोगों ने माना है कि माताएँ जब संस्कारवान बनेंगी, तभी दुनिया बचेगी। इसलिए सबसे प्रथम और सबसे श्रेष्ठतम गुरु तो माता है।

सदाचार की प्रतिमूर्ति :-

माताओं ने ही दुनिया में सदाचार जिन्दा रखा है, इसलिए उन पर बच्चों की जिम्मेवारी होती है। अच्छी आदतें डालना और प्रेम, सेवा, त्याग, अनुशासन सब कुछ बच्चे को उसकी मां ही सिखाती है। बच्चे के विकास में उसके पिता की भूमिका से इन्कार नहीं किया जा सकता। लेकिन मां सिर्फ़ दिमाग़ ही नहीं दिल के सहारे भी अपने बच्चे को संभालती है। इसलिए वह बच्चे के जीवन में दोस्त बन कर उसके सुख दुःख में शामिल होकर जीवन का पाठ पढ़ाती है।

बच्चे की सुरक्षा कवच :-

इस संपूर्ण संसार में विधाता के बाद अगर कोई सर्वश्रेष्ठ चीच बच्चें के लिए बनी है तो वो सिर्फ और सिर्फ माँ है। माता, जननी, माई, धात्री, महतारी एवं माँ के रूप में वह ईश्वर है या ईश्वर से भी बढ़कर है। कहते हैं कि ईश्वर हर जगह नहीं पहुंच सकता इसीलिए उसने मां बना दी। जो हर किसी की होती है, हर किसी के पास होती है। शारीरिक उपस्थिति मां के लिए मायने नहीं रखती। वह होती है तो उसकी ईश्वरीय छाया सुख देती है जब ‘नहीं’ होती है तब उसके आशीर्वादों का कवच हमें सुरक्षा प्रदान करता है।

एक माँ अपने बच्चे के लिए किस हद तक जा सकती है इसका अंदाज़ा लगाना बहुत मुश्किल है क्योंकि जब वो बच्चा इस दुनिया में भी नही आया होता है उसके पहले से ही उसकी माँ उसको अपने खून से सींच रही होती है। मां का प्यार दुनिया में सबसे सच्छा होता है और मां के प्यार में कभी भी धोखा नहीं मिलता ।

परन्तु आज के समय में मां की भूमिका और भी चुनौतीपूर्ण हो गई है। बदलते परिवेश में अपने बच्चे को सही शिक्षा देना किसी चुनौती से कम नहीं। माएं कामकाजी हो रही हैं इसीलिए काम के साथ-साथ उसे अपने बच्चों का भी ख्याल रखना है। वह खुद तो कामकाजी हैं ही, अपनी बेटी को भी उसी कामयाबी और बुलंदी पर पहु्ंचाने की भरसक कोशिश में लगी रहती हैं। एक मां जिंदगी के आखिरी वक्त तक अपने बच्चों को हर खुशी और हर कामयाबी को छूने में मदद करती है।  हमारे बुरे समय में उम्मीद की झलक देती है। वो हमारे हर सुख-दुख का कारण जानती है और कोशिश करती है कि हम हमेशा खुश रहें। इसलिए वह त्यागमूर्ति, ममतामयी, पूजनीय कही जाती है।

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माँ पर निबंध

essay on mom in hindi language

By विकास सिंह

essay on Mother in hindi

माँ पर निबंध, 100 शब्द

माँ वह होती है जो अपनी संतान को बाहरी खतरों से बचाने के लिए उनकी देखभाल करती है, उनका पालन-पोषण करती है। एक बच्चे की माँ निस्वार्थ भक्ति और प्रेम का एक आदर्श उदाहरण है। वह अपने बच्चे या बच्चों की सुरक्षा के लिए किसी भी तरह की तपस्या कर सकती है।

माँ एक संरक्षक या मार्गदर्शक के रूप में भी काम करती है, जो दुनिया को अपनी संतान से परिचित कराती है, साथ ही साथ उनकी भलाई भी सुनिश्चित करती है। एक माँ का प्यार कोई सीमा नहीं जानता है और सिर्फ इंसान ही नहीं, जानवर भी मातृत्व की एक मजबूत भावना प्रदर्शित करते हैं। कभी-कभी एक महिला, जो जैविक रूप से बच्चों से संबंधित नहीं होती है, लेकिन फिर भी उन्हें पोषण और पोषण करती है, उन्हें भी माता के रूप में जाना जाता है।

माँ पर निबंध (150 शब्द)

हमारे जीवन में मां की भूमिका हमेशा हमारे जीवन में शामिल अन्य की तुलना में अलग और कीमती होती है। माँ अपने बच्चों से कभी भी कुछ वापस नहीं चाहती है, बल्कि वह हमसे खुले दिल से प्यार करती है। हम एक बच्चे के रूप में भी प्यार करते हैं और उसे अपने दिल से देखते हैं लेकिन हमारे प्यार की तुलना उसके साथ नहीं की जा सकती। माँ इस दुनिया में हर किसी के जीवन में एक अद्वितीय देवी के रूप में अद्वितीय है जो हमेशा अपने बच्चे के सभी दर्द लेती है और प्यार और देखभाल देती है।

वह वह है जो हमारी बीमारी और अन्य बुरे दिनों के दौरान अपनी रातों की नींद हराम करती है। वह खुशी के क्षणों में शामिल होती है और हमारी हर पसंद और नापसंद को समझती है। वह हमेशा हमें सही रास्ते पर आगे बढ़ने और जीवन में सही काम करने के लिए मार्गदर्शन करती है। वह हमारी पहली शिक्षिका है जो हमें जीवन के हर पड़ाव पर सिखाती है। वह हमें हमेशा अनुशासन में रहना, अच्छे व्यवहार करना और परिवार , समाज और देश के प्रति हमारी भूमिकाओं और जिम्मेदारियों के बारे में समझाना सिखाती है।

माँ पर निबंध (200 शब्द)

हमारी माँ हमारे जीवन में सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति है जो हमेशा एक सच्चे स्वभाव से हमारा पालन-पोषण करती है। वह हमेशा हमारे साथ रहें और हर पल हमारा ख्याल रखें। वह हमें 9 महीने तक अपने गर्भ में रखती है और बहुत सारे दर्द और तकलीफें झेलती है, लेकिन वह हमेशा अपने वास्तविक जीवन में हमारे बारे में सोचकर खुश हो जाती है। वह थोड़ी सी शिकायत किए बिना हमें जन्म देती है। हम कभी भी उसके वास्तविक प्यार की तुलना नहीं कर सकते हैं और जीवन भर उसकी देखभाल कर सकते हैं लेकिन हमें हमेशा उसका सम्मान और प्यार करना चाहिए। प्रत्येक व्यक्ति जो अपने जीवन में एक माँ है वास्तव में भाग्यशाली है और भगवान से बहुत सारे आशीर्वाद प्राप्त करता है।

एक माँ बहुत ही साधारण महिला होती है जो अपने बच्चों के सामने अपनी खुशी कभी नहीं मानती है। वह हमेशा हमारी हर गतिविधि में अपनी रुचि दिखाती है और हंसती है। उसके पास एक निस्वार्थ आत्मा है और बहुत प्यार और देखभाल से भरा दिल है। वह मजबूत इच्छाशक्ति वाली महिला है जो हमें हमेशा सिखाती है कि जीवन की सबसे कठिन चुनौतियों का सामना कैसे किया जाए। वह हमेशा हमें जीवन की सभी कठिनाइयों को पार करके अपने जीवन में अच्छी चीजों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित करती है। वह उन सभी की पहली शिक्षिका हैं जिनकी शिक्षाएँ जीवन भर हमेशा अनमोल और मूल्यवान साबित होती हैं।

माँ का महत्व पर निबंध – 4 (250 शब्द)

परिचय.

एक माँ सभी के जीवन की पहली, सबसे महत्वपूर्ण और सबसे अच्छी दोस्त होती है क्योंकि कोई भी उसके जैसा सच्चा और वास्तविक नहीं हो सकता है। वह एक और एकमात्र व्यक्ति है जो हमेशा हमारे अच्छे और बुरे समय में हमारे साथ खड़ा रहता है। वह हमेशा अपने जीवन में किसी से भी ज्यादा परवाह करती है और हमसे प्यार करती है। वह हमेशा हमें अपने जीवन में पहली प्राथमिकता देती है और हमारे बुरे समय में आशा की झलक देती है। जिस दिन हम पैदा होते हैं, यह हमारी माँ है जो किसी और से ज्यादा खुश हो जाती है। वह सुख और दुख के हमारे सभी कारणों को जानती है और हमें हर बार खुश करने की कोशिश करती है।

माँ और बच्चे के बीच प्यार का बंधन

एक विशेष बंधन है जो माँ और उसके बच्चे के बीच मौजूद है जिसे कभी समाप्त नहीं किया जा सकता है। एक माँ कभी भी अपने बच्चों के प्रति अपने प्यार और देखभाल को कम नहीं कर सकती है और हमेशा उसके हर बच्चे को उतना ही प्यार और देखभाल देती है लेकिन हम सभी बच्चे मिलकर उसे बुढ़ापे में कभी भी उसे थोड़ा प्यार और देखभाल नहीं दे सकते हैं। फिर भी वह हमें कभी गलत नहीं समझती और हमें एक छोटे बच्चे की तरह माफ कर देती है। वह हमारी हर गतिविधि को समझती है और हम उसे कभी भी आसानी से बेवकूफ नहीं बना सकते।

निष्कर्ष

एक माँ कभी नहीं चाहती कि हम किसी से आहत हों और हमें दूसरों के साथ अच्छा व्यवहार करना सिखाएं। माताओं पर ध्यान देने और उनका शुक्रिया अदा करने के लिए, 13 मई को मदर्स डे के रूप में घोषित किया गया है जो हर साल मनाया जाता है। माँ के रूप में हमारे जीवन में कोई भी एक भूमिका अदा नहीं करता है। हमें भी जीवन भर अपनी माँ का हमेशा ध्यान रखना चाहिए।

माँ की ममता पर निबंध – 300 शब्द

एक माँ सभी के जीवन में एक ऐसी शख्सियत होती है जिसे हमारे दिलों में कभी नहीं बदला जा सकता है। वह माँ प्रकृति की तरह है जो केवल बदले में कुछ लेने के बिना देना जानती है। हम उसे अपने जीवन के पहले क्षण से देखते हैं जब हम इस दुनिया में अपनी आँखें खोलते हैं लेकिन हम उसे उसके गर्भ में नौ महीने पहले महसूस करते हैं। जब भी हम बोलना शुरू करते हैं तो हमारा पहला शब्द माँ बन जाता है। वह इस दुनिया में हमारा पहला प्यार, पहला शिक्षक और पहला दोस्त है। जब हम पैदा होते हैं तो हम कुछ भी करने में असमर्थ होते हैं, लेकिन यह वह है जो हमें अपनी बाहों में विकसित और विकसित करता है। वह हमें इस दुनिया को समझने में मदद करती है।

हमारे जीवन में माँ का महत्व

एक माँ अपने बच्चे के लिए हमेशा उपलब्ध रहती है और उसका पालन-पोषण भगवान की तरह करती है। अगर पृथ्वी पर कोई भगवान है, तो वह हमारी माँ है। कोई भी हमारी माताओं की तरह हमारी देखभाल और प्यार नहीं कर सकता है और कोई भी उसकी तरह बलिदान नहीं कर सकता है। वह हमारे जीवन की सबसे अच्छी महिला हैं जिनकी जगह भविष्य में कभी भी किसी के द्वारा नहीं ली जा सकती है। थके होने के बाद भी वह हमारे लिए हमेशा एक अथक व्यक्ति की तरह कुछ भी करने के लिए तैयार रहती है। वह सुबह जल्दी उठती है, नाश्ता तैयार करती है और हमें एक दिन देर होने के बिना दोपहर का भोजन और पानी की बोतल देती है।

वह रोजाना दोपहर के काम के बाद दोपहर को दरवाजे पर हमारा इंतजार करती है। वह रात में स्वादिष्ट डिनर तैयार करती है और हमेशा हमारी पसंद और नापसंद का ख्याल रखती है। वह हमें अपना होमवर्क और प्रोजेक्ट करने में मदद करती है। वह बहुत प्यार देते हुए कभी नहीं थकती है और समुद्र की तरह देखभाल कभी पानी कम नहीं हो सकती है। वह अद्वितीय है और पूरे ब्रह्मांड में एकमात्र ऐसा है जिसे कुछ भी प्रतिस्थापित नहीं कर सकता है। वह हमारी छोटी और बड़ी समस्याओं का सही समाधान है। वह वह है जो अपने बच्चे के लिए कभी भी बुरा नहीं कहती है और हमेशा अपने बच्चे का पक्ष लेती है।

निबंध – 6 (400 शब्द)

इस दुनिया में कुछ भी हमारी माँ के सच्चे प्यार और देखभाल के साथ तुलना नहीं कर सकता है। वह हमारे जीवन की एक और एकमात्र महिला है जो बिना किसी के व्यक्तिगत इरादे के हमें इतना प्यार और परवाह करती है। एक बच्चा माँ के लिए सब कुछ होता है। जब भी हम असहाय हो जाते हैं तो वह हमें जीवन में कोई भी कठिन काम करने के लिए प्रोत्साहित करती है। वह एक अच्छी श्रोता है और जो कुछ भी हम कहते हैं, वह सब कुछ बुरा या अच्छा सुनता है। वह कभी भी हमें सीमित नहीं करती है और हमें किसी सीमा तक सीमित नहीं करती है। वह हमें अच्छे या बुरे में अंतर करने में सक्षम बनाता है।

माँ का निस्वार्थ प्रेम

सच्चा प्यार एक माँ का दूसरा नाम है जो केवल माँ के पास हो सकता है। जब से हम उसके गर्भ में आते हैं, जन्म लेते हैं और जीवन भर इस दुनिया में रहते हैं, वह हमें अथक देखभाल और प्यार देती है। माँ से बढ़कर कोई भी चीज़ अनमोल नहीं है जिसे हम भगवान का आशीर्वाद दे सकते हैं, इसलिए हमें हमेशा भगवान का शुक्रगुज़ार रहना चाहिए। वह सच्चे प्यार, देखभाल और बलिदान का अवतार है। वह वह है जो हमें जन्म देकर एक घर को मीठे घर में बदल देता है।

माँ: एक बच्चे की पहली शिक्षक और मार्गदर्शिका

वह वह है जो घर पर हमारी स्कूली शिक्षा शुरू करता है और हमारे जीवन का पहला और प्यारा शिक्षक बन जाता है। वह हमें व्यवहार संबंधी पाठ और जीवन के सच्चे दर्शन सिखाती है। वह प्यार करती है और इस दुनिया में हमारे जीवन के अस्तित्व से लेकर उसके गर्भ और जीवन भर हमारा ख्याल रखती है। वह बहुत सारे दर्द और संघर्ष झेलने के बाद हमें जन्म देती है लेकिन बदले में वह हमेशा हमें प्यार देती है। इस दुनिया में कोई भी ऐसा प्यार नहीं है जो इतना स्थायी, मजबूत, निस्वार्थ, शुद्ध और समर्पित हो। वह वह है जो हमारे जीवन में सभी अंधकार को दूर करके रोशनी लाता है।

माँ हमें पौराणिक कथाओं, भगवान और देवी के बारे में और राजा और रानी की अन्य ऐतिहासिक कहानियों के बारे में बताती है। वह हमेशा हमारे स्वास्थ्य, शिक्षा, भविष्य और अजनबियों से सुरक्षा के बारे में बहुत चिंतित रहती है। वह हमेशा हमें जीवन में सही दिशा की ओर ले जाती है और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वह हमारे जीवन में सच्ची खुशी बिखेरती है। वह हमें एक छोटे और अक्षम बच्चे से मानसिक, शारीरिक, सामाजिक और बौद्धिक रूप से मजबूत इंसान बनाता है। वह हमेशा हमारा पक्ष लेती है और जीवन में कभी-कभी हमें दुखी करने के बाद भी जीवन के माध्यम से हमारे कल्याण और उज्ज्वल भविष्य के लिए भगवान से प्रार्थना करती है। यह भी सही कहा जाता है कि भगवान हर जगह नहीं हो सकते थे इसलिए उन्होंने माँ को बनाया।

Essay on mother in hindi – 800 शब्द:

प्रस्तावना:.

यह एक सामान्य कहावत है कि भगवान हर जगह मौजूद नहीं हो सकते थे इसलिए उन्होंने माँ को बनाया। कहावत भी सच है क्योंकि माँ की स्थिति भगवान से कम नहीं है। वह वो है जिसने हमें जीवन दिया और हमें अपने पैरों पर खड़ा किया। वह थके होने के बावजूद अपने बच्चों के लिए निस्वार्थ प्रेम और कभी तैयार होने की मूर्ति है।

अगर मैं अपनी मां के बारे में बात करूं, तो वह वह है जिस पर मैं पूरी तरह से भरोसा कर सकता हूं। वह वह है जो हमारी इच्छाओं के लिए कभी ना नहीं कहेगी और वह वह है जो हमारे दैनिक कार्यों को करते हुए कभी नहीं थकती है। वह कभी भी हमें अपने सभी भाई-बहनों से प्यार और प्यार के बराबर प्यार और प्यार के अंतर को महसूस नहीं होने देती। मेरी माँ उस सूरज की तरह है जो सारे अंधकार का पीछा करता है और हम पर खुशियों और प्रेम की रोशनी बिखेरता है।

एक अच्छी माँ की परिभाषा:

कुछ शब्दों में एक अच्छी माँ को परिभाषित करना कभी आसान काम नहीं है। हालाँकि बहुत ही सरल शब्दों में हम कह सकते हैं कि एक अच्छी माँ वह है जिसके लिए उसका बच्चा उसकी दुनिया है। कई गुण हैं जो मैं अपनी माँ में देखता हूँ जो उसे दुनिया की सबसे अच्छी माँ बनाती है। वह अपने बच्चे को बिना किसी शर्त के दृढ़ता से और गहराई से प्यार करती है। मातृत्व के अपने प्यार को बरसाने के अलावा, वह एक बड़ी जिम्मेदारी के साथ अपने बच्चे की देखभाल भी करती है।

वह क्षमा की प्रतिमा है और हमारी हर गलती को क्षमा कर देती है और यह भी सुनिश्चित करती है कि हम अपनी गलतियों का एहसास करें और अपनी जिम्मेदारी को समझें। एक अच्छी माँ अपने बच्चे को लाखों में एक करने के लिए हर संभव प्रयास करती है और अपने जीवन के हर आराम का त्याग करती है ताकि उसका बच्चा आरामदायक जीवन जी सके। एक माँ की अपने बच्चों के प्रति निस्वार्थ प्यार इस पूरी दुनिया में सबसे मूल्यवान चीज है जिसे कभी भी किसी भी चीज से बदला नहीं जा सकता।

एक माँ की योग्यता:

कुछ प्राकृतिक गुण हैं जो पहले से ही मातृत्व प्राप्त करने पर एक महिला को विरासत में मिलते हैं। लेकिन कुछ गुण ऐसे भी होते हैं जो एक अच्छी माँ बनने के लिए आवश्यक होते हैं। माँ के प्रमुख गुण इस प्रकार हैं:

उत्तरदायी: मातृत्व हासिल करना बड़ी जिम्मेदारी के साथ आता है। जन्म से पहले और बाद में बच्चे की देखभाल करने की जिम्मेदारी एक माँ के सबसे महत्वपूर्ण गुणों में से एक है। वह वह है जो जन्म से अपने बच्चे की देखभाल करती है और उसे अपने पैरों पर खड़े होने के लिए पोषण देती है।

निस्वार्थ प्रेम:  एक माँ हमेशा बदले में अपने बच्चों को अपने प्यार से नहलाएगी। वह हमेशा अपने बच्चों को उनकी शरारतों के बावजूद निस्वार्थ भाव से प्यार करती है। अपने बच्चों के प्रति उनका प्यार हमेशा अपने बच्चे की उम्र के प्रति समान ही रहता है।

सहायक:  एक माँ को हमेशा अपने बच्चों के लिए सहायक होना चाहिए। उसे अपने सभी उतार-चढ़ावों में अपने बच्चों के अलावा हमेशा मजबूत बने रहना चाहिए। वह हमेशा अपने सही निर्णय और हितों में अपने बच्चों का समर्थन करने के लिए होना चाहिए।

धैर्यवान:  यह वह गुण है जिसे प्रत्येक माँ को मातृत्व प्राप्त करने पर प्राप्त करना चाहिए। बच्चों के साथ व्यवहार करने के लिए हमेशा अधिक मात्रा में धैर्य की आवश्यकता होती है क्योंकि वे अभी भी एक बढ़ते हुए चरण में हैं और एक बार में चीजों को समझने के लिए पर्याप्त परिपक्व नहीं होते हैं। इसलिए उन्हें तब तक बार-बार याद दिलाने की जरूरत होती है, जब तक वे समझते हैं और जिम्मेदार बन जाते हैं।

सहानुभूति:  किसी अन्य व्यक्ति की भावनाओं को समझने की क्षमता को सहानुभूति कहा जाता है। एक माँ को अपने बच्चे के प्रति सहानुभूति रखनी चाहिए क्योंकि जब तक आप अपने बच्चे की भावनाओं को नहीं समझेंगे तब तक आप उसके मुद्दे को नहीं समझ पाएँगे।

क्यों माँ हमारे जीवन में महत्वपूर्ण है?

मां के महत्व को इस तथ्य से आसानी से समझा जा सकता है कि बच्चे के मुंह से निकला पहला शब्द ‘मा मा’ है। वह जीवन का स्रोत है और हमारे अस्तित्व का कारण है। वह वह है जो अपने जीवन में अपने बच्चे की खुशी के लिए खुशी-खुशी सब कुछ त्याग सकती है। वह एक बच्चे की पहली शिक्षक है जो उसे दुनिया से परिचित कराती है और पहला सबसे अच्छा दोस्त है जिसके साथ हम अपने सभी रहस्यों को साझा कर सकते हैं।

माताएँ प्रत्येक परिवार की रीढ़ होती हैं जो पूरे परिवार को बांधती हैं और इसे एक एकल लेकिन शक्तिशाली इकाई में एकजुट करती हैं। वे हमें दुनिया का सामना करने का आत्मविश्वास देते हैं और हमें अपने जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए प्रेरित करते हैं। वे एकमात्र ऐसे व्यक्ति हैं जो अपने बच्चों के खिलाफ कभी कोई बुरा विचार नहीं रखेंगे और हमेशा प्रार्थना करेंगे और उनके लिए बेहतर उम्मीद करेंगे। एक अच्छी माँ एक मूर्तिकार की तरह काम करती है जो अपने बच्चों को सुंदर मूर्तियों में ढालती है जिन्हें समाज में बहुत सराहा जाता है और सम्मानित किया जाता है।

निष्कर्ष:

मेरी माँ ईश्वर की पवित्र रचना है और हमें जीवन प्रदान करने का एक स्रोत है। वह निस्वार्थ प्रेम, बलिदान, क्षमा और धैर्य की एक पवित्र मूर्ति है। वह मार्गदर्शक आत्मा है जो हमें सही रास्ते पर आगे बढ़ने और हमारे जीवन में सफलता प्राप्त करने में मदद करती है। अपने बच्चों के प्रति माँ के निस्वार्थ प्रेम को इस दुनिया में कभी भी बदला नहीं जा सकता है। हमें उसके बच्चों को हर समय खुश और आरामदायक बनाने के लिए पूरी कोशिश करनी चाहिए, खासकर जब वह बूढी हो जाती है। यह हमारी ज़िम्मेदारी है कि हम उसे उसी समय प्यार, देखभाल और समझ के साथ करें, जब हम छोटे थे तब किया गया था।

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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मातृ दिवस निबंध (Mother’s Day Essay in Hindi)

मातृ दिवस

जैसा कि हम सभी जानते है कि बच्चों के दिल में माँ के लिये सबसे खास जगह होती है। और क्यों नहीं होगी, वह इसके काबिल भी है। एक माँ हर पल हर चीज के लिये अपने बच्चे का ध्यान रखती है। मातृ-दिवस हर बच्चे और विद्यार्थी के लिये वर्ष का अत्यधिक यादगार और खुशी का दिन होता है। मदर्स डे साल का खास दिन होता है जो भारत की सभी माताओं के लिये समर्पित होता है। मातृ-दिवस हर साल मई महीने के दूसरे रविवार को मनाया जाता है।

मातृ दिवस पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Mother’s Day in Hindi, Matri Divas par Nibandh Hindi mein)

यहाँ बहुत ही आसान भाषा में मातृ दिवस पर हिंदी में निबंध पायें:

निबंध 1 (250 शब्द)

एक माँ हर एक की सबसे अच्छी दोस्त होती है क्योंकि वह हर एक चीज का ध्यान रखती है जिसकी हमें जरुरत होती है। इसलिये, उन्हें धन्यवाद और आदर देने के लिये वर्ष का एक दिन समर्पित किया गया है जिसे हर साल हम सभी मातृ-दिवस के रुप में मनाते है। हमलोग बिना अपनी माँ के प्यार और देख-भाल के नहीं रह सकते हैं।

वह हमारा बहुत ध्यान रखती है, वह बहुत खुश हो जाती है जब हमलोग हँसते है तथा वह बहुत दुखी हो जाती है जब हमलोग रोते है। इस दुनिया में माँ एकमात्र ऐसी इंसान होती है जो हमें कभी अकेला नहीं छोड़ती। माँ अपने बच्चों के लिये पूरी निष्ठावान होती है।

भारत में हर वर्ष मई महीने के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाया जाता है। इस दिन को मनाने के लिये घर पर हर कोई एक साथ होता है और घर या बाहर जाकर मज़ेदार व्यंजनों का आनन्द लेता है। परिवार के सभी सदस्य माँ को उपहार देते है तथा ढ़ेर सारी बधाईयाँ देते है। हमारे लिये माँ हर वक्त हर जगह मौजूद रहती है। हमारे जन्म लेने से उनके अंतिम पल तक वो हमारा किसी छोटे बच्चे की तरह ख्याल रखती है। हम अपने जीवन में उनके योगदानों की गणना नहीं कर सकते है। यहाँ तक कि हम उनके सुबह से रात तक की क्रिया-कलापों की गिनती भी नहीं कर सकते।

माँ के पास ढ़ेर सारी जिम्मेदारियाँ होती हैं वो उसको लगातार बिना रुके और थके निभाती है। वो एकमात्र ऐसी इंसान है जिनका काम बिना किसी तय समय और कार्य के तथा असीमित होती है। हम उनके योगदान के बदले उन्हें कुछ भी वापस नहीं कर सकते हालाँकि हम उन्हें एक बड़ा सा धन्यवाद कह सकते है साथ ही उन्हें सम्मान देने के साथ ध्यान भी रख सकते है। हमें अपनी माँ को प्यार और सम्मान देना चाहिये तथा उनकी हर बात को मानना चाहिये।

निबंध 2 (300 शब्द)

मदर्स डे बच्चे और माँ दोनों के लिये वर्ष का एक बहुत ही खास दिन है। भारत में ये पिछले कई वर्षों से मई महीने के दूसरे रविवार को मनाया जाता है। माताओं को आमंत्रण के द्वारा स्कूल में शिक्षकों और विद्यार्थीयों के द्वारा इसे मनाया जाता है। अपनी माँ को खुश करने के लिये विद्यार्थी बहुत सारे सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेते है। स्कूल शिक्षक और प्रधानाध्यापक के आदेश पर उनके बच्चों के द्वारा माताओं को खासतौर से निमंत्रित किया जाता है। इस दिन पर माँ को उनके बच्चों के द्वारा ढ़ेर सारा प्यार और उपहार मिलता है। बच्चे अपनी माँ के लिये हिन्दी या इंग्लिश में खास कविता व्याख्यान या संवाद तैयार करते है।

हमारे प्रतिदिन के जीवन में माँ के योगदान को विशिष्ट रुप से दर्शाने के लिये विभिन्न देशों में अलग-अलग दिनों में मातृ-दिवस को मनाया जाता है। एक बच्चे को जन्म देने से लेकर उसे एक अच्छा इंसान बनाने तक सभी पड़ावों में माँ अपने बच्चों के जीवन में बहुत अहम भूमिका निभाती है। ये केवल माँ ही है जो अपने बच्चे के चरित्र और पूरे जीवन को आकार देती है। सभी माँ अपने बच्चे की वृद्धि और विकास में महत्वपूर्णं भूमिका अदा करती है। वो हर एक चीज का ध्यान रखती है जो उसके बच्चे की जरुरत हो। सुबह उठने से लेकर रात के सोने तक वो खुद को अपने बच्चे के लिये पूरी तरह जिम्मेदार समझती है।

हमारी माँ हमें सुबह जल्दी उठाती है, ब्रश और नहाने में मदद करती है, नाश्ते और स्कूल के लिये लंच तैयार करना, ड्रेस पहनाना, हमारे पीटीएम में जाना, गृह कार्य में मदद करना, समय पर खाना, दूध और फल देना, बीमार होने पर सही समय पर दवाईयाँ देना तथा ढ़ेर सारे लज़ीज़ पकवान बनाना, कपड़े धोना और इस्त्री करना, हमारे साथ घर या मैदान में फुटबॉल खेलना, रात में सही समय पर सुला देना, रात का अच्छा खाना बनाना और ढ़ेर सारे क्रियाओं से हमारे जीवन को सफल बनाती है। वास्तव में हम अपनी माँ के रोज के कार्यों की गणना नहीं कर सकते। वह पूरे दिन हमारे लिये असीमित कार्य करती है। परिवार के सभी सदस्यों के सभी कार्यों के लिये सिर्फ वह ही जिम्मेदार होती है। इसलिये हमलोग आसानी से कह सकते है कि माँ महान होती है।

Essay on Mothers Day in Hindi

निबंध 3 (400 शब्द)

हमारी माँ हमारे लिये सुरक्षा कवच की तरह होती है क्योंकि वो हमें सभी परेशानियों से बचाती है। वो कभी अपनी परेशानियों का ध्यान नहीं देती और हर समय बस हमें ही सुनती है। माँ को सम्मान देने के लिये हर वर्ष मई महीने के दूसरे रविवार को मातृ-दिवस के रुप में मनाया जाता है। ये कार्यक्रम हमारे और हमारी माँ के लिये बहुत महत्वपूर्णं है। इस दिन पर हमें अपनी माँ को खुश रखना चाहिये और उन्हें दुखी नहीं करना चाहिये। हमें उनकी हर आज्ञा का पालन करना चाहिये और काम को सही तरीके से करना चाहिये। वो हमेशा हमें जीवन में एक अच्छा इंसान बनाना चाहती है।

एकसाथ इसे मनाने के लिये मदर्स डे पर हर साल हमारे स्कूल में एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। इस दिन की पूरी तैयारी के लिये हमारे शिक्षक हमारी खूब मदद करते है। इस उत्सव को मनाने के लिये हम ढ़ेर सारी कविता, तुकबंदी, निबंध, भाषण, संवाद आदि तैयार करते है। ईश्वर के आशीर्वाद से हमें एक प्यार करने वाली और ध्यान देने वाली माँ मिली है। बिना माँ के हमारा जीवन कुछ भी नहीं है। हमलोग बहुत भाग्यशाली है कि हमारे पास माँ है। हम सभी अपनी माँ को ढ़ेर सारा उपहार देते है और वो हमें ढ़ेर प्यार तथा हमारी देख-भाल करती है। उत्सव की शोभा बनने के लिये हमारे शिक्षक हमें अपनी माँ को स्कूल में आने के लिये निमंत्रण कार्ड देते है।

हमारी खुशी के लिये माँ कक्षा में नृत्य, गायन, कविता पाठ, भाषण आदि जैसे कई सारे क्रियाओं में भाग लेती है। अपनी माँ और शिक्षक के समक्ष हम भी इस उत्सव में भाग लेते है (जैसे कविता पाठ, निबंध लेखन, भाषण, गायन, नृत्य आदि) और अपनी प्रतिभा दिखाते है। हमारी माँ स्कूल में अपने साथ ढ़ेर सारे स्वादिष्ट पकवान ले आती है। उत्सव के समापन पर, अपनी माँ और शिक्षक के साथ उन लज़ीज़ व्यंजनों का आनन्द उठाते है। हमारी माँ के द्वारा हमें ढ़ेर सारे पकवान खाने को मिलते है।

हमारी माँ बहुत खास होती है। थकी हुई होने के बावजूद वह हमारे लिये हमेशा मुस्कुराती रहती है। रात में सोते समय वह हमें बहुत सारी कविताएँ और कहानियाँ सुनाती है। माँ हमारे गृह-कार्य, प्रोजेक्ट और परीक्षा के समय बहुत मदद करती है। वह हमारे स्कूल ड्रेस का ध्यान रखती है। वह हमें सिखाती है कि खाना खाने से पहले हाथ को अच्छी तरह से साबुन से धो लेना चाहिये। वह हमें अच्छा शऊर, शिष्टाचार, नैतिकता, इंसानियत और हमेशा दूसरो की मदद करना सिखाती है। वह हमारे पिता, दादा-दादी और छोटी बहन का ध्यान रखती है। हम सभी उनको बहुत प्यार करते है और हर सप्ताह उन्हें बाहर घुमाने ले जाते है।

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Home » Essay Hindi » Essay On Mother In Hindi माँ का महत्व पर निबंध

Essay On Mother In Hindi माँ का महत्व पर निबंध

यह आर्टिकल Essay On Mother In Hindi माँ का महत्व पर निबंध (Maa Par Nibandh) पर है। “माँ” शब्द का महत्व दुनिया में सबसे प्यारा है। माँ की दुलार और ममता दुनिया के दो अनमोल रत्न है। 9 महीने अपने कोख में पालने वाली माँ पर निबंध लेखन के बारे में जानने का प्रयास इस पोस्ट “Importance Of Mother In Hindi” में करेंगे। माँ का महत्व हर धर्म की किताबों में मिल जाता है। माँ के पैरों तले जन्नत मानी गयी है। तो आइये दोस्तों, माँ के बारे में बात करते है।

किसी को घर मिला, किसी के हिस्से दुकान आयी। में घर में सबसे छोटा था, मेरे हिस्से माँ आयी। – मुन्नवर राणा

माँ का महत्व पर निबंध Essay On Mother In Hindi

कोई औरत माँ ( Mother ) तब बनती है, जब उसे कोई “माँ” कहता है। माँ शब्द किसी भी स्त्री के लिए गौरव की बात होती है। जब बच्चा माँ कहकर बुलाता है, तो वो क्षण उसके जीवन में अनमोल होता है। माँ की ममता की तुलना ईश्वर से की जाती है। जो कष्ठ और पीड़ा माँ अपने बच्चे के लिए सेहती है, वो दुर्लभ है। माँ को मदर, मम्मी, अम्मी या माता भी कहा जाता है और हर शब्द से ममता ही बाहर आती है।

माँ के बारे में यह भी कहा जाता है कि ईश्वर हर एक के साथ नही रह सकता है, इसलिए उसने माँ बनाई। माँ का प्यार अनमोल होता है, जो खुशनसीब लोगो को मिलता है। बच्चें का रोना सुनकर माँ सहम जाती है और उसे अपने सीने से लगा लेती है।

दुनिया की नजर में आप सही या गलत हो सकते है लेकिन माँ की नजर में केवल आप सही ही होते है। अपने बचपन के दिन याद कीजिये जब आपकी माँ आपको लौरी गाकर सुनाती थी। आपकी हर छोटी मोटी जरूरत का ख्याल रखती थी। रात भर सिर्फ आपके लिए जगी रहती थी। आपके लिए दुनिया में किसी से भी लड़ने को तैयार रहती थी। बाप की डांट खाकर माँ की ममता भरी गोद में आप सो जाते थे। आज उसी माँ को कई बच्चे आश्रम छोड़कर आ जाते है।

यह सार्वभौमिक सत्य है की माँ (Mother) निःस्वार्थ भाव से अपने बच्चे को पालती है। बचपन में स्कूल जाने के लिए आपका टिफिन तैयार करती है। स्कूल के लिये तैयार होने में माँ भरपूर सहयोग करती है। बच्चा अपनी माँ के मार्गदर्शन में ही जीवन में आगे बढ़ता है। आपको अच्छे संस्कार माँ से ही मिलते है।

माँ का महत्व Importance Of Mother In Hindi –

माँ पर निबंध (Essay On Mother In Hindi) – दुनिया में हर इंसान का अस्तित्व माँ से ही है। प्रसव की भयंकर पीड़ा सहकर वो हमें जन्म देती है। हम बड़े होने पर माँ को पीड़ा पहुचाते है और हमे शर्म भी नही आती है।

किसी भी बच्चे के लिए माँ केवल माँ नही होती है वो एक शिक्षक और दोस्त भी होती है। किसी भी बच्चे के लिए उसकी पहली टीचर माँ होती है। हमारी परवरिश की जिम्मेदार माँ ही होती है। बचपन से लेकर अब तक हमारा लालन पालन माँ ही करती है। उसी के साये तले हम अच्छे और बुरे में फर्क करना सीखते है। हम बीमार होते है, तो हमारा ख्याल माँ ही रखती है। किसी ने भी क्या खूब कहा है कि –

मेने ईश्वर को नही देखा लेकिन माँ को देखा है। शायद ईश्वर ऐसा ही होगा।

सूर्योदय से पहले माँ उठ जाती है और घर का सारा काम करती है। आपके लिए चाय बनानी हो या खाना तैयार करना हो, माँ बिल्कुल भी काम से नही झिझकती है।

माँ पर निबंध Maa Par Nibandh –

Essay On Mother In Hindi माँ का महत्व पर निबंध – माँ त्याग की मूरत होती है। जब वो पत्नी बनकर ससुराल आती है, तो अपने घर का त्याग करती है। बच्चे के लिए अपने स्वार्थ और अहम का त्याग करती है। बच्चे के लिए ढाल बनकर हमेशा तैयार रहती है। कभी कभी माँ के प्यार और दुलार के साथ डांट भी मिलती है। वो डांट भी माँ का प्यार ही है जो हमें सही रास्ते पर लाता है।

माँ के दिल को कभी ठेस नही पहुंचानी चाहिए। माँ का कर्ज आप अपनी पूरी जिंदगी में भी नही चुका सकते है। ममता से भरी माँ के लिए पूरे साल में एक दिन मातृ दिवस के रूप में मनाया जाता है। आपके लिए हर दिन माँ का दिन होना चाहिए क्योंकि आपकी माँ भी आपसे हर दिन प्यार करती है। क्या माँ अपने बच्चे के लिए प्यार दर्शाने का एक दिन निश्चित करती है? माँ पूरी जिंदगी अपने बच्चों को देने में बिता देती है और बदले में कुछ भी नही मांगती। इसलिए माँ के प्रेम को निःस्वार्थ माना जाता है।

चलती फिरती आंखों से अजां देखी है, मैंने जन्नत तो नही देखी माँ देखी है। – मुन्नवर राणा

यह भी पढ़े – 

  • भारत देश पर निबंध
  • मेरा गाँव पर निबंध
  • माँ के बारे में रोचक तथ्य

नोट – इस पोस्ट Essay On Mother In Hindi में माँ का महत्व पर निबंध कैसा लगा। माँ पर निबंध (Maa Par Nibandh) पर यह आर्टिकल “Importance Of Mother In Hindi” अच्छा लगा हो तो इसे शेयर भी करे।

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10 lines on My Mother in Hindi | About My Mother in Hindi

In this article, we are providing 10 lines on My Mother in Hindi & English. In these few lines, you will get information about My Mother in Hindi. A short 10 Lines essay on My Mother in Hindi. हिंदी में मेरी माँ पर 10 वाक्य | लाइन निबंध

10 lines on My Mother in Hindi

10 lines on My Mother in Hindi

( Set-1 ) 10 Lines Meri Maa My Mother Essay in Hindi for class 1,2,3

मेरी माँ पर 10 वाक्य | लाइन निबंध

1. मेरी माँ मुझे सबसे अच्छी लगती हैं।

2. वे मुझे बहुत प्यार करती हैं।

3. वे मुझसे कभी नाराज़ नहीं होती।

4. मेरी माँ बहुत सुंदर हैं। उनका रंग साँवला है। उनके बाल लंबे हैं।

5. माँ मुझे तरह-तरह के पकवान बनाकर खिलाती हैं।

6. माँ को मेरे खिलौने अच्छे लगते हैं।

7. वे मेरे साथ गुड़िया का खेल भी खेलती हैं।

8. मेरी सहेलियों को भी मेरी माँ बहुत अच्छी लगती हैं।

9. वे मुझे प्रतिदिन स्कूल छोड़ने जाती हैं।

10. मैं माँ को बहुत प्यार करती हूँ।

मैं सब कामों में माँ की मदद करती हूँ।

मेरी इच्छा है, मैं बड़ी होकर माँ की तरह ही बनूँ।

जरूर पढ़े-

10 Lines on My Grandmother in Hindi

10 Lines on My Family in Hindi

( Set-2 ) मेरी माँ पर 10 वाक्य | 10 Lines on Meri Maa in Hindi For Class 4,5

1. मेरी माँ बहुत ही प्यारी और समझदार है।

2. घर में सभी उनका बहुत ही सम्मान करते हैं।

3. माँ अपनी सुख सुविधाएँ त्याग कर पूरा दिन हमारी खुशियों का ध्यान रखती है।

4. माँ सूबह के चार बजे से लेकर रात के 10 बजे तक काम करती है और कभी भी किसी भी बात के लिए शिकायत नहीं करती है।

5. वह खाना भी बहुत ही स्वादिष्ट बनाती है।

6. मेरी माँ ज्यादा पढ़ी लिखी नहीं है लेकिन वह दुनियादारी की पुरी समझ रखती है।

7. मैं जब भी असमंजस में होता हूँ वह मेरी सलाहकार बनती है और मार्गदर्शन करती है।

8. बिमार होने पर वग रात रात भर जागकर मेरा ख्याल रखती है इसलिए वह मेरी डॉक्टर भी है।

9. मेरी माता जी बहुत ही धार्मिक है और वग नियमित रूप से पूजा पाठ भी करती है।

10. वह मेरी सबसे अच्छी दोस्त भी है जो हमेशा मेरा साथ देती हैं।

‘ 10 Lines Meri Maa My Mother Essay in Hindi

10 lines on My Mother in Hindi

( Set-3 ) Meri Maa Par 10 Line Nibandh | 10 Lines on My Mother in Hindi

my mother 5 lines in hindi

1. मेरी माँ बहुत ही ईमानदार और समझदार माँ  है।

2. मेरी माँ मुझे प्रतिदिन स्कूल छोड़ने और लाने आती हैं।

3. मेरी माँ सुबह सबसे जल्दी उठती हैं और रात को सबसे देर में सोती हैं।

4. मेरी माँ हमेशा मेरी छोटी से बड़ी जरूरत का ख्याल रखती है।

5. मेरी माँ अपने परिवार का ख़्याल रखने के चलते अपने खुद के स्वास्थ्य का ख़्याल रखना भूल जाती है।

6. मेरी माँ बहुत ही धार्मिक और भगवान में बहुत हीं  ज्यादा विश्वास रखती है।

7. माँ मेरी पहली गुरु है,जो मुझे जीवन जीने कि शिक्षा देती है।

8. मेरे माता जी हमेशा मेरे मुश्किल समय में मेरा साथ देती है।

9. मेरी माँ, माँ होन के साथ साथ मेरी शिक्षक, मार्गदर्शक और सबसे अच्छी मित्र भी है।

10. मै भगवान् का धन्यवाद करता हूँ कि उन्होंने मुझे दुनिया की सबसे अच्छी माँ दी है।

( Set-4 ) 10 Lines Meri Maa My Mother Essay in Hindi

Maa Ke Bare Mein 10 Line

1 मेरी मां बहुत अच्छी है और मेरी मां मेरे सर का ताज है।

2 जब मैं बीमार होती हूं, तो मां रात भर जाग कर मेरी देखभाल करती हैं। इसीलिए मेरी मां मेरे लिए किसी डॉक्टर से कम नहीं है।

3 मेरी मां ज्यादा पढ़ी-लिखी तो नहीं है, लेकिन बहुत सारी दुनिया को समझती हैं।

4 मां के रूप में भगवान ने हमें एक सबसे बड़ी ताकत दी है। ऐसा इसलिए अगर दुनिया में कोई सबसे ज्यादा प्यार करता है, तो वह मां अपने बच्चों से करती हैं।

5 अगर दुनिया में कोई सबसे सुंदर है, तो वह है मां।

6 मां अपने सारे सपनों को छोड़कर अपने बच्चों की सफलता के लिए कुछ भी कर सकती हैं।

7 बुरे वक्त में भी अगर सब साथ छोड़ देते हैं, तो मां का आशीर्वाद हमेशा अपने बच्चे के साथ रहता है।

8 मां अपने बच्चों के लिए कुछ भी बलिदान कर सकती हैं।

9 मां खुद भूखी रह सकती है, मगर अपने बच्चे को कभी भी भूखा नहीं रख सकती है।

10 अगर मां की तीन चार बच्चे होते हैं, फिर भी मां सभी बच्चों से एक सा प्यार करती है। क्योंकि मां के लिए उसके सभी बच्चे बहुत प्यारे होते है।

( Set-5 ) 10 Lines on My Mother in Hindi | 10 Lines About Maa in Hindi for class 6

meri maa 5 lines in hindi

1. मां को हिंदी में माता, अंग्रेजी में Mother तथा अन्य भाषा में मां, mummy,Mom, आई और माई कहा जाता है।

2. मां के रूप ग्रहणी, अन्नपूर्णा, करणी, लक्ष्मी और मार्गदर्शिका के रूप में देवी सरस्वती बन जाती है।

3. मां ममता की मूरत और त्याग के भावो से परिपूर्ण होती है।

4. शौक पूरे करते करते बच्चों की मां अपनी जरूरत तक कुर्बान कर जाती है।

5. मां हमारी पहली गुरु होती है,जो हमें जीवन में अनमोल गुणों से श्रेष्ठ बनने की शिक्षा देती है।

6. खाना बेसक मां बनाती है ,पर पहले निश्वार्थ भाव से बच्चो को खिलाती है,उसके बाद खुद खाती है।

7. घर का सारा काम करती है पर माथे पर एक शिकन तक नही लाती है।

8. मां अपनों का ख़्याल रखते रखते हुए अपना खुद का ख़्याल रखना भूल जाती है।

9. “ मां ” शब्द में बहुत सारी ताकते समाई हुई है।

10. इसलिए संसार की सारी निश्छल खुशीया मां में समाती है,यू ही नहीं मां भगवान का दर्जा पाती है।

Few lines on My Mother in English

1. My mother is very sweet and sensible.

2. Everyone in the house honors them very much.

3. Mother discontinues her pleasures and takes care of our happiness throughout the day.

4. The mother works from four o’clock till 10 o’clock at night and never complains about anything.

5. She also makes the food very tasty.

6. My mother has not written much, but she understands world-class.

7. Whenever I am confused, he becomes my advisor and guides me.

8. On being sick, she takes care of my sleep at night, so she is also my doctor.

9. My mother is very religious and she regularly recites prayers.

10. She is also my best friend who always accompanies me.

# Meri Maa Par 10 Line # 5 sentences about mother in Hindi

Essay on Mother in Hindi

10 Lines on My Father in Hindi

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4 thoughts on “10 lines on My Mother in Hindi | About My Mother in Hindi”

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Beautiful lines on my mother. Thanks for sharing.

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nice. Mother, no word to define MAAAA

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hindiinhindi Essay on Parents in Hindi

Essay on Parents in Hindi 150 Words

मुझे अपने माता-पिता से बहुत प्यार है। वह मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। मै उनसे एक दिन भी अलग नही रह सकता हूँ। मैं हमेशा खुश रहता हूँ, जब मेरे माता-पिता मेरे साथ होते है। मेरे पिता जी अध्यापक है। उनका जन्म दिल्ली में हुआ था। मेरे पिताजी बहुत मेहनती इंसान है। मेरे पिता जी बडी ही खूबसूरती से गिटार बजाते है और वह शतरंज के भी बहुत अच्छे खिलाडी है।

मेरे पिताजी हमेशा गरीबो की मदद करते है। मेरी मॉ बहुत सुन्दर और वह बहुत अच्छा खाना बनाती है। मेरे मॉ भी दिल्ली से ही है। वह एक गृहिणी है। रात को मेरी माँ मेरे को बहुत सुन्दर कहानी सुनाती है। मेरे माता पिता मेरी पढ़ाई में मदद करते है। वह हमेशा मुझे सिखाते है कि झूठ न बोलो। हर हफते वह हमें कही न कही घुमाने ले जाते है। मुझे अपने माता पर गर्व है।

Thank you letter format to mother in Hindi

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Essay on Parents in Hindi 600 Words

माता-पिता के प्रति हमारे कर्तव्य

हमें जन्म देने और इस संसार में लाने वाले हमारे माता-पिता ही होते हैं। वे हमारे जीवनदाता होते हैं। हमें मात्र जीवन प्रदान करते हैं, ऐसा नहीं है; बल्कि हमें इस जीवन को सुखपूर्वक और आनन्द के साथ जीने के काबिल भी बनाते हैं। वे हमारी देखभाल ही नहीं करते हैं अपितु स्थिति के अनुकूल अथवा प्रतिकूल होने पर भी वो हमारी शिक्षा आदि की अपनी क्षमता से अधिक प्रभावशाली व्यवस्था भी करते हैं; ताकि हम न केवल मानवीय-सामाजिक जीवन व्यवहार के लायक बन सकें, अपितु अपने व्यक्तिगत जीवन को भी सुन्दर और सुखद बना सकें।

हमारे जीवन में हमारे माता-पिता की अविस्मरणीय भूमिका होती है। हम अपने जीवन में जो स्थान या पद प्राप्त करते हैं उसमें हमारी मेहनत और परिश्रम की जितनी भूमिका होती है, उससे कहीं अधिक हमारे आदरणीय माता-पिता का योगदान होता है। सच पूछा जाए तो माता-पिता की मजबूत हथेलियाँ उस सुदृढ़ नींव का काम करती हैं जिस पर हमारे भविष्य की सुन्दर इमारत खड़ी होती है।

किन्तु आज-कल स्थिति अत्यंत सोचनीय होती जा रही है। इधर कुछ वर्षों से हमारे सामाजिक-पारिवारिक संबंधों में अभूतपूर्व परिवर्तन आए हैं, जिनका हमारे भावी समय पर अत्यंत गंभीर प्रभाव पड़ने वाला है। हमारे सामाजिक-पारिवारिक संबंध आज कमजोर और शिथिल पड़ते हुए नजर आ रहे हैं। अगर हमारा समाज अपने संबंध, चेतना और परम्परा को लेकर इसी भांति उदासीन और विमुख होता गया तो निश्चित है कि हमारा आदर्शात्मक अस्तित्व समाप्त हो जाएगा।

वस्तुत: संबंध का आधार होता है समर्पण और कर्तव्य-पालन की भावना ही है। जिस समय और जिस संबंध में से यह चेतना समाप्त अथवा गौण हो जाती है उस संबंध की आयु तेजी से क्षीण होती चली जाती है। अत: हमें सदैव इस बात का पूरा ध्यान रखना चाहिए कि अपने संबंधों के प्रति पूर्णतः समर्पित और कर्तव्य-परायण बने रहें । इसी से हमारे संबंध चिरायु हो सकेंगे।

हमारा सबसे ज्यादा करीबी और मन के पास का संबंध हमारे माता-पिता से ही होता है। यह संबध और लगाव हमें हमारे जन्म के साथ ही प्राप्त होता है और फिर कभी भी वह संबंध समाप्त नहीं होता। सदैव, हमारे साथ भी हमारे बाद भी वह संबंध बना रहता है।

आज इस अत्यंत महत्वपूर्ण और करीबी संबंध की सर्वाधिक उपेक्षा हो रही है। आज भौतिकवाद का प्रभाव आम आदमी पर इतना ज्यादा चढ़ चुका है कि उसमें मूल्य-हीनता का सा वातावरण व्याप्त है। घर के बुजुर्ग, जो आज शारीरिक रूप से शिथिल हो चुके हैं और स्वयं अपने प्रयास से ज्यादा कुछ कर भी नहीं सकते, उन्हें हम समुचित आदर और सम्मान बिलकुल भी नहीं देते। हम उन्हें घर में पड़ी अन्य पुरानी वस्तुओं से ज्यादा कुछ भी नहीं समझते। और जल्द से जल्द उनसे छुटकारा पाने की चेष्टा रखते हैं।

आज वह समय आ गया है, जब बुजुर्ग लोग रिक्शा चलाते, बोझा ढोते अथवा अत्यंत जीर्ण अवस्था में भीख मांगते हमें सहज ही दिख जाते हैं। ऐसा नहीं है कि वे दुनिया में अकेले होते हैं। सोचने की बात है कि उनका पूरा परिवार उसी शहर में आराम की जिंदगी जी रहा होता है, जिसमें वह बुर्जुग हमें भीख मांगता दिखाई देता है।

हम भारतीयों को अपने उन कर्तव्यों का स्मरण आज अनिवार्य रूप से करना ही होगा जिन्हें हम छोड़ चुके हैं। जो माता-पिता जिन्दगी भर हमें सुख-सुविधाओं की प्राप्ति कराते रहते हैं। उन्हें हम उनके बुढ़ापे में आराम न दे सकें, यह हमारी और हमारे समाज की अमानवीयता ही कहलाएगी।

आज समय आ गया है जब हमें अपने नैतिक कर्तव्यों का पालन पूरी ईमानदारी और सहजता के साथ अनिवार्यत: करना होगा। अन्यथा यह समाज कब ढह जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता।

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