Vitamins In Hindi नाम, प्रकार, चार्ट और कार्य की पूरी जानकारी
शरीर में विटामिन्स की कमी होने पर कही रोग और बीमारियों का सामना करना पड़ता है। परंतु जो लोग पर्याप्त मात्रा में अपने आहार द्वारा विटामिन की प्राप्ति कर लेते है। उनमे विटामिन की कमी पूरी होने के कारण रोग कम दिखाई देते है। Vitamins In Hindi जानकारी में विटामिन के नाम, प्रकार और कार्य को समझना जरुरी है।
वैसे तो केवल एक पोस्ट में विटामिन के बारे में सब बताना मुश्किल है। लेकिन फिर भी हमने यहाँ हो सके उतनी अच्छी जानकारी देने का प्रयास किया है। इसी विषय के सम्बंधित ज्यादा माहिती पाने के लिए Vitamins सीरीज की पोस्ट्स पढ़ सकते है।
Vitamins In Hindi
विटामिन का हिंदी मीनिंग या फुल फॉर्म एक लेटिन शब्द से बना हुआ है। Vita यानी Life जिसे हिंदी में जीवन कहते है। और Amine यानी Essential जिसे आवश्यक कहा जाता है। इन्ही दो शब्दों को जोड़ कर एक पूरा Vitamin नाम बनता है।
इसका Vitamin In Hindi में पूरा अर्थ क्या बनता है, तो कुछ इस प्रकार कह सकते है। ऐसे कार्बनिक पदार्थ जो रोग मुक्त जीवन के लिए आवशयक होते है उन्हें विटामिन कहते है।
सन 1881 में लुनिन ने बताया की, अपने प्रतिदिन के भोजन में विटामिन मिल सके ऐसे पदार्थ आहार विधि में होने चाहिए। 1912 में विशेषज्ञ फुंक द्वारा सर्वप्रथम विटामिन शब्द का प्रयोग किया गया था।
सौप्रथम 1912 में हॉपकिंस ने विटामिन तत्त्व की खोज की थी। 1912 में हॉपकिंस ने ये भी बताया की प्रत्येक रोग आहार में किसी विशेष विटामिन की कमी से होता है।
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विटामिन का नाम, प्रकार और कार्य
अभी तक जिव विज्ञानिओ द्वारा कुल 13 प्रकार के विटामिनो की खोज की गयी है। इन सभी विटामिनो को दो प्रमुख भागो में बांटा गया है।
- जल में घुलनशील विटामिन (Water Soluble)
- वसा में घुलनशील विटामिन (Fat Soluble)
किसी भी आहार से शरीर को जल में घुलनशील होने वाला विटामिन मिलता है। तो शरीर जरुरी मात्रा को रख लेता है और बाकी बची अधिकता को मूत्र द्वारा बहार निकाल देता है। यह शरीर में किसी भी स्थान पर जमा नहीं होते, इसलिए प्रतिदिन भोजन से इनकी कमी पूरी की जा सकती है।
इससे विपरीत वसा में घुलनशील विटामिनो का मूत्र के साथ उत्सर्जन नहीं होता और वसा ऊतकों में इनका कुछ संचय होता रहता है। जिसके कारण इन्हे प्रतिदिन भोजन से ग्रहण करना आवश्यक नहीं होता।
Vitamins In Hindi में दोनों मुख्य प्रकार के आधार पर कुल 13 विटामिन्स है, जिनके संपूर्ण नाम और कार्य निचे अनुसार है।
(1) विटामिन ए
- खोज – 1909 में
- रासायनिक नाम – रेटिनॉल
- कार्य – विटामिन ए आँखों के रोग, त्वचा रोग और संक्रमण से बचाने में लाभकारी है।
- खाद्य पदार्थ – गाजर, चुकंदर, हरी सब्जिया, टमाटर
(2) विटामिन बी 1
- खोज – 1912 में
- रासायनिक नाम – थियामिन
- कार्य – रक्त परिसंचरण, दिमागी विकास और हृदय रोग के लिए विटामिन बी 1 अच्छा है।
- खाद्य पदार्थ – शतावरी, आलू, सूरजमुखी बीज, फूलगोभी
(3) विटामिन बी 2
- खोज – 1920 में
- रासायनिक नाम – राइबोफ्लेविन
- कार्य – बी 2 त्वचा विकार, एनिमिअ और रोगप्रतिकारक शक्ति बढ़ाने का कार्य करता है।
- खाद्य पदार्थ – मांस, अंडे, मछली, पनीर, दूध, दही
(4) विटामिन बी 3
- खोज – 1936
- रासायनिक नाम – नियासिन
- कार्य – शरीर में कमजोरी, हृदय रोग, डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल सम्बंधित समस्याओ में विटामिन बी 3 काम करता है।
- खाद्य पदार्थ – मछली, दूध, अंडे, मशरूम, गाजर
(5) विटामिन बी 5
- खोज – 1931
- रासायनिक नाम – पेंटोथीनिक एसिड
- कार्य – विटामिन बी 5 तनाव, संक्रमण, बाल, त्वचा सम्बंधित रोगो में मददगार है।
- खाद्य पदार्थ – एवोकाडो, ब्रोकोली,मांस, मछली
(6) विटामिन बी 6
- खोज – 1934
- रासायनिक नाम – पैरोडोक्सामिन
- कार्य – बवासीर, डायबिटीज, थकान या खून की बीमारी में विटामिन बी 6 लाभकारी है।
- खाद्य पदार्थ – केला, ड्राई फ्रूट्स, सब्जिया
(7) विटामिन बी 7
- रासायनिक नाम – बायोटिन
- कार्य – बालो का झड़ना कम करना, मजबूती बढ़ाना और घनापन बढ़ाने के लिए बायोटिन जरुरी है।
- खाद्य पदार्थ – अंडे की जर्दी, सब्जिया
(8) विटामिन बी 9
- खोज – 1941
- रासायनिक नाम – फोलिक एसिड
- कार्य – विटामिन बी 9 लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में मददगार है। जो एनिमिआ, गले का रोग, त्वचा रोग से दूर रखने में सहायक है।
- खाद्य पदार्थ – पत्तेदार सब्जिया, सूरजमुखी बीज
(9) विटामिन बी 12
- खोज – 1926
- रासायनिक नाम – साइनोकोबलमीन
- कार्य – विटामिन बी 12 लिवर रोग, धूम्रपान, एनिमिआ, अलसर के बुरे लक्षणों को कम करने का काम करता है।
- खाद्य पदार्थ – चिकन, फिश, अंडे, दूध बनावट
(10) विटामिन सी
- खोज – 1912
- रासायनिक नाम – एस्कोर्बिक एसिड
- कार्य – स्कर्वी, आँखों के रोग, डायबिटीज, सर्दी जुखाम, हृदय रोग, कैंसर, बवासीर, सूजन से लड़ने में विटामिन सी सहायक है। इस विटामिन द्वारा त्वचा और पुरे शरीर को कही फायदे मिलते है।
- खाद्य पदार्थ – संतरा, निम्बू, अनार, शकरकंद, मूली
(11) विटामिन डी
- खोज – 1918
- रासायनिक नाम – एर्गोकलसिफ़ेरोल
- कार्य – दांत और हड्डियों की कमजोरी दूर करने के लिए विटामिन डी जरुरी है।
- खाद्य पदार्थ – दूध की बनावट, मूंगफली
(12) विटामिन इ
- खोज – 1922
- रासायनिक नाम – टोकोफेरोल्स
- कार्य – ज्यादातर लोग त्वचा के निखार और बालो की खूबसूरती के लिए विटामिन इ को कार्य में लेते है।
- खाद्य पदार्थ – कीवी, बादाम, एवोकाडो, दूध, हरी सब्जिया
(13) विटामिन के
- खोज – 1929
- रासायनिक नाम – फाइलोक्विनोन
- कार्य – आंतरिक रक्तस्त्राव और मासिक धर्म सम्बंधित समस्याओ के लिए विटामिन के जरुरी है।
- खाद्य पदार्थ – पत्तेदार सब्जिया, एवोकाडो, छिलकेदार अनाज
All Vitamin Chart In Hindi
ऊपर हमने Vitamins In Hindi को पूरी जानकारी देकर समझाने का प्रयास किया है। परंतु यदि आप केवल एक Vitamin Chart की इमेज द्वारा सारी बात शॉर्ट में समझना चाहते है, तो निचे दी गयी इमेज देख लीजिये।
यहाँ पर सारे विटामिन के नाम, उनके रासायनिक नाम और किस रोग में उपयोगी है उसकी माहिती प्रदर्शित की गयी है।
- बच्चो के लिए विटामिन डी की खुराक
आशा करता हु सरल भाषा में पूरी जानकारी देने में सफल रहा हु। मिलते है अपनी नेक्स्ट पोस्ट में तब तक टेक केयर।
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Last Updated on 20/08/2022 by Karan Jethwa
विटामिन किसे कहते हैं? Vitamin के प्रकार, स्रोत, महत्व और कमी से होने वाले रोग क्या हैं?
Vitamin Kya Hai in Hindi – आज के इस ब्लॉग में हम विटामिन क्या होते हैं? और विटामिन कितने प्रकार के होते है? इसके साथ ही विटामिन के स्रोत, विटामिन के फायदे और विटामिन के कमी से होने वाले रोग के बारे में विस्तार से जानेंगे!
विटामिन एक प्रकार के भोजन के अवयव होते है जो जीव के शरीर के विकास और शरीर को सही ढंग से कार्य करने के लिए शक्ति प्रदान करते है!
स्वस्थ रहने के लिए हमारे भोजन में विटामिन का सम्मलित होना बहुत जरुरी होता है! सभी Vitamin हमारे शरीर में अलग अलग कार्य करते है! यह हमारे शरीर में प्रोटीन और Carbohydrates के मेटाबोलिज्म करने का कार्य करते है!
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आज के इस पोस्ट में हम विटामिन क्या होते हैं? (Vitamin Kya Hai in Hindi) यह कितने प्रकार के होते हैं? (Vitamin Kitne Prakar Ke Hote Hai) और Vitamin के स्रोत, इसके कमी से होने वाले रोज और शरीर के लिए Vitamin का महत्व के बारे में विस्तार से जानेंगे!
विषय - सूची
विटामिन क्या होते हैं? (Vitamin Kya Hai in Hindi)
Vitamin in Hindi – विटामिन रासायनिक रूप से कार्बनिक यौगिकों का समूह होता है जो एक प्रकार का आवश्यक पोषक तत्व होता है! एक जीव के शरीर के विकास के लिए Vitamin बहुत आवश्यक होता है! विटामिन्स में कार्बन होने के कारण यह कार्बनिक कहलाते हैं!
हमारे शरीर के लिए आहार ही Vitamin का मुख्य स्रोत होता है! Vitamin शरीर द्वारा पर्याप्त मात्रा में स्वयं से बहुत कम मात्रा में बनता है इसलिए Vitamin को प्राकृतिक खाद्य पदार्थो के रूप में लेना आवश्यक होता है!
अपने हेल्थ को हमेशा स्वस्थ रखने के लिए पौष्टिक भोजन लेना चाहिए जिसमें ये सभी विटामिन सम्मिलित होते हैं! आप अपने हेल्थ को भी समय समय पर चेक करने की आदत डाल लीजिये जैसे बीपी चेक करना , बॉडी चेकउप करना, आँखों को चेक करवाना इत्यादि!
विटामिन की खोज किसने की? (Vitamin Ki khoj Kisne Ki)
सर्वप्रथम Vitamin की खोज 1912 में हॉपकिंस द्वारा की गयी और इसे कासिमीर फंक नामक एक बायोकेमिस्ट द्वारा विटामिन नाम दिया गया! हॉपकिंस द्वारा यह ज्ञात किया गया की Vitamin की पर्याप्त मात्रा शरीर को स्वस्थ रखने के लिए बहुत आवश्यक है!
विटामिन दो शब्दों से मिलकर बना है वीटा + अमीन! अर्थात ‘वीटा’ का मतलब होता है जीवन और ‘अमीन’ मानव शरीर में पाया जाने वाला एक प्रकार का यौगिक होता है!
विटामिन शरीर के लिए क्यों आवश्यक हैं? (Vitamin Knu Jaruri Hai)
एक स्वस्थ शरीर के लिए Vitamin बहुत आवश्यक होते है! शरीर में विटामिन की कमी होने पर हमारा शरीर कमजोर पड़ने लगता है!
विटामिन के कमी से शरीर में कई प्रकार की बीमारिया जन्म ले सकती है! और Vitamin हमारे शरीर को कई बीमारियों से बचाते है!
शरीर का विकास सही और सम्पूर्ण रूप से होना चाहिए! Vitamin हमारे शरीर के प्रत्येक भाग हड्डी, तंत्रिका कोशिका, रक्त कोशिकाओं, किडनी, लिवर, के स्वास्थ्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते है!
विटामिन के प्रकार कितने होते हैं? (Vitamin Kitne Prakar Ke Hote Hai)
Vitamin मुख्यतः दो प्रकार के होते है
- वसा में घुलनशील विटामिन (Fat soluble Vitamins)
- पानी में घुलनशील विटामिन (Water soluble Vitamin)
1. वसा में घुलनशील विटामिन (Fat soluble Vitamins)
वह विटामिन्स जो वसा में घुलनशील होते है अर्थात वसा के साथ अवशोषित हो जाते है, Fat soluble Vitamins यानि की वसा में घुलनशील विटामिन कहलाते है!
फैट – सोल्युबल Vitamin जीव के शरीर में कई दिनों तक रह सकते है! यह Vitamin शरीर में वसा उत्तको में Store होते है!
यह विटामिन मुख्य रूप से चार प्रकार के होते है! जो इस प्रकार निम्न है!
- Vitamin ‘A’
- Vitamin ‘D’
- Vitamin ‘E’
- Vitamin ‘K’
अब वसा में घुलनशील सभी Vitamin, इनके रासायनिक नाम, स्रोत, फायदे और इनके कमी से होने वाले रोग और Vitamin के फायदे के बारे में विस्तार से जान लेते है!
1. Vitamin ‘A’
रासायनिक नाम.
Vitamin ‘A’ का रासायनिक नाम रेटिनॉल है!
मुख्य स्रोत (Source)
लिवर, दूध, अंडा, मक्खन, तरबूज, पनीर, गाजर, कद्दू, सकरकंद इत्यादि!
Vitamin ‘A’ की कमी से होने वाले रोग
रतौंधी, सुखी कार्निया की बीमारी हो सकती है! साँस की तकलीफ, बाँझपन इत्यादि!
Vitamin ‘A’ के फायदे
- शरीर में विकास, प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है!
- कैंसर से बचाव करता है!
- आखो के लिए, हड्डीयो के स्वास्थ्य और रिप्रोडक्शन क्षमता के लिए Vitamin ‘A’ फायदेमंद होता है!
डिप्रेशन क्या है? (Depression in Hindi) अवसाद क्यों होता हैं और डिप्रेशन से बाहर कैसे आए?
2. Vitamin ‘D’
Vitamin ‘D’ का रासायनिक नाम केल्सीफेरोल है!
सूरज की रौशनी, मशरूम, मछली, लिवर, अंडे इत्यादि!
Vitamin ‘D’ की कमी से होने वाले रोग
हड्डी रोग (रिकेटस) और आस्टोमलेसिया (हड्डियों में कमजोरी) इत्यादि!
Vitamin ‘D’ के फायदे
- शरीर में Calcium के अवशोषण बढ़ाता है!
- हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत बनता है!
- हृदय स्वास्थ्य के लिए Vitamin ‘D’ आवश्यक होता है!
3. Vitamin ‘E’
Vitamin ‘E’ का रासायनिक नाम टोकोफेरोल है!
दूध से बने पदार्थ, अंडा, मांस, बादाम, कीवी फल, हरी सब्जिया, अनाज इत्यादि!
Vitamin ‘E’ की कमी से होने वाले रोग
Hemolytic Anemia (जो नवजात शिशुओं में होता है इसमें शरीर में ब्लड सेल्स खत्म होने लगती है)
Vitamin ‘E’ के फायदे
- यह विटामिन मानव शरीर में एक पोषक तत्व के तरह कार्य करता है!
- आँखों, त्वचा, बालो और ब्लड हेल्थ के लिए Vitamin ‘E’ फायदे मंद होता है!
- शरीर में एंटीऑक्सीडेंट के तरह कार्य करता है!
4. Vitamin ‘K’
Vitamin ‘के’ का रासायनिक नाम फीलोक्विनोने है!
हरी पत्ती सब्जियां, कीवी फल, नाशपाती और अजमोद के बीज इत्यादि!
Vitamin ‘K’ की कमी से होने वाले रोग
आस्टियोपेरिसिस (हड्डियों में कमजोरी), हृदय रोग, ब्लीडिंग इत्यादि!
विटामिन्स ‘E’ के फायदे
- हड्डियों की मजबूती प्रदान करता है!
- रक्त के थक्का बनाने के लिए आवश्यक (यह प्रोथ्रॉम्बिन प्रोटीन के द्वारा होता है जो विटामिन के पर निर्भर प्रोटीन होता )!
पानी में घुलनशील विटामिन क्या हैं (Water soluble Vitamin)
वह विटामिन जो पानी में आसानी से घुल जाते है! पानी में घुलनशील Vitamin शरीर में उत्तको में बहुत जल्दी अवशोषित हो जाते है लेकिन ये विटामिन शरीर में जमा नहीं होते है! Vitamin को आहार के माध्यम से प्रतिदिन लेना बहुत आवश्यक होता है!
पानी में घुलनशील विटामिन यूरिन में शरीर से बाहर निकल जाते है! Water – Soluble Vitamin में Vitamin ‘C’ और ‘B’ काम्प्लेक्स Vitamin सम्मलित होते है जो की निम्नलिखित है!
BP Check Kaise Kare – घर बैठे ब्लड प्रेशर नापने का तरीका, बीपी चेक करने की मशीन को क्या कहते हैं?
अब आगे हम पानी में घुलनशील सभी विटामिन्स, इनके रासायनिक नाम, स्रोत, फायदे और इनके कमी से होने वाले रोग और विटामिन्स के फायदे के बारे में विस्तार से जान लेते है!
1. Vitamin ‘C’
विटामिन ‘C’ का रासायनिक नाम एस्कोर्बिक एसिड है!
खट्टे फल (नीबू, संतरा, अंगूर), आलू, काली मिर्च, स्ट्रॉबेरीज़, ब्रोकोली इत्यादि!
Vitamin ‘C’ की कमी से होने वाले रोग
स्कर्वी, एनीमिया, रूखे बाल होना, दाँतों की समस्या, त्वचा में रूखापन इत्यादि!
विटामिन्स ‘C’ के फायदे
- शरीर में कोशिकाओं के हेल्थ के लिए आवश्यक, हड्डियों को स्वस्थ रखने में सहायक होता है!
- रक्त कोशिकाओं के लिए आवश्यक होता है!
- शरीर में घाव भरने में विटामिन सी महत्वपूर्ण होता है!
2. Vitamin ‘B1’
विटामिन ‘B1’ का रासायनिक नाम थाइमिन है!
ब्राउन राइस, अनाज के दाने, आलू, खमीर, फूलगोभी, राइ, सनफ्लॉवर सीड्स, केला इत्यादि!
Vitamin ‘B1’ की कमी से होने वाले रोग
बेरी बेरी, वर्निक-कोर्साकॉफ़ सिंड्रोम और हार्ट फेलियर इत्यादि!
विटामिन्स ‘B1’ के फायदे
मांसपेशियां, हार्ट, ब्रेन, नर्वस सिस्टम के हेल्थ, इत्यादि के लिए Vitamin B1 बहुत फायदेमंद होता है!
3. Vitamin ‘B2’
विटामिन ‘B2’ का रासायनिक नाम राइबोफ्लेविन है!
मांस, दूध और दूध से बने पदार्थ , अंडा, हरी बीन्स, मछली, केला, खुरमा, ओकरा इत्यादि!
Vitamin ‘B2’ की कमी से होने वाले रोग
एरिबोफ्लेविनोसिस (मुँह पर घाव हो जाना)
विटामिन्स ‘B2’ के फायदे
- शरीर में ऊर्जा प्रदान करता है!
- कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन और फैट्स को ब्रेकडाउन करता है!
4. Vitamin ‘B3’
विटामिन ‘B3’ का रासायनिक नाम नियासिन है!
दूध , अंडा, हरी पत्तियां सब्जिया, टमाटर, मांस, खजूर, ब्रोकली, मेवे, सकरकंद, गाजर, फल, मशरूम इत्यादि!
Vitamin ‘B3’ की कमी से होने वाले रोग
मानसिक तनाव, त्वचा रोग, डायरिया, पैलेग्रा इत्यादि!
विटामिन्स ‘B3’ के फायदे
कोलेस्ट्रॉल को कम करता है, शारीरिक विकास में लाभदायक, गठिया को कम करता है!
5. Vitamin ‘B5’
विटामिन ‘B5’ का रासायनिक नाम पैंटोथेनिक एसिड है!
मछली, आलू, ओट्स, टमाटर, साबुत अनाज, मांस, मुर्गी इत्यादि!
Vitamin ‘B5’ की कमी से होने वाले रोग
नींद न आना, शरीर में थकान, डिप्रेशन इत्यादि!
विटामिन्स ‘B5’ के फायदे
- नर्वस सिस्टम के लिए सहायक होता है!
- लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण करता है!
- बाल, आँख और त्वचा के लिए विटामिन बी ‘5’ फायदेमंद होता है!
6. Vitamin ‘B6’
विटामिन ‘B6’ का रासायनिक नाम पैरोडोक्ज़ामिन है!
बीज, मीट, केला, अंडा, हरी पत्ती सब्जियां, नट्स, आलू, बीन्स इत्यादि!
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Vitamin ‘B6’ की कमी से होने वाले रोग
डिप्रेशन, मस्तिष्क, रीड की हड्डी में कमजोरी!
विटामिन्स ‘B6’ के फायदे
- शरीर में प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाये रखता है!
- यह Vitamin रक्त में एमिनो एसिड के सामान्य मात्रा को बनाये रखता है!
7. Vitamin ‘B7’
विटामिन ‘B7’ का रासायनिक नाम बायोटिन है!
फल, मांस, लिवर, अंडा, सब्जियां इत्यादि!
Vitamin ‘B7’ की कमी से होने वाले रोग
शरीर और आंत में सूजन, बालों का झड़ना, इत्यादि!
- शरीर में रक्त कोशिकाओं का उत्पादन करता है!
- फैटी एसिड को शरीर में मेटाबोलाइज़ करता है!
- फोलिक एसिड शरीर का विकास करता है!
8. Vitamin ‘B9’
Vitamin ‘B9’ का रासायनिक नाम फोलिक एसिड है!
हरी पत्ती सब्जियां, लिवर, खट्टे फल, अनाज, खमीर, ब्रेड, सूरजमुखी बीज, इत्यादि!
Vitamin ‘B9’ की कमी से होने वाले रोग
- साँस लेने में तकलीफ
- शरीर का विकास न होना
- मसूड़ों में सूजन
- पाचनतंत्र संबंधी समस्या
- मानसिक तनाव इत्यादि!
Vitamin ‘B9’ के फायदे
- शरीर में रक्त कोशिकाओं का निर्माण करता है!
- मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के विकास के लिए आवश्यक होता है!
9. Vitamin ‘B12’
विटामिन ‘B12’ का रासायनिक नाम साइनोकोबालमीन है!
दूध से बने पदार्थ, अंडा, मछली, मीट, अनाज, सोया, इत्यादि!
Vitamin ‘B12’ की कमी से होने वाले रोग
तंत्रिका कोशिका क्षति, रक्तस्त्राव!
विटामिन्स ‘B12’ के फायदे
- यह रक्त कोशिका और नर्वस सिस्टम को स्वस्थ रखता है!
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आज के इस ब्लॉग के माध्यम से हम ने आपको विटामिन्स क्या होते हैं? (Vitamin Kya Hai in Hindi) और विटामिन कितने प्रकार के होते हैं? (Vitamin Kitne Prakar Ke Hote Hai) इसके साथ ही विटामिन के स्रोत, विटामिन के फायदे और Vitamin के कमी से होने वाले रोग के बारे में विस्तार से बताने की कोशिश की!
हमें उम्मीद है यह (Vitamins Kya Hai in Hindi) पोस्ट आपको को पढ़कर आपको आसान शब्दों में Vitamin के बारे में बहुत कुछ जानने को मिला होगा!
आप हमारे (Vitamin Kya Hai , विटामिन क्या होते हैं?) इस पोस्ट को सभी सोशल साइड में शेयर जरूर करें और पोस्ट को लाइक जरूर करें! इस पोस्ट से जुड़ अपने जरुरी सवाल और सुझाव नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में जरूर अवगत कराएं! इसी तरह की अन्य जानकारियों को पढ़ने हेतु आप हमारे अन्य ब्लॉग को भी जरूर पढ़ें!
इस पोस्ट को अंत तक तक पढ़ने हेतु आपका बहुत बहुत धन्यवाद
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विटामिन और मिनरल्स के फायदे, अंतर और उपयोग क्या है?
Vitamins and Minerals ऐसे पदार्थ हैं जिनको लेना शरीर के लिए जरूरी है। बहुत बार लोग खुद को दर्दनाक सिरदर्द, सुस्ती या अन्य लक्षणों से पीड़ित पाते है। उनके लिए विटामिंस और मिनरल्स काफी फायदेमंद होते हैं।
Vitamins and Minerals के बीच अंतर क्या है? कितना अधिक है याकम मात्रा मे ले रहे है ये आप कैसे जानते हैं कि आप बहुत कम खा रहे हैं? आइए आज हम जानते है की ये हमारे लिए कितने ज़रूरी है।
Table of Contents
What Is Vitamin? – विटामिन क्या हैं?
विटामिन शरीर के निर्माण, पाचन और शरीर बनने में मदद करते हैं। ( vitamins and minerals) वे अकार्बनिक यौगिक हैं। इसका मतलब है कि वे हवा, गर्मी और प्रकाश जैसे स्रोतों के माध्यम से टूटने में सक्षम हैं।
विटामिन जो पानी में घुलनशील होते हैं। यह सब शरीर में विटामिन को सक्रिय करने की क्षमता है।
पानी में घुलनशील विटामिन
पानी में घुलनशील विटामिन पानी में सबसे अच्छे से घुल जाते हैं और शरीर के लिए आसानी से काम करते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि हमारा शरीर ज्यादातर पानी से बना है। जबकि यह अच्छा है, यह समझना भी महत्वपूर्ण है कि शरीर पानी में घुलनशील विटामिनों को निकालने की संभावना के समान है।
शरीर यूरिन में से पानी में घुलनशील विटामिन को हटा देता है। आप इस प्रक्रिया के कारण इनमें से किसी भी विटामिन की अधिक मात्रा में लेने की संभावना नहीं रखते हैं। पानी में घुलनशील विटामिन से मिलकर बनता है।
- B1 (थायमिन)
- B2 (राइबोफ्लेविन)
- B3 (नियासिन)
- B5 (पैंटोथेनिक एसिड)
- B6 (पाइरिडोक्सिन)
- B7 (बायोटिन)
- B12 (कोबालिन)
विटामिन सी (एस्कॉर्बिक एसिड)
ये विटामिन कोएंजाइम हैं जो कई प्रकार के कार्य करने में मदद करते हैं। बी विटामिन की अपनी आवश्यक भूमिकाएँ होती हैं। शरीर तुरंत पानी में ( vitamins and minerals) घुलनशील विटामिन का उपयोग करता है क्योंकि हमेशा पानी की जरूरत होती है।
विटामिन सी प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। विटामिन ऑनलाइन खरीदने से पहले यह निर्धारित करने के लिए कि क्या आपके पास कोई कमी है या लक्षणों के लिए अपने डॉक्टर से बात करना सबसे अच्छा है।
एक अच्छी चीज जो इसे अलग करती है वह यह है कि वे शरीर की चर्बी में घुल जाती हैं, पानी में नहीं। इन ( vitamins and minerals) विटामिनों के अवशोषण में शरीर का वजन एक मजबूत भूमिका निभा सकता है।
उदाहरण के लिए, अधिक वजन वाले लोग फेट दूर करने के लिए अधिक संभावना रखते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि शरीर की अंदर चर्बी परेशानी का कारण बन सकता है।
वसा में घुलनशील विटामिन लेने का सबसे अच्छा समय यह होगा जब आप उच्च वसा वाले भोजन का सेवन करेंगे। पानी में घुलनशील विटामिन की तरह, वसा में घुलनशील विटामिन की अपनी अलग भूमिकाएँ होती हैं।
उदाहरण के लिए, विटामिन ए जैल अच्छी आंखों, हड्डियों, दांतों की समस्या और त्वचा को बनाए रखता है। स्वस्थ हड्डियों और दांतों में भी विटामिन डी की जरूरत होती है। विटामिन डी , जिसे “ सनशाइन विटामिन” के रूप में भी जाना जाता है, का भी त्वचा रंजकता के साथ एक मजबूत संबंध है।
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What is Minerals? मिनरल्स क्या हैं?
मिनरल्स अकार्बनिक यौगिक हैं जिसका अर्थ है कि वे गर्मी या हवा जैसे तत्वों के कठोर संपर्क के बावजूद अपनी रासायनिक संरचना को बनाए रखने में मदद करता हैं।
मिनरल्स प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले पदार्थ हैं जिन्हें शरीर को कामो को पूरा करने की जरूरत होती है। आपके दिल की धड़कन को नियंत्रित करने, हार्मोन बनाने, हड्डियों और मांसपेशियों के निर्माण और मस्तिष्क के कार्य का समर्थन करने के लिए मिनरल्स की आवश्यकता होती है।
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आपके शरीर को 13 प्राथमिक मिनरल्स की ज़रूरत होती है। शरीर को सूक्ष्म पोषक तत्वों की कम मात्रा में आवश्यकता होती है:
यह सुनिश्चित (vitamins and minerals) करने का सबसे अच्छा तरीका है कि आपके शरीर को सभी आवश्यक पोषक तत्व मिलते हैं, विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ खाना है। ट्रेस मिनरल्स की भी कम मात्रा में जरूरत होती है।
विटामिन और मिनरल्स के बीच अंतर क्या है | Difference Between Vitamins And Minerals
हमारे द्वारा खाए जाने वाले (vitamins and minerals) भोजन को ऊर्जा में कन्वर्ट करके और सेलुलर क्षति की बदलकर जीवन को बनाए रखने में विटामिन और खनिज दोनों महत्वपूर्ण हैं। फिर भी, दोनों के बीच मतभेद हैं जो प्रत्येक को अद्वितीय बनाते हैं।
(vitamins and minerals) विटामिन शरीर को भोजन से प्राप्त ऊर्जा को मुक्त करने में मदद करते हैं। विटामिन कई कोएंजाइम के महत्वपूर्ण घटक हैं। विटामिन शरीर को काम करने में मदद करने के लिए ऊर्जा पैदा करने में मदद करते हैं।
विटामिन प्रोटीन और कोशिकाओं के निर्माण में भी शरीर की (vitamins and minerals) सहायता करते हैं। उपचार के दौरान यह सबसे महत्वपूर्ण है जब आपको नई कोशिकाओं को तेजी से बनाने की आवश्यकता होती है।
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घावों को बांधने और त्वचा को तना हुआ रखने के लिए शरीर बहुत सारे कोलेजन का उत्पादन करता है। इसके लिए विटामिन सी जरूरी है क्योंकि यह नई रक्त वाहिकाओं का समर्थन करता है और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत रखने में भूमिका निभाता है।
कुछ खनिज ऐसे हैं जो इलेक्ट्रोलाइट्स के रूप में भी कार्य करते हैं। इलेक्ट्रोलाइट्स मांसपेशियों और तंत्रिका कार्यों को विनियमित करने में सहायता करते हैं।
क्या विटामिन D की कमी बालों के झड़ने का कारण बनता है
वे पानी और एसिड-बेस बैलेंस को बनाए रखने में भी मदद करते हैं। यदि आपके पास इलेक्ट्रोलाइट संतुलन में व्यवधान है, तो आपको शारीरिक विकार विकसित होने की अधिक संभावना है। उचित पानी लिए शरीर खनिजों का उपयोग करता है।
मिनरल्स शरीर (लौह) में ऑक्सीजन को स्थानांतरित करने और हीमोग्लोबिन (तांबा) के निर्माण में सहायता करने के लिए भी कार्य करते हैं। शरीर को शरीर की कोशिकाओं को होने वाले नुकसान से बचाने में मदद करने के लिए खनिजों की आवश्यकता होती है। शरीर के भीतर भी अलग तरह की गतिविधियों को बढ़ाने में मिनरल्स प्रमुख होते हैं।
The Body Need Vitamin and Minerals In Hindi
विटामिन और मिनरल्स अलग हो सकते हैं, लेकिन शरीर को मजबूत स्थिति में काम करने और जीवित रहने के लिए दोनों की ही जरूरत होती है। जंक फूड और खाली कैलोरी पर रहकर आप विटामिन और मिनरल्स प्राप्त नहीं कर पाएंगे।
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यदि आप में दोनों में से किसी की भी कमी है, तो आप बालों के झड़ने, सिरदर्द, सुस्ती, मतली, या तेज़ दिल की धड़कन जैसे असामान्य और लगातार लक्षणों का अनुभव कर सकते हैं। यह आपके शरीर का आपको यह बताने का तरीका है कि आपमें विटामिन और मिनरल्स की कमी है।
अपने भोजन में विटामिन और मिनरल्स शामिल करें
जैसे कि आपको अच्छे स्वास्थ्य में रहने के लिए सभी आवश्यक पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है, यह विटामिन और मिनरल्स के बीच अंतर जानने में सहायक होता है। अधिक जानकारी होने से आप बेहतर तरीके से यह तय कर सकते हैं कि आपके किसी भी लक्षण के आधार पर आपके शरीर को किसकी ज्यादा जरूरत है।
आपके द्वारा प्रतिदिन लिया जाने वाला दैनिक पूरक भी केवल एक दिनचर्या से अधिक हो जाता है। एक बार जब आप जान जाते हैं कि विटामिन और खनिज आपके शरीर के लिए क्या करते हैं, तो आप उन्हें लेना अच्छा महसूस करते हैं। वे दवा के रूप में महत्वपूर्ण हो जाते हैं
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1 thought on “विटामिन और मिनरल्स के फायदे, अंतर और उपयोग क्या है?”
विटामिन्स एवं मिनरल्स की बहुत ही सटीक जानकारी देता बेहतरीन आलेख।
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विटामिन के प्रमुख कार्य, प्रभाव, स्रोत एवं कमी से होने वाले रोगों की सूची | Vitamin Deficiency Diseases
Reported by Dhruv Gotra
Published on 1 September 2024
हमारे शरीर को स्वस्थ और ऊर्जावान रखने के लिये संतुलित मात्रा में आहार का होना बहुत जरूरी है। आहार में विटामिन की उचित मात्रा हमारे शरीर के विकास और स्वास्थ्य के लिये बहुत ही आवश्यक है। आज इस लेख में हम आपको विटामिन (VITAMIN) के बारे में जानकारी देंगे। जैसे कि विटामिन क्या हैं, यह कहां पाये जाते हैं। विटामिन की कमी से कौन-कौन से रोग (Vitamin Deficiency Diseases) हो सकते हैं आदि।
विटामिन क्या होते हैं ?
हमारे शरीर के स्वस्थ विकास के लिये विटामिन की आवश्यकता होती है। विटामिन वह तत्व होते हैं, जिनकी हमारे शरीर को अल्प मात्रा में आवश्यकता होती है। रसायन विज्ञान की भाषा में कहें तो विटामिन एक प्रकार के कार्बनिक यौगिक होते हैं। यह कार्बनिक यौगिक हमारे शरीक में स्वयं या तो नहीं बनते हैं या बहुत ही कम मात्रा में बनते हैं।
शरीर में विटामिन की कमी को रोकने के लिये हमारे द्वारा विटामिन का संतुलित आधार पर सेवन किया जाता है। यह हमारे शरीर की अपेक्षित जरूरतों को पूरा करते हैं। इसलिये संतुलित और अल्प मात्रा में विटामिन लेने की सलाह डॉक्टरों के द्वारा भी दी जाती है। विटामिन का कार्य हमारे शरीर उर्जावान बनाये रखना और विभिन्न प्रकार की बीमारियों से हमारे शरीर की रक्षा करना है। विटामिन को दो आधारों पर वर्गीकृत किया जाता है। जल में घुलने वाले विटामिन और वसा में घुल जाने वाले विटामिन।
विटामिन के प्रकार (types of vitamins)
विशेषताओं के आधार पर विटामिन्स को दो वर्गों में विभाजित किया जाता है। ये वर्ग हैं-
- वसा में घुलने वाले विटामिन।
- पानी में घुल जाने वाले विटामिन।
वसा में घुलने वाले विटामिन (fat soluble vitamins)
वे विटामिन जो कि हमारे शरीर में उपस्थित वसा में आसानी से घुल जाते हैं। इस श्रेणी में आते है। सामान्यतः इस प्रकार के विटामिन हमारी मांसपेशियों और उतकों के लिये लाभदायक होते हैं और इनके विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस प्रकार के विटामिन हमारी मांसपेशियों के द्वारा स्टोर कर लिये जाते हैं और लम्बे समय तक हमारे शरीर में बने रहते हैं। वसा में घुलने वाले विटामिन हैं-
- विटामिन A (Retinoids)
- विटामिन D (Calciferols)
- विटामिन E (Tocopherol)
- विटामिन K (Phyto menadione)
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पानी में घुलने वाले विटामिन (water soluble vitamins)
जल में घुलने वाले विटामिन को सामान्यतः हमारे शरीर के द्वारा स्टोर नहीं किया जाता है। इसलिये हमारे शरीर को नियमित रूप से इन विटामिन्स की आवश्यकता होती है। इन विटामिन्स की अधिकता होने पर हमारे शरीर के द्वारा इन्हें जल के साथ बाहर निकाल दिया जाता है। जल में घुलने वाले मुख्य विटामिन हैं-
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- विटामिन C (Ascorbic Acid)
- विटामिन B1 (Thiamine)
- विटामिन B2 (Riboflavin)
- विटामिन B3 (Niacin)
- विटामिन B5 (Pantothenic Acid)
- विटामिन B6 (Pyridoxine)
- विटामिन B7(Biotin)
- विटामिन B9 (Folic)
- विटामिन B12 (Cobalamin)
विटामिन की कमी से होने वाले रोग
हम जानते हैं कि हमारे शरीर को स्वस्थ रखने के लिये विटामिन बहुत ही महत्वपूर्ण तत्व हैं। कुछ विटामिन्स का सेवन हमें प्रतिदिन करने की सलाह दी जाती है। यदि हम नियमित तौर पर इन विटामिन्स का सेवन न करें। अथवा हमारे शरीर में विटामिन्स की कमी हो जाये तो हमारा शरीर कई प्रकार की गंभीर बीमारियों से घिर जाता है। जिसके कि हमें गंभीर परिणाम भुगतने पडते हैं। आइये जानते हैं कि किस विटामिन की कमी से कौन सा रोग हो सकता है।
विटामिन के स्रोत और उनकी कमी के लक्षण
सेब, अण्डा, मांस-मछली, हरी सब्जियां, दूध, दही, मक्खन, फल आदि में बहुतायत में पाया जाता है | घाव भरने में अपेक्षा से अधिक समय लगना, धुंधला दिखायी देना, त्वचा में रूखापन आ जाना विटामिन A की कमी के लक्षण हैं। विटामिन A की कमी से नामक रोग हो जाता है। इसमें रात्रि के समय नेत्रों से कम दिखायी पडता है। | ||
दूध, अण्डे, मांस-मछली, हरी सब्जियां, रसदार फल जैसे संतरा, अंगूर इत्यादि, सूखे मेवे, और लगभग सभी दालों में अच्छी मात्रा में पाया जाता है। | हाथ पैरों में अकडन का आना, लगातार वजन का घटना, अत्यधिक नींद का आना, पाचन तंत्र का कमजोर होना या कब्ज की समस्या विटामिन बी और इसके विभिन्न प्रकार की कमी के लक्षण हैं। विटामिन B की कमी से नामक होती है। | ||
विटामिन B2 | —– | दूध, अण्डे, मांस-मछली, हरी सब्जियां, रसदार फल जैसे संतरा, अंगूर इत्यादि, सूखे मेवे, और लगभग सभी दालों में अच्छी मात्रा में पाया जाता है। | जीभ पर छाले होना |
विटामिन B3 | —– | दूध, अण्डे, मांस-मछली, हरी सब्जियां, रसदार फल जैसे संतरा, अंगूर इत्यादि, सूखे मेवे, और लगभग सभी दालों में अच्छी मात्रा में पाया जाता है। | मानसिक विकार उत्त्पन्न होना |
विटामिन B5 | —– | दूध, अण्डे, मांस-मछली, हरी सब्जियां, रसदार फल जैसे संतरा, अंगूर इत्यादि, सूखे मेवे, और लगभग सभी दालों में अच्छी मात्रा में पाया जाता है। | उपरोक्त सभी |
विटामिन B6 | —– | दूध, अण्डे, मांस-मछली, हरी सब्जियां, रसदार फल जैसे संतरा, अंगूर इत्यादि, सूखे मेवे, और लगभग सभी दालों में अच्छी मात्रा में पाया जाता है। | उपरोक्त सभी |
विटामिन B7 | —– | दूध, अण्डे, मांस-मछली, हरी सब्जियां, रसदार फल जैसे संतरा, अंगूर इत्यादि, सूखे मेवे, और लगभग सभी दालों में अच्छी मात्रा में पाया जाता है। | बाल झड़ने की समस्या |
—– | दूध, अण्डे, मांस-मछली, हरी सब्जियां, रसदार फल जैसे संतरा, अंगूर इत्यादि, सूखे मेवे, और लगभग सभी दालों में अच्छी मात्रा में पाया जाता है। | ||
सभी खाद्य पदार्थ जिनमें कि खट्टापन पाया जाता है जैसे खट्टे फल नींबू, आंवला, कीवी आदि में भरपूर मात्रा में विटामिन C पाया जाता है। | कम भूख लगना, वजन में यकायक गिरावट का आना, त्वचा में रूखापन और खुजली होना, गुर्दे में स्टोन की समस्या का होना विटामिन सी की कमी के लक्षण हैं। विटामिन C की कमी से नामक रोग होता है। | ||
समुद्री खाना, मछली, दूध, दही, मक्खन, और सूर्य के प्रकाश में बहुतायत में विटामिन D पाया जाता है। | शरीर में चर्बी का बढना, हड्डियों में टेढापन आना, रक्तचाप की समस्या होना, गुर्दे में पथरी का होना आदि शरीर में विटामिन डी की कमी के लक्षण हैं। विटामिन डी की कमी से शरीर में नाम की बीमारी हो जाती है। इसमें हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और आसानी से टूट जाती हैं। | ||
सूरजमुखी के बीज, हरी सब्जियां और वसा से युक्त सभी प्रकार के खाद्य पदार्थों में विटामिन E बहुतायत में पाया जाता है। | शरीर के अंगो का अकड जाना या सुन्न हो जाना, नेत्र से संबन्धित परेशारियां होना, हार्ट से सम्बन्धित दिक्कतें होना, हाथ पैरों में कमजोरी महसूस होना, बांझपन का होना आदि शरीर में विटामिन E की कमी के लक्षण हैं। विटामिन E की कमी से शरीर में जनन और जननांगों से सम्बन्धित बीमारी हो जाती है। | ||
सभी प्रकार की हरी सब्जियों में विटामिन के भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसके साथ बीज वाले फलों में भी विटामिन के पाया जाता है। | विटामिन के की कमी से शरीर में खून अधिक मात्रा में जमने लगता है। जिससे नसों से सम्बन्धित दिक्कतों का सामना करना पडता है। साथ ही विटामिन के की कमी मसूडों और दांतों के लिये भी हानिकारक है। |
विटामिन के प्रमुख कार्य, कमी, रोग सम्बंधित प्रश्न FAQ’s
विटामिन सी की कमी से कौन सा रोग होता है?
विटामिन सी की कमी से स्कर्वी नामक रोग होता है।
विटामिन के मुख्य स्रोत क्या हैं?
दूध, अण्डे, डेयरी उत्पाद, मांस, मछली, हरी सब्जियां आदि विटामिन्स के मुख्य स्रोत हैं।
सूर्य के प्रकाश से कौन सा विटामिन मिलता है?
सूर्य के प्रकाश में विटामिन डी की प्रचुर मात्रा पायी जाती है।
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Dhruv Gotra
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विटामिन क्या है ? सम्पूर्ण जानकारी | What is Vitamin in Hindi
- by Health 360
- 21/01/2020 27/09/2022
विटामिन क्या है ? – What is Vitamin in Hindi
विटामिन (Vitamin in Hindi) एक कार्बनिक अणु (या अणुओं का संबंधित सेट) है जो एक आवश्यक सूक्ष्म पोषक है जो एक जीव को अपने चयापचय के उचित कार्य के लिए कम मात्रा में चाहिए। आवश्यक पोषक तत्वों को शरीर में संश्लेषित नहीं किया जा सकता है, या तो पर्याप्त मात्रा में या बिलकुल नहीं, और इसलिए आहार के माध्यम से प्राप्त किया जाना चाहिए। विटामिन सी को कुछ प्रजातियों द्वारा संश्लेषित किया जा सकता है लेकिन अन्य प्रजाति द्वारा नहीं; यह पहले उदाहरण में विटामिन नहीं है, लेकिन दूसरे में है। विटामिन शब्द में आवश्यक पोषक तत्वों के तीन अन्य समूह शामिल नहीं हैं: खनिज, आवश्यक फैटी एसिड और आवश्यक अमीनो एसिड। अधिकांश विटामिन एकल अणु नहीं होते हैं, लेकिन संबंधित अणुओं के समूह जिन्हें विटामर्स कहा जाता है। उदाहरण के लिए, विटामिन ई में चार टोकोफेरोल्स और चार टोकोट्रिऑनोल होते हैं। मानव चयापचय के लिए आवश्यक तेरह विटामिन हैं:
- विटामिन ए (सभी ट्रांस-रेटिनॉल, ऑल-ट्रांस-रेटिनिल-एस्टर, साथ ही ऑल-ट्रांस-बीटा-कैरोटीन और अन्य प्रोविटामिन ए कैरोटीनॉइड,
- विटामिन बी 1 (थियामिन)
- विटामिन बी 2 (राइबोफ्लेविन),
- विटामिन बी 3 (नियासिन),
- विटामिन बी 5 (पैंटोथेनिक एसिड),
- विटामिन बी 6 (पाइरिडोक्सीन),
- विटामिन बी 7 (बायोटिन),
- विटामिन बी 9 (फोलिक एसिड / फोलेट) ,
- विटामिन बी 12 (कोबाल्टिन),
- विटामिन सी (एस्कॉर्बिक एसिड) ,
- विटामिन डी (कैल्सीफेरोल्स),
- विटामिन ई (टोकोफेरोल और टोकोट्रिनॉल), और
- विटामिन के (क्विनोन)।
विटामिन द्वारा विविध जैव रासायनिक कार्य होते हैं। विटामिन ए कोशिका और ऊतक वृद्धि और विभेदन के नियामक के रूप में कार्य करता है। विटामिन डी एक हार्मोन जैसा कार्य प्रदान करता है, जो हड्डियों और अन्य अंगों के लिए खनिज चयापचय को नियंत्रित करता है।
बी कॉम्प्लेक्स विटामिन फंक्शन एंजाइम कोफैक्टर्स (कोएंजाइम) या उनके लिए अग्रदूत के रूप में कार्य करते हैं। विटामिन सी और ई एंटीऑक्सिडेंट के रूप में कार्य करते हैं।
विटामिन की कमी और अधिक सेवन दोनों संभावित रूप से नैदानिक रूप से महत्वपूर्ण बीमारी का कारण बन सकते हैं, हालांकि पानी में घुलनशील विटामिन के अधिक सेवन से ऐसा होने की संभावना कम होती है।
1935 से पहले, विटामिन का एकमात्र स्रोत भोजन से था। यदि विटामिन की मात्रा की कमी थी, तो परिणाम विटामिन की कमी और परिणामस्वरूप कमी के रोग होते थे । फिर, खमीर-निकालने वाले विटामिन बी कॉम्प्लेक्स और अर्ध-सिंथेटिक विटामिन सी की व्यावसायिक रूप से उत्पादित गोलियां उपलब्ध हो गईं। इसके बाद 1950 के दशक में आम लोगों में विटामिन की कमी को रोकने के लिए मल्टीविटामिन सहित विटामिन सप्लीमेंट का बड़े पैमाने पर उत्पादन और विपणन किया गया। कमियों को रोकने के लिए सरकारों ने आटे या दूध जैसे खाद्य पदार्थों को स्टेपल करने के लिए विटामिन के अतिरिक्त उपयोग को अनिवार्य बताया। गर्भावस्था के दौरान फोलिक एसिड की खुराक की सिफारिशें शिशु के तंत्रिका ट्यूब दोषों के जोखिम को कम करती हैं। हालांकि विटामिन की कमी की घटनाओं को कम करने से स्पष्ट रूप से लाभ होते हैं, लेकिन स्वस्थ लोगों के लिए पूरक का कम मूल्य माना जाता है जो विटामिन-युक्त आहार का सेवन कर रहे हैं।
विटामिन शब्द की उत्पत्ति Vitamine शब्द से हुई है, जिसे 1912 में पोलिश बायोकेमिस्ट कासिमिर फंक ने बनाया था, जिन्होंने जीवन के लिए आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्वों के एक परिसर को अलग कर दिया था, जिसे सभी ने अमाइन माना था। जब इस अनुमान को बाद में सही नहीं माना गया, तो “ई” नाम से हटा दिया गया। 1913 और 1948 के बीच सभी विटामिन की खोज (पहचान) की गई थी।
वर्गीकरण – Classification of Vitamins in Hindi
विटामिन को पानी में घुलनशील या वसा में घुलनशील के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। मनुष्यों में 13 विटामिन होते हैं: 4 वसा में घुलनशील (ए, डी, ई, और के) और 9 पानी में घुलनशील (8 बी विटामिन और विटामिन सी)। पानी में घुलनशील विटामिन पानी में आसानी से घुल जाते हैं और सामान्य तौर पर, शरीर से आसानी से उत्सर्जित होते हैं, इस हद तक कि मूत्र उत्पादन विटामिन की खपत का एक मजबूत भविष्यवक्ता है। क्योंकि वे आसानी से संग्रहीत नहीं होते हैं, इसलिए अधिक सुसंगत सेवन महत्वपूर्ण है। वसा में घुलनशील विटामिन को लिपिड (वसा) की मदद से आंतों के मार्ग के माध्यम से अवशोषित किया जाता है। विटामिन ए और डी शरीर में जमा हो सकते हैं, जिसके परिणामस्वरूप खतरनाक हाइपरविटामिनोसिस हो सकता है। सिस्टिक फाइब्रोसिस में वसा के घुलनशील विटामिन की कमी का विशेष महत्व है।
एंटी-विटामिन – Anti-Vitamin in Hindi
एंटी-विटामिन रासायनिक यौगिक हैं जो विटामिन के अवशोषण या कार्यों को रोकते हैं। उदाहरण के लिए, एविडिन कच्चे अंडे के सफेद में एक प्रोटीन है जो बायोटिन के अवशोषण को रोकता है; यह खाना पकाने के द्वारा निष्क्रिय हो जाता है। पाइरिथियमाइन, एक सिंथेटिक यौगिक है, जिसमें थायमिन, विटामिन बी 1 के समान आणविक संरचना होती है, और थाइमिन का उपयोग करने वाले एंजाइम को रोकती है।
विटामिन के कार्य – Functions of Vitamins in Hindi
जैव रासायनिक कार्य.
आमतौर पर प्रत्येक विटामिन का उपयोग कई प्रतिक्रियाओं में किया जाता है, और इसलिए अधिकांश में कई कार्य होते हैं।
भ्रूण के विकास और बचपन के विकास पर
एक बहुकोशिकीय जीव के सामान्य विकास के लिए विटामिन आवश्यक हैं। अपने माता-पिता से विरासत में मिली आनुवंशिक का उपयोग करके, एक भ्रूण पोषक तत्वों से विकसित होता है जिसे वह अवशोषित करता है। इसके लिए निश्चित समय पर कुछ विटामिन और खनिजों की आवश्यकता होती है। ये पोषक तत्व उन रासायनिक प्रतिक्रियाओं की सुविधा प्रदान करते हैं जो अन्य चीजों, त्वचा, हड्डी और मांसपेशियों के बीच उत्पन्न होती हैं। यदि इन पोषक तत्वों में से एक या अधिक में गंभीर कमी है, तो एक बच्चे में कमी की बीमारी विकसित हो सकती है। यहां तक कि छोटी कमियों के कारण स्थायी क्षति हो सकती है।
वयस्क स्वास्थ्य रखरखाव पर
एक बार जब विकास पूरा हो जाता है, तो विटामिन कोशिकाओं, ऊतकों, और अंगों के स्वस्थ रखरखाव के लिए आवश्यक पोषक तत्व होते हैं जो एक बहुकोशिकीय जीव बनाते हैं; वे एक बहुकोशिकीय जीवन रूप को सक्षम बनाते हैं जो भोजन द्वारा प्रदान की गई रासायनिक ऊर्जा का कुशलतापूर्वक उपयोग करते हैं, और सेलुलर श्वसन के लिए आवश्यक प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और वसा को संसाधित करने में मदद करते हैं।
विटामिन के स्त्रोत – Sources of Vitamin in Hindi
अधिकांश , आहार से विटामिन प्राप्त किया जाता है, लेकिन कुछ अन्य साधनों द्वारा प्राप्त किया जाता है: उदाहरण के लिए, आंत वनस्पति में सूक्ष्मजीव विटामिन के और बायोटिन का उत्पादन करते हैं; और विटामिन डी का एक रूप त्वचा कोशिकाओं में संश्लेषित होता है जब वे सूर्य के प्रकाश में मौजूद पराबैंगनी प्रकाश की एक निश्चित तरंग दैर्ध्य के संपर्क में होते हैं। मानव उन कुछ विटामिनों (Vitamin in Hindi) का उत्पादन कर सकता है जिनका वे सेवन करते हैं: उदाहरण के लिए, बीटा कैरोटीन से विटामिन ए का संश्लेषण होता है; और नियासिन को अमीनो एसिड ट्रिप्टोफैन से संश्लेषित किया जाता है। फूड फोर्टिफिकेशन इनिशिएटिव उन देशों को सूचीबद्ध करता है जिनके पास विटामिन फोलिक एसिड, नियासिन, विटामिन ए और विटामिन बी 1, बी 2 और बी 12 के लिए अनिवार्य फोर्टिफिकेशन कार्यक्रम हैं।
विटामिन की कमी – Vitamin Deficiency in Hindi
विभिन्न विटामिनों के लिए शरीर के भंडार व्यापक रूप से भिन्न होते हैं; विटामिन ए, डी, और बी 12 महत्वपूर्ण मात्रा में संग्रहीत होते हैं, मुख्य रूप से यकृत में, और एक वयस्क के आहार में विटामिन ए और डी की कमी हो सकती है, जो कई महीनों और बी 12 में कुछ मामलों में वर्षों तक कमी वाली स्थिति विकसित करने से पहले हो सकती है।
हालांकि, विटामिन बी 3 (नियासिन और नियासिनमाइड) को महत्वपूर्ण मात्रा में संग्रहीत नहीं किया जाता है, इसलिए भंडार केवल कुछ ही हफ्तों तक रह सकते हैं। विटामिन सी के लिए, मनुष्यों में संपूर्ण विटामिन सी की कमी के प्रायोगिक अध्ययनों में स्कर्वी के पहले लक्षणों में व्यापक रूप से एक महीने से लेकर छह महीने तक का समय होता है, जो पिछले आहार इतिहास पर निर्भर करता है जो शरीर के भंडार को निर्धारित करता है।
विटामिन की कमियों को प्राथमिक या द्वितीयक के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। एक प्राथमिक कमी तब होती है जब एक जीव को अपने भोजन में पर्याप्त विटामिन नहीं मिलता है। एक द्वितीयक विकार एक अंतर्निहित विकार के कारण हो सकता है जो विटामिन के अवशोषण या उपयोग को रोकता है या एक “जीवन शैली कारक” के कारण होता है, जैसे कि धूम्रपान, अत्यधिक शराब का सेवन, या दवाओं का उपयोग जो अवशोषण या उपयोग में हस्तक्षेप करते हैं। जो लोग विविध आहार खाते हैं वे एक गंभीर प्राथमिक विटामिन की कमी को विकसित करने की संभावना नहीं रखते हैं, लेकिन अनुशंसित मात्रा से कम खपत कर सकते हैं; २००३-२००६ में अमेरिका में किए गए एक राष्ट्रीय खाद्य और पूरक सर्वेक्षण ने बताया कि ९ ०% से अधिक व्यक्तियों ने विटामिन की खुराक का सेवन नहीं किया, उनमें कुछ आवश्यक विटामिन, विशेष रूप से विटामिन डी और ई के अपर्याप्त स्तर पाए गए।
अच्छी तरह से शोधित मानव विटामिन की कमी में
- थायमिन : बेरीबेरी ,
- नियासिन : पेलग्रा,
- विटामिन सी : स्कर्वी,
- फोलेट : तंत्रिका ट्यूब दोष और
- विटामिन डी : रिकेट्स
विकसित दुनिया के अधिकांश हिस्से में भोजन की पर्याप्त आपूर्ति और आम खाद्य पदार्थों के लिए विटामिन की कमी के कारण ये कमियां हैं।
अत्यधिक सेवन – Excess intake of Vitamin in Hindi
कुछ विटामिनों को अधिक मात्रा मे लेने से तीव्र या पुरानी विषाक्तता पायी गयी है, जिसे हाइपरटॉक्सिसिटी कहा जाता है। यूरोपीय संघ और कई देशों की सरकारों ने उन विटामिनों के लिए सहिष्णु ऊपरी सेवन स्तर (ULs) की तय की है, जिन्होंने विषाक्तता (तालिका देखें) का दस्तावेजीकरण किया है। भोजन से किसी भी विटामिन का बहुत अधिक सेवन करने की संभावना दूरस्थ है, लेकिन आहार की खुराक से अत्यधिक सेवन (विटामिन विषाक्तता) होता है। 2016 में, विटामिन और मल्टी-विटामिन / खनिज योगों के सभी योगों के ओवरडोज जोखिम 63,931 व्यक्तियों द्वारा पांच साल से कम उम्र के बच्चों में 72% बच्चों के इन जोखिमों के साथ अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ़ पॉइज़न कंट्रोल सेंटरों को सूचित किया गया था। अमेरिका में, एक राष्ट्रीय आहार और पूरक सर्वेक्षण के विश्लेषण ने बताया कि लगभग 7% वयस्क पूरक उपयोगकर्ता फोलेट के लिए UL को पार कर गए और 50 वर्ष से अधिक आयु के 5%, विटामिन ए के लिए UL को पार कर गए।
अनुशंसित स्तर – Recommended Daily Intake of Vitamins in Hindi
मानव पोषक दिशा-निर्देशों को निर्धारित करने में, सरकारी संगठन विषाक्तता के जोखिम से बचने के लिए कमी या अधिकतम मात्रा से बचने के लिए आवश्यक मात्रा पर सहमत नहीं होते हैं।
उदाहरण के लिए, विटामिन सी के लिए, अनुशंसित इंटेक्स भारत में 40 मिलीग्राम / दिन से लेकर यूरोपीय संघ के लिए 155 मिलीग्राम / दिन तक होता है। नीचे दी गई तालिका में यू.एस. अनुमानित औसत आवश्यकताएं (ईएआर) और विटामिन के लिए अनुशंसित आहार भत्ते (आरडीए), यूरोपीय संघ के लिए पीआरआई (आरडीए के रूप में एक ही अवधारणा) दिखाया गया है, इसके बाद तीन सरकारी संगठन सुरक्षित ऊपरी सेवन करते हैं।
औसत जरूरतों से अधिक लोगों को कवर करने के लिए आरडीए को ईएआर से अधिक निर्धारित किया जाता है। पर्याप्त अंतर (एआई) तब सेट किए जाते हैं जब ईएआर और आरडीए स्थापित करने के लिए पर्याप्त जानकारी नहीं होती है। सरकारें इस प्रकृति की जानकारी को संशोधित करने के लिए धीमी हैं। यू.एस. मूल्यों के लिए, कैल्शियम और विटामिन डी के अपवाद के साथ, सभी डेटा दिनांक 1997-2004 तक।
Vitamin – Wikipedia
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विटामिन D के प्रकार, स्रोत, कमी से होने वाले रोग – Vitamin D Facts, Sources, Deficiency Disease in Hindi
आज के इस लेख में आप विटामिन D से जुड़े रोचक तथ्य, विटामिन डी के प्रकार, स्रोत, फायदे और कमी से होने वाले रोग के बारे में जानेंगे। विटामिन डी को स्टेरॉयड हार्मोन (steroid hormones) के एक वर्ग में रखा जाता है, जो वसा में घुलनशील है और शरीर के लिए अत्यंत ही आवश्यक है। यह विटामिन हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को सही तरीके से काम करने, कोशिकाओं के विकास को नियंत्रित करने एवं हड्डियों को स्वस्थ रखने में शरीर की मदद करता है। विटामिन डी शरीर की त्वचा पर लालिमा और सूजन आने से भी रोकता है। विटामिन D की और अधिक जानकारी के लिए लेख पूरा पढ़ें।
Table of Contents
विटामिन D से जुड़े रोचक तथ्य – Fun Facts About Vitamin D in Hindi
विटामिन डी टेस्ट – Vitamin D Test in Hindi
विटामिन डी टेस्ट एक ब्लड टेस्ट है, जो आपके रक्तप्रवाह में विटामिन डी की मात्रा को मापता है। यहां कुछ नाम दिए गए हैं, जो आमतौर पर विटामिन डी टेस्ट के संदर्भ में उपयोग किए जाते हैं:
- 25-हाइड्रॉक्सी विटामिन डी टेस्ट (25(OH)D)
- सीरम विटामिन डी टेस्ट
- कैल्सीडियोल टेस्ट
- 25-ओएच-डी 3 टेस्ट (25-OH-D3 test)
- 5-हाइड्रॉक्सीकोलेकल्सीफेरोल टेस्ट
रक्त में विटामिन डी का सामान्य स्तर – Normal Level of Vitamin D in Blood Test in Hindi
परीक्षण द्वारा प्राप्त विटामिन डी के स्तर की नॉर्मल रेंज 20-50 ng/mL या 50-125 nmol/L होती है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि परीक्षण करने वाली प्रयोगशाला के आधार पर सामान्य सीमा थोड़ी भिन्न हो सकती है। इसके अलावा आपकी उम्र, चिकित्सा इतिहास और अन्य कारकों के आधार पर विटामिन डी का सामान्य स्तर कम या ज्यादा हो सकता है।
(यह भी पढ़ें: सर्दी, जुकाम, बुखार से जल्द पाएं छुटकारा अपनाएं यह घरेलू उपचार… )
विटामिन D का दैनिक सेवन – V itamin d Dosage in Hindi
विटामिन डी की एक निश्चित मात्रा मानव शरीर को स्वस्थ रखने के लिए जरुरी होती है। विटामिन डी का 1 माइक्रोग्राम विटामिन डी के 40 आईयू (IU) के बराबर है। एक पूर्ण स्वस्थ व्यक्ति के लिए प्रतिदिन विटामिन डी की जरूरत निम्न प्रकार है:
- 0 से 12 महीने तक के शिशु के लिए – 400 आईयू (10 माइक्रोग्राम)
- 1-18 साल के बच्चे के लिए – 600 आईयू (15 माइक्रोग्राम)
- 70 साल तक के वयस्क के लिए – 600 आईयू (15 माइक्रोग्राम)
- 70 से अधिक उम्र के लिए – 800 आईयू (20 माइक्रोग्राम)
- गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिला के लिए – 600 आईयू (15 माइक्रोग्राम)
हालाँकि सूर्य प्रकाश और विशेष आहार से विटामिन डी शरीर को मिल जाता है, अतः यदि आप सप्लीमेंट के रूप में विटामिन डी का सेवन करना चाहते हैं, तो पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
विटामिन D के नुकसान – Vitamin D Side Effects in Hindi
चूँकि एक निश्चित मात्रा में ही शरीर को विटामिन डी की आवश्यकता होती है, इसलिए जरुरत से ज्यादा विटामिन डी लेने से अनेक प्रकार के साइड इफ़ेक्ट देखने को मिल सकते हैं। डॉक्टर की सलाह लिए बगैर विटामिन डी सप्लीमेंट का अधिक सेवन त्वचा सम्बन्धी एलर्जी प्रतिक्रिया का कारण बन सकता है।
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विटामिन और मिनरल हमारे शरीर के लिए क्यों उपयोगी हैं! – Vitamins Function In Hindi
क्या आप अपने खान-पान में इन बहू उपयोगी विटामिन को खा रहें है एक बार जरूर पढ़ें।.
वाहनों को चलने के लिए ईंधन के अलावा इंजन ऑइल तथा अन्य कई सारे चीजों की जरूरत पड़ती है। केवल ईंधन को वाहन में डाल कर आप उसे चला नहीं सकते हैं। वैसे इंसानों का शरीर भी कुछ हद तक एक वाहन ही हैं, क्योंकि ऊर्जा का स्रोत यानी खाने के अलावा भी हमें जीने के लिए बहुत कुछ चाहिए। प्रोटीन , फैट्स या कार्बोहाईड्रेट्स के बल बूते अपने शरीर को स्वस्थ रखना एक बहुत ही मुश्किल काम है। इसलिए हमारे शरीर को विटामिन और मिनरल (vitamins function in hindi) की जरूरत पड़ती हैं, ताकि वो शरीर को स्वस्थ रखने में हमारी मदद कर सके।
मित्रों! हम जो खाते हैं उससे हमें ऊर्जा तो मिलता हैं, परंतु क्या उसमें सही मात्रा में पोषक तत्व होता हैं? क्या उसमें उचित अनुपात में विटामिन और मिनरल (vitamins function in hindi) होती है? क्या उसमें हमारे प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करने की क्षमता होती है? दोस्तों, अगर मेँ एक ही बार में इन सारे सवालों का जवाब दूँ तो इसका उत्तर होगा “नहीं”। हम जो भी खाते हैं, उस खाने में आमतौर पर कोई न कोई विटामिन का अभाव रहता ही रहता है।
तो, आज के इस लेख में हम इन्हीं विटामिन और इनके स्रोतों के बारे में जानेंगे। इसके साथ ही साथ मेँ आप लोगों को इन के कार्य के बारे में भी बताऊंगा तथा कोरोना से लढने के लिए आखिर कैसे ये मददगार साबित हो सकते हैं उसके बारे में भी जानेंगे।
विषय - सूची
विटामिन किसे कहते है ? – What Is Vitamins In Hindi? :-
मित्रों! चलिये सबसे पहले हम विटामिन (vitamins function in hindi) किसे कहते हैं उसके बारे में जान लेते हैं।
“ विटामिन वो आवश्यक जैवीक पदार्थ हैं जो की शरीर को उचित तरीके से कार्य करवाने (मुख्य रूप से शरीर में होने वाले उपापचय प्रक्रियाओं) प्रक्रियाके लिए जरूरी होते हैं, हालांकि शरीर में इनकी मात्रा बहुत ही कम होती हैं” । इसलिए कई बार इन्हें अल्प-पोषक तत्व भी कहा जाता हैं। हमारे आज की भारतीय खाद्य प्रणाली में दिन प्रति दिन इन पोषक तत्वों की मात्रा कम होता जा रहा है। हम जो भी खाते हैं उनके अंदर इन अल्प-पोषक तत्वों की मात्रा सही अनुपात में रहना बहुत ही आवश्यक हैं।
परंतु कई सारे लोग इन पोषक तत्वों के बारे में ध्यान नहीं देते हैं और कई सारे बीमारियों की चपेट में आ जाते है। इसलिए इनके प्रति भी समुचित ध्यान देना नितांत जरूरी है। मेँ आग्रह करना चाहूँगा की आप भी एक बार अपने खान-पान की समीक्षा इन अल्प-पोषक तत्वों के आधार पर जरूरी ही करें।
विटामिन हमारे शरीर में क्या-क्या काम करती है? – Vitamins Function In Hindi :-
लेख के इस भाग में हम विटामिन (vitamins function in hindi) के कार्य के बारे में जानेंगे। जिसे की जानना बहुत ही जरूरी है। तो इसे थोड़ा संजीदगी से पढ़िएगा।
- विटामिन हमारे शरीर के लिए त्वचा, हड्डियाँ और मांसपेशियों को बनाती है। इसलिए अगर आप आपने खान-पान में उचित मात्रा में विटामिन नहीं खा रहें तो आपके हड्डियाँ कमजोर हो जाएंगी। आपकी त्वचा अल्प आयु में ही अपना लचीलापन खो देगा और मांसपेशियाँ विकसित नहीं हो पाएगी। तो, विटामिन बहुत जरूरी है।
- Vitamin की दूसरी सबसे बड़ी काम ये होता है की, ये शरीर के कोशिकाओं की मरम्मत करती है। कहने का तात्पर्य ये हैं की, ये चोटिल कोशिकाएं तथा टिसु को ठीक करती है। हमें आए दिन किसी न किसी वजह से चोट लगता ही रहता है, इसलिए विटामिन हमारे शरीर में बनने वाले जख्मों को ठीक करती है। इसलिए चोटिल अंग भी विटामिन के वजह से ठीक होते है।
- विटामिन C के बारे में आप लोगों को पता ही होगा, ये एक ऐसा विटामिन है जो की हमें बाहरी बीमारियों से लढने में बहुत ज्यादा मदद करती है। ये हमारे शरीर के अंदर W.B.C की मात्रा को बढ़ता है। जिससे हमारा प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होता है। इसलिए डॉक्टर भी COVID-19 के दौरान विटामिन C युक्त आहार खाने को कह रहें है, क्योंकि ये हमें कोरोना से लढने में मदद करेगी।
- विटामिन की और एक मुख्य काम ये है की, ये शरीर में खाने को विघटित कर के ऊर्जा में परिवर्तित करवाने में शरीर की मदद करती है।
विटामिन के प्रकार – Types Of Vitamins In Hindi :-
दोस्तों! लेख के इस भाग में हम लोग विटामिन (vitamins function in hindi) के प्रकारों के बारे में जानेंगे, जो की बहुत ही सरल होगा। इसलिए आप इसे आराम से और इतमीनान से पढ़िएगा।
तो, मूल रूप से विटामिन को उनके घुलनशीलता ( Solubility) के आधार पर दो भागों में बांटा गया है। पहला है जल घुलनशील विटामिन ( Water Soluble Vitamins) और दूसरा है वसा घुलनशील विटामिन ( Fat Soluble Vitamins) । इनके बारे में हम लोग अभी आगे ही बात करेंगे।
- जल घुलनशील विटामिन ( Water-Soluble Vitamins) :-
विटामिन B1, विटामिन B2, विटामिन B3, विटामिन B5, विटामिन B6, विटामिन B7, विटामिन B9, विटामिन B12 और विटामिन C को ही जल घुलनशील विटामिन कहते है। ये जल के अंदर आसानी से घुल जाते है, इसलिए यह शरीर के अंदर संगृहीत हो कर नहीं रह पाते है। जब शरीर में इनकी मात्रा अधिक हो जाता है तब ये शरीर से मूत्र के माध्यम से निकल जाते है।
- वसा घुलनशील विटामिन ( Fat-Soluble Vitamins) :-
विटामिन A, विटामिन D, विटामिन E और विटामिन K को वसा घुलन शील विटामिन कहते है, क्योंकि ये शरीर में मौजूद वसा के जरिये ही घुल सकते है। यह वसा के कणों में जुड़ कर शरीर के मुख्य खून के प्रवाह में आ कर शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों तक पहुँचते है। हालांकि यह विटामिन आने वाले समय के लिए हमारे यकृत में संगृहीत हो कर भी रह सकता है, अगर ये अधिक भी हुआ तो।
वसा घुलन शील विटामिन हमारे आंतों में मुख्य रूप से सोख लिया जाता हैं, जब हमारा पाचन की प्रक्रिया हो रही होती है।
विटामिन के स्रोत और उनके कमी से होने वाली बीमारियाँ – Vitamin Sources And Deficiencies Diseases In Hindi :-
मित्रों! हम यहाँ पर विटामिन के स्रोत (Vitamins function in hindi) और उनके कमी से होने वाली बीमारियों के बारे में जानेंगे। जोकि आपके लिए बहुत ही जरूरी है।
[one_third] विटामिन [/one_third] [one_third] विटामिन के स्रोत [/one_third] [one_third_last] कमी से होने वाली बीमारी [/one_third_last]
[one_third]विटामिन B1(Thiamine)[/one_third] [one_third]बादाम, गेहूं, जौ, बीजों में, फली, ब्रैड, अखरोट[/one_third][one_third_last]बेरी-बेरी[/one_third_last]
[one_third]विटामिन B2(Riboflavin)[/one_third] [one_third]दूध और दूध से बने उत्पाद, ताजे हरी सब्जियाँ, होल ग्रैन और ब्रेड [/one_third] [one_third_last]चेलोसिस(Chelosis) होठों के कोनों का फटना[/one_third_last]
[one_third]विटामिन B3(Niacin)[/one_third] [one_third]मांस, चिकन, अंडे, ब्रेड, सब्जियाँ, मशरूम, होल ग्रेन[/one_third][one_third_last]3D बीमारी(Pellagra) डाइरिया, डिमेन्शिया, डर्माटिस[/one_third_last]
[one_third]विटामिन B5(Pantothenic Acid)[/one_third] [one_third]ज़्यादातर सब्जियाँ में मौजूद होता है[/one_third][one_third_last]शरीर का विकास न होना, बालों का सफ़ेद होना, बाँझता[/one_third_last]
[one_third]विटामिन B6(Pyridoxine)[/one_third] [one_third]मांस, चिकन, अंडे, सब्जियाँ, ताजे फल[/one_third][one_third_last]मांसपेशियों में अकड़न, डीफोर्मीटी[/one_third_last]
[one_third]विटामिन B7(Biotin)[/one_third][one_third]बैक्टीरिया के द्वारा हमारे आंतों में बनता है, हर खाने में मौजूद होता है [/one_third] [one_third_last]बालों का झड़ना, त्वचा से जुड़ी समस्या[/one_third_last]
[one_third]विटामिन B9(Folic Acid)[/one_third] [one_third]दाल, ताजे हरे सब्जियाँ, बीज, यकृत, संतरे का जूस, अनाज[/one_third] [one_third_last]अनेमिया[/one_third_last]
[one_third]विटामिन B12(Cyanocobalamin[/one_third] [one_third]मांस, चिकन, अंडे, झींगे, दूध और दूध के उत्पाद[/one_third] [one_third_last]स्नायु तंत्र में बीमारी, अनेमिया[/one_third_last]
[one_third]विटामिन C(Ascorbic Acid)[/one_third] [one_third]सिट्रस फलों में मिलता है, सब्जियों से भी मिलता है, स्ट्रा बेरी, टमाटर, मिर्च, आलू, आम [/one_third][one_third_last]स्कर्बी[/one_third_last]
[one_third]विटामिन A(Retinal)[/one_third] [one_third]दूध, घी, बटर, छांच, अंडे, कद्दू, गाजर[/one_third] [one_third_last]रात के समय कुछ भी न दिखना(Night Blindness)[/one_third_last]
[one_third]विटामिन D(Calciferol)[/one_third] [one_third],सूर्य की किरण,दूध, अंडे का पीला हिस्सा[/one_third][one_third_last]रिकेट्स[/one_third_last]
[one_third]विटामिन E(Tocoferol)[/one_third] [one_third]सूर्यमुखी का तेल, सोयाबीन का तेल, अंडे, बादाम, बीज, अनाज[/one_third] [one_third_last]मांसपेशियों का कमजोर पड़ना, बाँझपन[/one_third_last]
[one_third]विटामिन K(Phytonadione)[/one_third] [one_third]ताजी हरी सब्जियाँ, पालक, ब्रोकली, अंकुरित बीज[/one_third] [one_third_last]दिमाग के अंदर खून का रिसाव (Hemorrhage) [/one_third_last]
निष्कर्ष – Conclusion :-
दोस्तों! हमने ऊपर विटामिन (vitamins function in hindi) के बारे में एक तरह से मूलभूत बातों को जान लिया, इसलिए मेँ आप लोगों से आशा करता हूँ की आप भी इन सारी विटामिन्स को अपने खान-पान में एड करके खाएंगे। जिससे आप इस महामारी से भी बच पाएंगे। खैर चलिये लेख को अंत करने का वक़्त आ गया, अब आपसे आज्ञा चाहता हूँ।
Sources :- www.healthlinkbc.ca, www.thriva.co.
Bineet Patel
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11 सर्वोत्तम विटामिन A युक्त खाद्य पदार्थ (11 Best Vitamin A Rich Food)
विटामिन ए, एक महत्वपूर्ण और आवश्यक पोषक तत्व, हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए अत्यंत जरुरी है। यह हमारी रक्तनाली के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है, त्वचा को स्वस्थ रखने में मदद करता है, और अन्य कई शारीरिक प्रक्रियाओं के लिए भी आवश्यक है। विटामिन ए को अपनी आवश्यकता के लिए दैनिक आहार में शामिल करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। यहाँ, हम 11 सर्वोत्तम विटामिन ए खाद्य पदार्थों की एक सूची प्रस्तुत करेंगे, जो आपको इस महत्वपूर्ण पोषक तत्व के सही स्तर की आपूर्ति करने में मदद करेंगे।
- 1 विटामिन A क्या है?
- 2 विटामिन A के फायदे
- 3 विटामिन ए की कमी से क्या होता है?
- 4 11 सर्वोत्तम विटामिन A युक्त खाद्य पदार्थ (List of 11 best vitamin A rich foods)
- 5 निष्कर्ष (Conclusion)
विटामिन A क्या है?
विटामिन ए एक पोषक तत्व है जो फैट-सॉल्यूबल होता है, अर्थात् यह विटामिन एकत्रित और शरीर में स्थायी रूप से भंडारित होता है। यह विटामिन एंटीऑक्सीडेंट के रूप में काम करता है, जो विषाणुओं, रेडिकल्स, और अन्य हानिकारक पदार्थों के खिलाफ शरीर को सुरक्षित रखने में मदद करता है।
विटामिन ए का मुख्य रूप से चार प्रकार का रहता है: आल्फा-टोकोफेरॉल, बीटा-टोकोफेरॉल, गैमा-टोकोफेरॉल, और डेल्टा-टोकोफेरॉल। इनमें से आल्फा-टोकोफेरॉल शारीर में सबसे अधिक उपयोग किया जाने वाला रूप है।
विटामिन ए का महत्वपूर्ण कार्य है शरीर के विभिन्न अंगों की सेहत और कार्यक्षमता को बढ़ाना। इसके अलावा, यह आंतरिक रक्तनाली, हार्ट, त्वचा, बाल, और नेत्रों के स्वास्थ्य के लिए भी महत्वपूर्ण है। विटामिन ए की कमी कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है, जैसे कि रक्तनाली की कमजोरी, नेत्रों की समस्याएं, त्वचा की समस्याएं, और अन्य।
विटामिन A के फायदे
विटामिन A एक अत्यंत महत्वपूर्ण विटामिन है जो शरीर के कई महत्वपूर्ण कार्यों के लिए जरूरी होता है। इसके कई फायदे हैं, जैसे कि:
- दृष्टि में सुधार: विटामिन A रेटिना के सही कामकाज के लिए आवश्यक होता है, जो अच्छी दृष्टि के लिए जरूरी है। यह रात में देखने की क्षमता को बढ़ाता है और अंधापन जैसी समस्याओं को रोकता है।
- प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाना: विटामिन A शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है, जिससे संक्रमण और रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है।
- त्वचा का स्वास्थ्य: यह विटामिन त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाने में मदद करता है, और मुँहासे, त्वचा की सूजन, और अन्य त्वचा समस्याओं के इलाज में प्रभावी हो सकता है।
- कोशिका विकास और मरम्मत: विटामिन A कोशिका वृद्धि और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो शरीर के ऊतकों की मरम्मत और नवीनीकरण में सहायक होता है।
- कैंसर से सुरक्षा: कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि विटामिन A कुछ प्रकार के कैंसर से सुरक्षा में मदद कर सकता है, खासकर त्वचा और मुँह के कैंसर में।
- गर्भावस्था और ब्रीडिंग: विटामिन A गर्भावस्था में महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यह भ्रूण के सही विकास और वृद्धि में मदद करता है। हालांकि, गर्भवती महिलाओं को विटामिन A की अधिक मात्रा से बचना चाहिए क्योंकि यह जन्म दोषों का कारण बन सकता है।
- हड्डी का स्वास्थ्य: विटामिन A हड्डियों के विकास और मरम्मत में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस और अन्य हड्डी संबंधित रोगों के जोखिम को कम किया जा सकता है।
- श्लेष्म झिल्ली का स्वास्थ्य: विटामिन A श्लेष्म झिल्ली को स्वस्थ रखता है, जो शरीर के अंदरूनी हिस्से को संक्रमण से बचाता है और उचित पाचन और श्वसन प्रणाली के कामकाज को सुनिश्चित करता है।
- उम्र बढ़ने के प्रभावों को कम करना: एंटीऑक्सिडेंट के रूप में विटामिन A त्वचा की उम्र बढ़ने के प्रभावों को कम कर सकता है, जैसे कि झुर्रियाँ और रंजकता।
- बालों का स्वास्थ्य: विटामिन A बालों के स्वास्थ्य में सुधार कर सकता है, बालों की वृद्धि को बढ़ावा देता है और उन्हें मजबूत और चमकदार बनाता है।
विटामिन ए की कमी से क्या होता है?
विटामिन ए की कमी से विभिन्न समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती हैं। यहाँ विटामिन ए की कमी से होने वाली कुछ प्रमुख समस्याओं का उल्लेख किया गया है:
- रक्तनाली की कमजोरी : विटामिन ए की कमी रक्तनाली की कमजोरी का कारण बन सकती है, जिससे रक्तसंचरण में समस्याएं हो सकती हैं। इससे लोग खून की कमी (एनीमिया) का शिकार हो सकते हैं।
- त्वचा की समस्याएं : विटामिन ए की कमी से त्वचा की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जैसे कि त्वचा की सूखापन, त्वचा में खुजली, त्वचा की रूखाई और दूसरी समस्याएं।
- नेत्रों की समस्याएं : विटामिन ए की कमी आंखों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है, जिससे नेत्रों की सूजन, नेत्रों में खुजली, दृष्टि की कमजोरी और दूसरी समस्याएं हो सकती हैं।
- इम्यून सिस्टम की कमजोरी : विटामिन ए की कमी इम्यून सिस्टम को कमजोर कर सकती है, जिससे शरीर को संक्रमणों से लड़ने की क्षमता कम हो सकती है।
- विकास के बाधाएँ : बच्चों में विटामिन ए की कमी शारीरिक और मानसिक विकास को प्रभावित कर सकती है, जो उनके बुढ़ापे में समस्याओं का कारण बन सकती है।
- निर्देशित मासिक धर्म : स्त्री में, विटामिन ए की कमी मासिक धर्म के अनियमित आवृत्ति और अन्य गर्भावस्था संबंधित समस्याओं का कारण बन सकती है।
- शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली की कमजोरी : विटामिन ए की कमी शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर सकती है, जिससे व्यक्ति संक्रमणों और बीमारियों के खिलाफ कमजोर हो सकते हैं।
इसलिए, विटामिन ए की सही मात्रा का सेवन करना आवश्यक है ताकि हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को ठीक रखा जा सके। यदि आपको इस विषय में अधिक जानकारी चाहिए या यह जांचना चाहते हैं कि क्या आपकी खाद्य सामग्री में विटामिन ए की कमी है, तो आपको अपने चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।
11 सर्वोत्तम विटामिन A युक्त खाद्य पदार्थ (List of 11 best vitamin A rich foods)
- आम (Mango) : आम विटामिन ए का अच्छा स्रोत है। इसमें अधिक मात्रा में विटामिन ए पाया जाता है जो हमारे शारीरिक प्रक्रियाओं को सहारा देता है। इसके अतिरिक्त, आम में एंटीऑक्सीडेंट्स भी होते हैं जो शारीरिक रोगों से लड़ने में मदद करते हैं।
- बादाम (Almonds) : बादाम भी विटामिन ए का अच्छा स्रोत हैं। इसमें अधिक मात्रा में विटामिन ए पाया जाता है जो हमारे शारीरिक संरचना को मजबूत करने में मदद करता है। ये भी अनेक पोषक तत्वों के उत्तम स्रोत होते हैं।
- मक्खन (Butter) : घर में बने मक्खन में भी विटामिन ए की अच्छी मात्रा होती है। मक्खन को सेवन करने से हमें अधिक ऊर्जा मिलती है और शारीरिक क्रियाओं को सहज बनाए रखने में मदद मिलती है।
- अंडा (Egg) : अंडे में भी विटामिन ए की अच्छी मात्रा होती है, जो हमें शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है। अंडे विभिन्न पोषक तत्वों के उत्तम स्रोत होते हैं जो हमारे शारीरिक और मानसिक विकास के लिए जरूरी हैं।
- मक्खन (Ghee) : भारतीय भोजन में गाय का घी विटामिन ए का एक महत्वपूर्ण स्रोत होता है। यह अधिकतर विटामिन ए को अच्छे स्तर पर बनाए रखने में मदद करता है और शारीरिक रोगों से लड़ने में मदद कर सकता है।
- मटर (Green Peas) : मटर में भी विटामिन ए की अच्छी मात्रा होती है जो हमारी आंतरिक रक्तनाली को स्वस्थ रखने में मदद करता है। यह एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है जो हमें बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं।
- पालक (Spinach) : पालक एक और महत्वपूर्ण स्रोत है जो विटामिन ए में समृद्ध होता है। यह हमारी त्वचा के लिए उत्तम होता है और शारीरिक प्रक्रियाओं को सहारा देता है।
- गाजर (Carrots) : गाजर भी एक अच्छा विटामिन ए का स्रोत होता है, जो हमारे नेत्रों के स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी है। यह भी अनेक पोषक तत्वों का एक अच्छा स्रोत है।
- किशमिश (Raisins) : किशमिश भी एक अच्छा विटामिन ए का स्रोत है और इसमें अन्य पोषक तत्वों भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं। यह हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभकारी है।
- हल्दी (Turmeric) : हल्दी के उपयोग से भी हम विटामिन ए की आवश्यकता को पूरा कर सकते हैं। इसमें कुर्क्यूमिन नामक एक महत्वपूर्ण संघटक होता है जो अपने औषधीय गुणों के लिए प्रसिद्ध है।
- आमिरा (Apricots) : आमिरा भी विटामिन ए का उत्तम स्रोत है और यह हमारे स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद कर सकता है। इसका सेवन करने से हमारे शरीर में एंटीऑक्सीडेंट्स की आवश्यकता पूरी होती है।
निष्कर्ष (Conclusion)
ये थे 11 सर्वोत्तम विटामिन ए खाद्य पदार्थ जो हमें स्वस्थ और पूरे रूप से विटामिन ए प्रदान कर सकते हैं। इन्हें अपने आहार में शामिल करके हम अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुनिश्चित रूप से बनाए रख सकते हैं। यह जरूरी है कि हम स्वस्थ और बर्दाश्तशील जीवनशैली अपनाएं और संतुलित आहार लें ताकि हमारे शरीर को आवश्यक पोषक तत्वों की सही मात्रा मिल सके।
विटामिन ए, हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह एक पोषक तत्व है जो अंतिम रूप से हमारे शरीर को विभिन्न अंगों की सेहत और कार्यक्षमता में सहायक होता है। इसकी कमी से कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जो शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती हैं।
विटामिन ए की सही मात्रा का सेवन करने के लिए हमें विभिन्न खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल करना चाहिए। इससे हमारे शरीर को आवश्यक पोषक तत्वों की सही मात्रा मिलती है और हम स्वस्थ रहते हैं।
इसलिए, विटामिन ए की महत्वपूर्णता को समझते हुए हमें इसे अपने आहार में समाहित करना चाहिए। यह हमारे स्वास्थ्य को सुनिश्चित रूप से बनाए रखने में मदद करेगा और हमें एक स्वस्थ और सुखी जीवन जीने में सहायक होगा।
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- सामान्य ज्ञान
- Vegetables Benefits in Hindi: सब्जियों के 12 अद्भुत और अविश्वसनीय फायदे
Amazing Health Benefits of The Vegetables in Hindi
Eat Vegetables for Better Health :
Vegetables Benefits in Hindi: शरीर को स्वस्थ रखने के लिये हमें जिन बातों का ध्यान रखना पड़ता है उनमे शायद सबसे महत्वपूर्ण यही है कि हम अपने आहार में किन चीज़ों का चुनाव करते हैं। वैसे तो हम अपनी इच्छानुसार कुछ भी खा सकते हैं फिर चाहे वह शाकाहार हो या माँसाहार। लेकिन मनुष्य की शारीरिक संरचना को देखते हुए वैज्ञानिकों ने यही निश्चय किया है कि इंसान के लिये शाकाहार से बढ़कर दूसरा कोई आहार नहीं है।
और प्रकृति से उपलब्ध हुए इस आहार का मुख्य हिस्सा हैं सब्जियाँ जो लगभग हर मौसम में अनेकों रंगों और अनेकों रूपों में उपलब्ध होती है और स्वयं में समाये रखती हैं अपनी उन अनोखी विशेषताओं को जो न केवल मनुष्य शरीर को लंबे समय तक स्वस्थ रखने में मदद करती हैं बल्कि उसे आवश्यक बल और ओज भी प्रदान करती हैं।
आम तौर पर Vegetables के health benefits आपको इनका कुछ समय तक सेवन करने के पश्चात ही मिल पाते हैं, जो कि आपके सम्पूर्ण स्वास्थ्य को सुधारने और एक perfect internal system को maintain रखने के रूप में दिखाई पड़ते हैं। सब्जियाँ वैसे तो सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिये लाभदायक है, लेकिन पाचन तंत्र, तंत्रिका तंत्र, उत्सर्जन तंत्र और रक्त परिसंचरण के लिये यह किसी वरदान से कम नहीं हैं।
Wonderful Benefits of Vegetables in Hindi with Images
शारीरिक वृद्धि और विकास के लिये बेहद जरुरी हैं सब्जियाँ.
जहाँ तक संभव हो सके हमें हमेशा ताजी सब्जियों को ही अपने भोजन में सम्मिलित करने का प्रयास करना चाहिये। क्योंकि तब वह खाने में न केवल अधिक स्वादिष्ट ही लगती हैं, बल्कि अपनी उन सम्पूर्ण विशेषताओं को भी बरकरार रखती हैं जिनका यहाँ वर्णन किया जा रहा है –
Antioxidants:
अपनी diet में नियमित रूप से vegetables लेते रहने से आपको भरपूर एंटीऑक्सीडेंट antioxidants मिलते हैं जो आपको free redicals से बचाकर रखते हैं। Free Radicals, metabolism की प्रक्रिया में पैदा होते हैं और मनुष्य शरीर के लिये बहुत नुकसानदायक होते हैं। ये न केवल स्वस्थ कोशिकाओं की वृद्धि को रोककर बीमारियों को न्यौता देते हैं, बल्कि बुढ़ापे को भी समय से पहले ही ले आते हैं।
ये कैसर कोशिकाओं की तेजी से फैलने में मदद करते हैं और प्रतिरक्षा प्रणाली (immune system) को कमजोर करते हैं। इसके अतिरिक्त एंटीऑक्सीडेंट blood sugar का स्तर कम रखने में मदद करते हैं जिससे डायबिटीज और दिल के रोगों का खतरा कम हो जाता है।
शरीर को स्वस्थ रखने के लिये minerals लेना बहुत जरुरी है। इनके बारे में आप पिछले लेख Health Benefits of Minerals in Hindi में पहले ही पढ़ चुके हैं। Potassium, Sodium, Calcium, Magnesium, Iron सहित लगभग सभी minerals ताजी हरी सब्जियों में पाये जाते हैं।
जिन्हें उनकी निर्धारित मात्र में न लेने से शरीर को कई बीमारियाँ घेर लेती हैं इसलिये यदि आप बीमारियों को खुद से दूर रखना चाहते हैं तो हरी सब्जियों को प्रतिदिन खाइये।
Minerals की ही तरह Vitamins भी एक Healthy Human Body के लिये बहुत जरुरी हैं, क्योंकि यदि शरीर में विटामिनों की कमी हो जाती है तो हमारा शरीर फिर minerals को अवशोषित नहीं कर पाता है। लगभग सभी हरी पत्तेदार सब्जियाँ में विटामिनों की बहुतायत पाई जाती है। जैसे गहरे हरे रंग की सब्जियों में Vitamin A, Vitamin C, कैल्शियम और आयरन की बहुतायत होती है।
तो वहीं लाल रंग की सब्जियों में ल्य्कोपिन पाया जाता है जो बालों और त्वचा के स्वस्थ्य के लिये आवश्यक है। नारंगी रंग की सब्जियों जैसे गाजर में beta carotene पाया जाता है जो Collagen की growth और protection के लिये जरुरी है, क्योंकि यही हमारी skin की elasticity को maintain रखता है। Vitamin A, B, C, K आदि हमारी हड्डियों, आँखों और त्वचा को स्वस्थ रखने के लिये बहुत ही लाभदायक हैं।
Dietary Fiber:
सभी सब्जियों मी फाइबर की भरपूर मात्रा होती है। यह समझ लीजिये कि सब्जियों में मुख्य रूप से दो ही चीज़ें होती हैं – एक पानी और दूसरा यह Dietary Fiber जो पाचन तंत्र (digestive system) को स्वस्थ रखने के लिये अनिवार्य है। यह फाइबर हमारी दो तरह से सहायता करता है। पहले तो यह आँतों में से पानी की अतिरिक्त मात्र को सोख लेता है और उनमे बराबर नमी बनाये रखता है।
दूसरे यह वजन को कम रखने में भी मदद करता है। यह fiber मल को मुलायम बनाता है और दीर्घकालीन कब्ज (chronic constipation), गैस, बवासीर, भगंदर और दूसरे खतरनाक रोगों से शरीर को बचाये रखता है।
Water Content:
सभी सब्जियों में, विशेषकर पत्तेदार सब्जियों में पानी की खूब मात्रा पायी जाती है। इसी कारण से इनमे fat और calorie बहुत कम होती है और यह हमें मोटापे और वजन अनियंत्रित होने की समस्या से बचाकर रख पाती हैं। आप सब्जियों को उनके ताजे रूप में जितना लेंगे यह शरीर के toxins और waste product को भी उतनी ज्यादा तेजी से बाहर निकाल सकेगी।
Essential Amino Acids:
एमिनो एसिड एक विशेष प्रकार के प्रोटीन होते हैं जो मुख्य रूप से मांस में पाए जाते हैं, पर इसका यह अर्थ नहीं है कि यह शाकाहार में नहीं पाए जाते हैं। सब्जियों में भी इनकी प्रचुर मात्र होती है – जैसे पालक और फलियाँ। बस आपको ध्यान रखना है कि आप अपने आहार में उन सब्जियों को भी शामिल करें जिनमे amino acids पाये जाते हैं, क्योंकि यह metabolism की जटिल प्रक्रिया का एक अनिवार्य अंग हैं।
Surprising Benefits of The Vegetables in Hindi
स्वस्थ रहने के लिये बेहद जरुरी विटामिन्स होते हैं सब्जियों में.
कई Research से यह सिद्ध हुआ है कि अपने भोजन में ताजी सब्जियों को नियमित रूप से शामिल करना, उन दवाइयों को लेने से कहीं ज्यादा बेहतर है जिन्हें आप अतिरिक्त पोषण की आशा में लेते हैं। पर आप सिर्फ हमारे कहने मात्र से सब्जियों को खाना शुरू मत करिये, बल्कि पहले यह जानिये क्यों हमें इन रंग-बिरंगी ताज़ी सब्जियों को अपने आहार में शामिल करना चाहिये।
1. पत्तागोभी, फूलगोभी, ब्रोकोली आदि सब्जियों में Isothiocyanates और दूसरे कैंसररोधी तत्व प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं जो colon cancer, breast cancer और skin cancer सहित अन्य कैंसर रोगों से बचाव में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। विशेष रूप से ब्रोकोली, क्योंकि इसमें sulforaphane की उच्च मात्रा होती है।
इसके अतिरिक्त सभी सब्जियों में Antioxidants प्रचुर मात्रा में मिलते हैं। यह एंटीऑक्सीडेंटस भी कैंसर जैसे रोगों के पनपने की संभावना को दूर ही रखते हैं।
2. Vegetables उन essential minerals और vitamins का प्रचुर स्रोत हैं जो हमारे स्वस्थ जीवन के लिये अनिवार्य तत्व हैं। जैसे कि Vitamin A, Vitamin K, Vitamin C, Vitamin B6 आदि जो न केवल body metabolism और cell growth के लिये बहुत जरुरी हैं बल्कि शरीर के वृद्धि और विकास के लिये तथा अनेकों तरह की बीमारियों से बचाव के लिये भी आवश्यक है।
3. सब्जियाँ न केवल पाचन तंत्र को सुचारू बनाये रखने में मदद करती हैं, बल्कि उसकी पाचन क्षमता को भी बढा देती हैं जिससे हमारी आँते भोजन के अधिकतम सार भाग को ग्रहण कर पाती हैं और शरीर का बल तथा ओज बना रहता है। यह आँतों के कैसर, आँतों की अनियमित चाल (bowel irregularity) जैसी खतरनाक समस्याओं को भी दूर रखता है।
4. सब्जियों में Carotenoids जैसे कि बीटा कैरोटीन (beta carotene), ल्य्कोपेन (lycopene), और लुटें (lutein) की उच्च मात्रा पायी जाती है जो हमारे immune system को मजबूत करने और आँखों की अनेकों समस्याओं को दूर रखने में मदद करते हैं।
5. Vegetables dietary fiber से भरपूर होती है जो हमारे digestive system को सही रखने में बहुत ही अहम् है। इनका सूप बनाकर पीने से यह न केवल लंबे समय के कब्ज को तोड़ती है, बल्कि पाचन संसथान को एक नया जीवन भी प्रदान करती हैं।
6. सब्जियाँ हमें दिल के खतरनाक रोग और हृदयाघात से बचाकर रखती हैं, क्योंकि लगभग सभी सब्जियों में वसा और कैलोरी नाममात्र की होती है और इनमे से किसी में भी कोलेस्ट्रॉल नहीं होता है।
7. हरी पत्तेदार सब्जियां उन लोगों के लिये बहुत लाभदायक होती है जो Type 2 Diabetes से पीड़ित हैं।
8. Vegetables आपका वजन कम रखने में मदद करती हैं, क्योंकि इनमे वसा के न होने के कारण यह मोटापा नहीं बढ़ने देती हैं।
Mind Blowing Benefits of The Vegetables in Hindi
पाचन संस्थान को स्वस्थ रखती हैं सब्जियाँ.
9. यह आपकी त्वचा की चमक को बनाये रखती है और बालों को जरुरी पोषण देती हैं।
10. सब्जियों में पानी भी खूब मात्रा में होता है जो पसीने के कारण पैदा हुई कमी की पूर्ति करता है।
11. विटामिन C दांतों और मसूड़ों को स्वस्थ रखने के लिये बहुत आवश्यक है। इतना ही नहीं यह घावों सहित सभी प्रकार के त्वचा रोगों को जल्दी ठीक करने में भी बहुत कारगर है।
12. विटामिन E शरीर के लिये अनिवार्य fatty acids की cell oxidation से सुरक्षा करता है।
13. कुछ सब्जियों जैसे लहसुन, प्याज आदि में allyl sulfides पाया जाता है जो High Blood Pressure (उच्च रक्तचाप) और पेट से संबंधित समस्याओं को दूर करने में सहायता करता है।
14. कुछ शोधों के अनुसार हरी पत्तेदार सब्जियों में कुछ ऐसे तत्व पाये जाते हैं जो Hypertension से बचाव करने में कारगर हैं जिससे तनाव, अनिद्रा सहित दूसरे रोगों से बचा रहा जा सकता है।
15. Vegetables हमारी रोग-प्रतिरोधक क्षमता को भी बढाती है जिससे शरीर infection से पैदा होने वाली बीमारियों से लड़ने में समर्थ बनता है। जैसे गाजर में पाया जाने वाला विटामिन A आँखों और त्वचा को स्वस्थ रखने और उन्हें संक्रमण से बचाने के लिये बहुत आवश्यक है।
अब तो शायद आप समझ ही गये होंगे कि स्वस्थ जीवन जीने के लिये हमें कुदरत की इस अनमोल नेमत की कितनी जरुरत है। हमें आशा है यह लेख अपने उद्देश्य में पूर्ण रूप से सफल होगा और आहार में सब्जियों को अनिवार्य रूप से शामिल करने के लिये लोगों को प्रेरित कर सकेगा।
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स्वस्थ भोजन की थाली (Hindi)
- फल और सबज़ियों को अपने भोजन का सबसे बड़ा हिस्सा बनायें – आधी थाली मात्राः
कोशिश करें कि अनेक रंगों और कई प्रकार के फल और सब्ज़ियां खायें। और याद रखें कि स्वस्थ भोजन की थाली में आलू को सब्ज़ि नहीं माना जाता है, क्योंकि आलू को खाने से रक्त शर्करा, या ‘ब्लड ग्लूकोज़’ पर नकारात्मक असर होता है।
- ‘होल ग्रेन्ज़’, या साबुत अनाजों को ज़्यादातर खायें – एक चैथाई थाली मात्राः
साबुत और पूर्ण अनाजों – पूर्ण गेहूॅं, जौ, बाजरा, जुवार, जै, ‘ब्राउन राइस’ या असंसाधित चावल, और इनसे बनाये गए खाद्य पदार्थ, जैसे कि पूर्ण गेहूॅं से बनाई गई रोटी – का मैदे से बनाई गई रोटी, ‘वाइट राइस’, और अन्य संसाधित अनाजों से रक्त शर्करा और इंसुलिन पर कम असर होता है।
- प्रोटीन की शक्ति – एक चैथाई थाली मात्राः
मछली, मुर्ग, दाल, और अखरोट स्वस्थ और बहुमुखी प्रोटीन के स्रोत हैं – इनको सालाद में डाला जा सकता है, और यह सब्ज़ियों के साथ अच्छा जाते है। लाल मांस को कम खाना चाहिए, और संसाधित मांस, जैसे कि ‘बेकन’ और ‘साॅसेज’ से दूर रहना चाहिए।
- स्वस्थ संयंत्र तेल या ‘वेजिटेबल आॅयल’ – मध्यम मात्रा मेंः
स्वस्थ वेजिटेबल आॅयल, जैसे जैतून या ‘ओलिव’, कनोला, सोयाबीन, सनफ़लावर, मूंगफली, सरसों, इत्यादी के तेलों को चुनें, और ‘पार्शली हाइड्रोजनेटिड’ तेलों से दूर रहें, क्योंकि इनमें अस्वस्थ ‘ट्रांस फैट’ होते हैं। याद रखें, कि केवल कम या शून्य फैट होने से खाद्य पदार्थ ‘‘स्वस्थ’’ नहीं हो जाते।
- पानी, चाय, या काॅफ़ी पीयेंः
मीठे पायों से दूर रहें, दूध और दूध से बने अन्य खाद्य पदार्थों के दिन में केवल एक या दो सर्विगंज़ खायें, और दिन में ज़्यादा से ज़्यादा एक छोटा गिलास फल का रस पियें।
- सक्रिय रहेंः
स्वस्थ भोजन की थाली के प्लेसमैट पर वह लाल रंग की भागती हुइ आक्रिति आपको याद दिलाने के लिए है, कि सक्रिय रहना भी वज़न संतुलन के लिए आवश्यक है।
स्वस्थ भोजन की थाली का मुख्य सन्देश ‘‘डायटेरी क्वालेटी’’, या आहार की गुणवत्ता के बारे में है।
- कार्बोहाइड्रेट की मात्रा पर ध्यान देने से ज़्यादा यह सोचना ज़रूरी है कि हम अपने आहार में किस प्रकार के कार्बोहाइड्रेट खाते हैं, क्योंकि कार्बोहाइड्रेट के कुछ स्रोत – जैसे सबज़ियाॅं (आलू के अलावा), फल, साबुत अनाज, और दाल – अन्य स्रोतों से ज़्यादा स्वस्थ हैं।
- स्वस्थ भोजन की थाली लोगों को मीठे पायों से दूर रहने के लिए भी बताती है, जो उष, या ‘‘कैलोरीज़’’ से भरे हैं – और आमतौर पर इनमें पोषण कम होता है।
- स्वस्थ भोजन की थाली लोगों को स्वस्थ ‘‘वेजिटेबल आॅयल’’ खाने को प्रोतसाहित करती है, और इसमें स्वस्थ स्रोतों से मिले गए ‘‘फ़ैट्स’’ के उपभोग पर कोई उपरी सीमा नहीं है।
हम निम्नलिखित नियमों और शर्तों के अनुसार स्वस्थ भोजन की थाली की छवि के उपयोग की अनुमति देतें हैंः
- निम्न क्रेडिट लाइन शामिल होनी चाहिएः ‘‘प्रतिलिप्याधिकार © 2011 हारवर्ड विश्वविद्यालय। स्वस्थ भोजन की थाली के बारे में अधिक जानकारी के लिये कृप्या इन वेबसाइटों पर जाएॅंः पोषण स्रोत, हारवर्ड टी. एच. चैन स्कूल आॅफ़ पबलिक हेल्थ, http://www.thenutritionsource.org और हारवर्ड हेल्थ पबलिकेशन्ज़, health.harvard.edu ।’’
- आप स्वस्थ भोजन की थाली का उपयोग गैर वाणिज्यिक तरह से करेंगें।
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- Essays in Hindi /
Essay on India in Hindi : छात्र ऐसे लिख सकते हैं हमारे देश भारत पर निबंध
- Updated on
- अगस्त 30, 2024
Essay on India in Hindi : भारत एक विविधतापूर्ण देश है जो अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और इतिहास के लिए जाना जाता है। यह दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र और सबसे अधिक आबादी वाला देश है, जिसकी आबादी एक अरब से ज़्यादा है। भारत हिमालय पर्वतों से लेकर उष्णकटिबंधीय समुद्र तटों तक फैला हुआ है, जो इसकी भौगोलिक विविधता को दर्शाते हैं। यह देश विभिन्न धर्मों, भाषाओं और परंपराओं का घर है, जो विविधता में एकता का एक अनूठा मिश्रण है। आर्थिक रूप से, भारत ने महत्वपूर्ण प्रगति की है, प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष खोज और उद्योग में विश्व में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उभरा है। गरीबी और सामाजिक असमानता जैसी चुनौतियों का सामना करने के बावजूद, भारत अपने सांस्कृतिक सार और लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए हुए प्रगति और विकास की दिशा में प्रयास कर रहा है।
भारत देश के बारे में जानकारी इसके प्रत्येक छात्र को होनी चाहिए। छात्रों को कई बार निबंध प्रतियोगिता और कक्षाओं में Essay on India in Hindi दिया जाता है और आपकी मदद के लिए कुछ सैंपल इस ब्लॉग में दिए गए हैं।
This Blog Includes:
भारत पर 100 शब्दों में निबंध, भारत पर 200 शब्दों में निबंध, प्रस्तावना , भारत का इतिहास, भारत का भूगोल और संस्कृति, भारतीय राष्ट्रीय ध्वज और अन्य प्रतीक, भारत की नदियां , भारत का भोजन, भारत की भाषाएं, भारत के त्यौहार, भारत की अनेकता में एकता, उपसंहार , भारत पर 10 लाइन – 10 lines essay on india in hindi.
भारत के लोग अपनी ईमानदारी और विश्वसनीयता के लिए जाने जाते हैं। विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं के लोग एक साथ शांतिपूर्वक रहते हैं। हिंदी भारत की एक प्रमुख भाषा है, लेकिन विभिन्न क्षेत्रों के लोग कई अन्य भाषाएँ भी बोलते हैं। भारत एक खूबसूरत देश है जहाँ कई महान व्यक्तियों ने जन्म लिया और उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल की। भारतीयों के द्वारा अतिथियों को ‘अतिथि देवों भव:’ की उपाधि दी जाती है। दूसरे देशों से आने वाले आगंतुकों का गर्मजोशी से स्वागत किया जाता है। भारत में सनातन धर्म (जीवन का एक प्राचीन दर्शन) का पालन किया जाता है, जो विविधता में एकता बनाए रखने में मदद करता है।
भारत कई प्राचीन स्थलों, स्मारकों और ऐतिहासिक धरोहरों का घर है जो दुनिया भर से आगंतुकों को आकर्षित करते हैं। यह अपनी आध्यात्मिक प्रथाओं, योग और मार्शल आर्ट के लिए प्रसिद्ध है। विभिन्न देशों के कई तीर्थयात्री और भक्त भारत के प्रमुख मंदिरों, स्थलों और ऐतिहासिक विरासतों की सुंदरता का अनुभव करने के लिए आते हैं।
भारत का एक समृद्ध और गौरवशाली इतिहास है और इसे प्राचीन सभ्यता का जन्मस्थान माना जाता है। यह तक्षशिला और नालंदा विश्वविद्यालय के कारण शिक्षा का एक केंद्र रह चुका है, इसने इतिहास में दुनिया भर के छात्रों को अपने विश्वविद्यालयों में आकर्षित किया है। अपनी अनूठी और विविध संस्कृति और परंपराओं के लिए जाना जाने वाला भारत विभिन्न धर्मों के लोगों से प्रभावित है। भारत के धन वैभव को चुराने के लिए इस पर कई आक्रमण हुए। कई साम्राज्यों ने इसे गुलाम बनाने के लिए भी प्रयोग किया। कई स्वतंत्रता सैनानियों के प्रयासों और बलिदानों की बदौलत भारत को 1947 में ब्रिटिश शासन से आजादी मिली थी।
हम हर साल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं, जिस दिन हमारी मातृभूमि आजाद हुई थी। पंडित जवाहरलाल नेहरू स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री थे। अपने समृद्ध प्राकृतिक संसाधनों के बावजूद, भारत में कई लोग गरीब हैं। रवींद्रनाथ टैगोर, सर जगदीश चंद्र बोस, सर सी.वी. रमन और डॉ. होमी जे. भाभा जैसी असाधारण हस्तियों की बदौलत देश लगातार प्रौद्योगिकी, विज्ञान और साहित्य में आगे बढ़ है। भारत एक शांतिपूर्ण देश है जहाँ लोग अपने त्यौहारों को खुलकर मनाते हैं और अपनी सांस्कृतिक परंपराओं का पालन करते हैं। कश्मीर को अक्सर धरती पर स्वर्ग के रूप में वर्णित किया जाता है। भारत प्रसिद्ध मंदिरों, मस्जिदों, गुरुद्वारों, नदियों, घाटियों, उपजाऊ कृषि भूमि और सबसे ऊँचे पहाड़ों का घर है।
भारत पर 500 शब्दों में निबंध
भारत पर 500 शब्दों में निबंध (500 Words Essay on India in Hindi) नीचे दिया गया है –
भारत एक अद्भुत देश है जहाँ लोग कई अलग-अलग भाषाएँ बोलते हैं। यहाँ विभिन्न जातियाँ, पंथ, धर्म और संस्कृतियाँ निवास करती हैं, फिर भी सभी लोग एक साथ सद्भाव से रहते हैं। यही कारण है कि भारत “विविधता में एकता” कहावत के लिए प्रसिद्ध है। भारत दुनिया का सातवाँ सबसे बड़ा देश भी है।
भारत का इतिहास और संस्कृति समृद्ध है और मानव सभ्यता के उदय के बाद से ही विकसित हुई है। विश्व की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक सिंधु घाटी सभ्यता भारत में थी। इसकी शुरुआत प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता और दक्षिण भारत में शुरुआती कृषि समुदायों से हुई। समय के साथ, भारत ने विभिन्न संस्कृतियों के लोगों का निरंतर एकीकरण देखा। साक्ष्य बताते हैं कि शुरुआती दौर में, लोहे और तांबे जैसी धातुओं का उपयोग व्यापक था, जो महत्वपूर्ण प्रगति को दर्शाता है। चौथी सहस्राब्दी ईसा पूर्व के अंत तक, भारत एक अत्यधिक उन्नत सभ्यता के रूप में विकसित हो चुका था।
भारत दुनिया में सबसे बड़ी आबादी वाला देश है। इसे हिंदुस्तान और आर्यावर्त के नाम से भी जाना जाता है। यह तीन तरफ से महासागरों से घिरा हुआ है: पूर्व में बंगाल की खाड़ी, पश्चिम में अरब सागर और दक्षिण में हिंद महासागर। भारत का राष्ट्रीय पशु ‘ बाघ’ है, राष्ट्रीय पक्षी ‘ मोर’ है और राष्ट्रीय फल ‘ आम’ है। भारत का राष्ट्रगान जन गण मन है, और राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम है। भारत का राष्ट्रीय खेल हॉकी है। हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म, जैन धर्म, सिख धर्म, इस्लाम, ईसाई धर्म और यहूदी धर्म सहित विभिन्न धर्मों के लोग सदियों से भारत में एक साथ रहते आए हैं। भारत अपनी समृद्ध विरासत के लिए भी जाना जाता है, जिसमें स्मारक, मकबरे, चर्च, ऐतिहासिक इमारतें, मंदिर, संग्रहालय, प्राकृतिक सुंदरता, वन्यजीव अभयारण्य और प्रभावशाली वास्तुकला शामिल हैं।
भारतीय ध्वज तिरंगे में तीन रंग हैं: केसरिया, सफ़ेद और हरा। सबसे ऊपर का रंग केसरिया पवित्रता का प्रतीक है। बीच का रंग सफ़ेद शांति का प्रतीक है। सबसे नीचे का रंग हरा उर्वरता का प्रतीक है। सफ़ेद पट्टी के बीच में एक नीला अशोक चक्र है, जो 24 तीलियों वाला पहिया है जो कानून और न्याय के चक्र का प्रतीक है। बंगाल टाइगर राष्ट्रीय पशु है, जो शक्ति और शालीनता का प्रतिनिधित्व करता है। मोर यहां का राष्ट्रीय पक्षी है, जो शालीनता, सुंदरता और शान का प्रतीक है। ऐतिहासिक रूप से फील्ड हॉकी को भारत का राष्ट्रीय खेल माना जाता है, जो खेल में देश की उपलब्धियों का प्रतिनिधित्व करता है।
भारत में कई प्रमुख नदियाँ हैं, जिनमें से प्रत्येक का सांस्कृतिक, आर्थिक और पारिस्थितिक महत्व है। गंगा हिमालय से निकलती है और उत्तरी भारत से होकर बांग्लादेश में बहती है। यह हिंदू धर्म में सबसे पवित्र नदी मानी जाती है और लाखों लोगों के लिए पीने, कृषि और धार्मिक प्रथाओं के लिए महत्वपूर्ण है। यमुना हिमालय में यमुनोत्री ग्लेशियर से निकलने वाली गंगा की एक प्रमुख सहायक नदी है। यह दिल्ली और आगरा से होकर बहती है और अपने सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व के लिए महत्वपूर्ण है।
ब्रह्मपुत्र तिब्बत में निकलती है और बांग्लादेश में प्रवेश करने से पहले असम और भारत के अन्य पूर्वोत्तर राज्यों से होकर बहती है। यह नदी अपने विशाल बेसिन और कृषि क्षेत्र के लिए जानी जाती है। सिंधु नदी का उद्गम तिब्बत में है और भारत से होते हुए यह पाकिस्तान में भी बहती है। कृष्णा नदी पश्चिमी घाट में उत्पन्न होती है और पूर्व की ओर बंगाल की खाड़ी में बहती है। दक्षिणी भारत में सिंचाई और जलविद्युत परियोजनाओं के लिए महत्वपूर्ण है। कावेरी नदी पश्चिमी घाट में उत्पन्न होती है और दक्षिण-पूर्व में बंगाल की खाड़ी में बहती है। कर्नाटक और तमिलनाडु के दक्षिणी राज्यों में कृषि के लिए महत्वपूर्ण है। महानदी छत्तीसगढ़ राज्य में उत्पन्न होकर पूर्व की ओर बंगाल की खाड़ी में बहती है। क्षेत्र में सिंचाई और प्रमुख बांधों के लिए महत्वपूर्ण है। नर्मदा नदी सतपुड़ा रेंज से पश्चिम की ओर अरब सागर में बहती है। यह अपनी प्राकृतिक सुंदरता और नर्मदा घाटी परियोजना के लिए जानी जाती है। ताप्ती नदी सतपुड़ा रेंज से पश्चिम की ओर अरब सागर में बहती है। यह क्षेत्र की कृषि और सिंचाई के लिए महत्वपूर्ण है।
भारतीय भोजन अपनी समृद्ध विविधता और जीवंत स्वादों के लिए प्रसिद्ध है। यह देश की विशाल सांस्कृतिक और क्षेत्रीय विविधताओं को दर्शाता है। भारत के भोजन में मसालों, जड़ी-बूटियों और सामग्रियों की एक विस्तृत श्रृंखला है जो जटिल और सुगंधित व्यंजन बनाती है। उत्तर की मसालेदार करी से लेकर दक्षिण के तीखे और नारियल आधारित व्यंजनों तक, भारतीय व्यंजन सभी के लिए कुछ न कुछ प्रदान करते हैं। लोकप्रिय व्यंजनों में बिरयानी, डोसा, समोसे और विभिन्न प्रकार की ब्रेड जैसे नान और रोटी शामिल हैं। भारतीय भोजन में गुलाब जामुन और जलेबी सहित कई तरह की मिठाइयाँ भी शामिल हैं। भोजन का आनंद अक्सर अचार, रायता और चटनी जैसी कई तरह की चीजों के साथ लिया जाता है। यह पाक विविधता भारतीय भोजन को देश की सांस्कृतिक विरासत का एक जीवंत और अभिन्न अंग बनाती है।
भारत एक भाषाई रूप से विविधतापूर्ण देश है, जिसके विशाल विस्तार में बोली जाने वाली भाषाओं की समृद्ध विविधता है। भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में 22 आधिकारिक रूप से मान्यता प्राप्त भाषाएँ हैं। भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में 22 आधिकारिक असमिया, बंगाली, बोडो, डोगरी, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, मैथिली, मलयालम, मणिपुरी, मराठी, नेपाली, उड़िया, पंजाबी, संस्कृत, संथाली, सिंधी, तमिल, तेलुगू, उर्दू है। प्रत्येक क्षेत्र की अपनी अलग भाषा या बोली होती है, जो उसकी सांस्कृतिक विरासत को दर्शाती है। देवनागरी लिपि में लिखी जाने वाली हिंदी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है, जबकि सरकारी और कानूनी उद्देश्यों के लिए अंग्रेजी एक सहयोगी आधिकारिक भाषा के रूप में कार्य करती है। कन्नड़, पंजाबी और गुजराती जैसी क्षेत्रीय भाषाएँ भी अपने-अपने क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। बहुभाषावाद भारत की सांस्कृतिक समृद्धि और भाषा और क्षेत्रीय पहचान के बीच के संबंधों को भी।उजागर करता है। भाषा भारत के सामाजिक ताने-बाने का एक महत्त्वपूर्ण पहलू बन जाती है।
भारत अपने जीवंत और विविध त्योहारों के लिए प्रसिद्ध है, जिन्हें पूरे देश में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। प्रमुख त्योहारों में दिवाली है यह रोशनी का त्योहार है जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। होली वसंत के अपने रंगीन और हर्षोल्लासपूर्ण उत्सव के लिए जानी जाती है। ईद दावतों और प्रार्थनाओं के साथ रमजान माह के अंत को चिह्नित करती है। नवरात्रि देवी दुर्गा का सम्मान करने वाला नौ रातों का त्योहार है। अन्य महत्वपूर्ण त्योहारों में क्रिसमस, पोंगल और दुर्गा पूजा शामिल हैं। ये त्यौहार भारत की समृद्ध सांस्कृतिक और धार्मिक विविधता को दर्शाते हैं, जो लोगों को हर्षोल्लासपूर्ण उत्सव, दावत और विभिन्न पारंपरिक अनुष्ठानों में एक साथ लाते हैं।
विविधता में एकता भारत की एक परिभाषित विशेषता है, जहाँ अनेक संस्कृतियाँ, भाषाएँ, धर्म और परंपराएँ सौहार्दपूर्वक सह-अस्तित्व में हैं। अपने लोगों के बीच भारी मतभेदों के बावजूद, भारत विभिन्न जातीयताओं और मान्यताओं के जीवंत ताने-बाने के रूप में खड़ा है। यह देश एक साझा राष्ट्रीय पहचान से एकजुट है। यह सिद्धांत देश के विविध त्योहारों के उत्सव, विभिन्न सांस्कृतिक प्रथाओं के प्रति सम्मान और विभिन्न क्षेत्रीय परंपराओं में दिखाई भी देता है। भारत की ताकत अपनेपन और साझा उद्देश्य की भावना को बढ़ावा देती है। विविधता में यह एकता भारत के सामाजिक सामंजस्य को बढ़ाती है और इसकी समृद्ध विरासत में योगदान देती है।
भारत एक ऐसा अद्भुत देश है जिसमें संस्कृतियों, जातियों, पंथों और धर्मों का एक समृद्ध मिश्रण है,ह अपनी विरासत, मसालों और इसे अपना घर कहने वाले लोगों के लिए प्रसिद्ध है। विविधता और एकता का यह मिश्रण ही है जिसकी वजह से भारत को अक्सर एक ऐसे स्थान के रूप में वर्णित किया जाता है जहाँ विविधता में एकता पनपती है। भारत आध्यात्मिकता, दर्शन, विज्ञान और प्रौद्योगिकी में अपने योगदान के लिए प्रसिद्ध है।
भारत पर 10 लाइन (10 Lines Essay on India in Hindi) यहां दी गई हैं –
- भारत या एशिया में एक प्रायद्वीपीय देश है। भारत देश तीन तरफ से पानी से घिरा हुआ है।
- अन्य देशों की तुपना में कुल क्षेत्रफल के मामले में भारत दुनिया का 7वां सबसे बड़ा देश है।
- भारत की जनसंख्या लगघग 1.4286 बिलियन है। यह चीन की 1.4257 बिलियन की तुलना में दुनिया में दुनिया की सबसे बड़ी आबादी है।
- झारत कर पश्चिमी भाग में अरब सागर, दक्षिणी भाग में हिंद महासागर और पूर्व में बंगाल की खाड़ी है।
- भारत देश का उत्तरी भाग पहाड़ों से ढका हुआ है। हिमालय दुनिया की की प्रसिद्ध पर्वत श्रृंखलाओं में से एक है।
- भारत में कई छोटी-बड़ी नदियाँ बहती हैं। नदियों में गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र, नर्मदा, गोदावरी, कावेरी आदि प्रमुख हैं।
- भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा झंडा है। तिरंगे में सबसे ऊपर केसरिया, बीच में सफेद और नीचे हरा रंग है। इसके बीच में अशोक चक्र बना हुआ है जिसमें 24 तीलियां हैं।
- भारत का राष्ट्रीय प्रतीक सारनाथ में अशोक का सिंह स्तंभ है। इसके नीचे लिखा सत्यमेव जयते है जिसका अर्थ है सत्य की ही जीत होती है।
- भारत का राष्ट्रगान जन गण मन है। राष्ट्रगान की रचना रवींद्रनाथ टैगोर ने की थी। राष्ट्रगान को गाने में 52 सेकेंड लगते हैं।
- भारत का राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम है जिसकी रचना बंकिम चंद्र चटर्जी के द्वारा की गई थी।
संसदीय प्रणाली वाली प्रभुता संपन्न समाजवादी धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक गणराज्य जिसमें 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेश।
ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन (लगभग 1757-1947) के दौरान, ब्रिटिश भारतीय उपमहाद्वीप को “इंडिया” कहते थे। यह शब्द सिंधु नदी से लिया गया था, जो ब्रिटिश भारत की पश्चिमी सीमा को चिह्नित करती थी। ब्रिटिश औपनिवेशिक प्रशासन ने आधिकारिक नाम के रूप में “इंडिया” का इस्तेमाल किया।
दुनिया भर में भारत विविधता में एकता का प्रतिनिधि है। भारत विभिन्न संस्कृतियों, जातियों, पंथों, धर्मों की भूमि है; अनेक मतभेदों के बावजूद हम सौहार्दपूर्वक रहते हैं। भारतीय शांतिप्रिय हैं और संकट के समय लोगों की मदद के लिए आगे आते हैं। हम “अतिथि देवो भव” के आदर्श वाक्य में विश्वास करते हैं, जिसका अर्थ है कि हमारे मेहमान हमारे भगवान हैं और हमारे देश में आने वाले पर्यटकों के प्रति विशेष रूप से सहायक और दयालु हैं। हमारा देश एक जीवंत देश है जो मेहनती लोगों, समृद्ध वनस्पतियों और जीवों और एक अद्भुत विरासत का घर है। मेहनती नागरिकों का प्रमाण, भारत धीरे-धीरे और लगातार दुनिया की महाशक्तियों में से एक बन रहा है।
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- शिक्षा का महत्त्व पर हिंदी में निबंध (Essay on Importance of Education in Hindi): 100 से 500 शब्दों में देखें
Updated On: September 09, 2024 03:00 pm IST
- 100 शब्दों में शिक्षा का महत्त्व पर निबंध (Essay on …
- 250 शब्दों में शिक्षा का महत्त्व पर लेख (Essay on …
- 500 शब्दों में शिक्षा का महत्त्व पर निबंध (Essay on …
- 1500 शब्दों में शिक्षा का महत्त्व पर लेख (Essay on …
- शिक्षा के महत्व पर महापुरुषों के कोट्स (Quotes from great …
100 शब्दों में शिक्षा का महत्त्व पर निबंध (Essay on Importance of Education in Hindi)
250 शब्दों में शिक्षा का महत्त्व पर लेख (essay on importance of education in hindi).
शिक्षा किसी भी व्यक्ति के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण और अनिवार्य हिस्सा है, जो उसके व्यक्तिगत, सामाजिक और राष्ट्रीय विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। शिक्षा न केवल ज्ञान प्राप्ति का माध्यम है, बल्कि यह व्यक्ति के सोचने, समझने और निर्णय लेने की क्षमता को भी विकसित करती है। इसके द्वारा व्यक्ति अपने जीवन को सही दिशा में ले जाने के योग्य बनता है और आत्मनिर्भरता हासिल करता है।
शिक्षा का महत्त्व इस बात में भी है कि यह व्यक्ति को नैतिक मूल्यों, समाजिक जिम्मेदारियों और अधिकारों के प्रति जागरूक बनाती है। एक शिक्षित व्यक्ति अपने अधिकारों और कर्तव्यों को अच्छी तरह समझता है, जिससे वह समाज में एक आदर्श नागरिक के रूप में अपनी भूमिका निभा सकता है। इसके अलावा, शिक्षा समाज में फैले अंधविश्वास, भेदभाव और अन्य सामाजिक बुराइयों को खत्म करने में भी मदद करती है।
राष्ट्र के विकास के संदर्भ में शिक्षा की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। एक शिक्षित समाज ही नए विचारों, नवाचारों और तकनीकी विकास को प्रोत्साहन देता है, जो किसी भी देश की प्रगति के लिए आवश्यक है। यही कारण है कि हर देश में शिक्षा को प्राथमिकता दी जाती है और इसे सभी के लिए सुलभ बनाने के प्रयास किए जाते हैं।
अतः शिक्षा केवल व्यक्तिगत उन्नति का साधन नहीं, बल्कि यह समाज और देश की प्रगति का भी आधार है। इसलिए, हर व्यक्ति को शिक्षा का अधिकार मिलना चाहिए ताकि वह अपने और समाज के भविष्य को बेहतर बना सके।
500 शब्दों में शिक्षा का महत्त्व पर निबंध (Essay on Importance of Education in Hindi)
शिक्षा का महत्त्व (importance of education).
शिक्षा किसी भी समाज और देश के विकास की नींव होती है। यह एक ऐसा साधन है जो व्यक्ति को न केवल ज्ञान प्रदान करती है, बल्कि उसे नैतिक, सामाजिक और बौद्धिक रूप से भी सक्षम बनाती है। शिक्षा से व्यक्ति अपने अधिकारों और कर्तव्यों को समझता है, अपने जीवन के प्रति जागरूक होता है, और समाज में एक सक्रिय नागरिक के रूप में अपनी भूमिका निभाता है। शिक्षा न केवल व्यक्ति को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाती है, बल्कि समाज और राष्ट्र की उन्नति में भी अहम योगदान करती है।
व्यक्तिगत विकास में शिक्षा का महत्त्व (Importance of education in personal development)
व्यक्तिगत विकास के लिए शिक्षा का महत्व अपार है। यह व्यक्ति के भीतर ज्ञान और समझ को विकसित करती है, जिससे वह जीवन के विभिन्न पहलुओं में सही निर्णय लेने में सक्षम होता है। शिक्षित व्यक्ति अधिक आत्मविश्वासी होता है, जिसके कारण वह अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में सफल होता है। शिक्षा व्यक्ति को मानसिक रूप से सशक्त बनाती है, जिससे वह जीवन की चुनौतियों का सामना कर सकता है। इसके साथ ही, शिक्षा व्यक्ति के भीतर अनुशासन, नैतिकता और समय प्रबंधन जैसे गुणों का विकास करती है, जो उसके जीवन को सही दिशा में ले जाते हैं।
सामाजिक विकास में शिक्षा का महत्त्व (Importance of education in social development)
शिक्षा समाज को बेहतर बनाने का सबसे प्रभावी साधन है। यह व्यक्ति को समाज के प्रति उसकी जिम्मेदारियों और कर्तव्यों के बारे में जागरूक बनाती है। एक शिक्षित समाज अंधविश्वास, रूढ़िवादी सोच और भेदभाव से मुक्त होता है। शिक्षा के माध्यम से व्यक्ति अपने अधिकारों को जानता है और समाज में समानता, न्याय और बंधुत्व का पालन करता है। इसके अलावा, शिक्षित व्यक्ति समाज के विकास के लिए नवाचार, वैज्ञानिक सोच और तर्कसंगत विचारधारा को प्रोत्साहन देते हैं, जिससे समाज में प्रगति और सुधार होते हैं। शिक्षा की कमी से समाज में असमानता, गरीबी और अपराध जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं, जबकि शिक्षित समाज इन समस्याओं को समाप्त करने में सक्षम होता है।
राष्ट्रीय विकास में शिक्षा का महत्त्व (Importance of education in national development)
राष्ट्र के विकास में शिक्षा की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। किसी भी देश की आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक प्रगति उसके नागरिकों की शिक्षा के स्तर पर निर्भर करती है। शिक्षा के माध्यम से देश को कुशल मानव संसाधन मिलता है, जो विभिन्न क्षेत्रों में योगदान देता है। शिक्षा के बिना कोई भी देश तकनीकी, वैज्ञानिक या आर्थिक दृष्टिकोण से उन्नति नहीं कर सकता। इसके अलावा, शिक्षित नागरिक अपनी सरकार और नीतियों को बेहतर ढंग से समझते हैं और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी निभाते हैं। यही कारण है कि सरकारें शिक्षा को प्राथमिकता देती हैं और इसे सभी के लिए सुलभ बनाने के प्रयास करती हैं।
शिक्षा की व्यापकता (comprehensiveness of education)
शिक्षा केवल पुस्तकीय ज्ञान तक सीमित नहीं होती, बल्कि यह व्यक्ति के चारित्रिक, नैतिक और सामाजिक विकास में भी अहम भूमिका निभाती है। शिक्षा का उद्देश्य व्यक्ति को संपूर्ण रूप से विकसित करना है, जिससे वह एक अच्छा नागरिक, अच्छा इंसान और एक सफल व्यक्ति बन सके। शिक्षा के माध्यम से ही व्यक्ति में वैज्ञानिक दृष्टिकोण, तार्किक सोच और समस्याओं को हल करने की क्षमता विकसित होती है।
निष्कर्ष (conclusion)
शिक्षा जीवन का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है, जो व्यक्ति, समाज और राष्ट्र के विकास के लिए अनिवार्य है। यह न केवल ज्ञान का स्रोत है, बल्कि यह व्यक्ति के जीवन को दिशा देती है। शिक्षा के माध्यम से ही हम अपने समाज को उन्नत बना सकते हैं और एक सशक्त राष्ट्र की नींव रख सकते हैं। इसलिए, हर व्यक्ति को शिक्षा का अधिकार मिलना चाहिए ताकि वह अपने और समाज के भविष्य को बेहतर बना सके।
1500 शब्दों में शिक्षा का महत्त्व पर लेख (Essay on Importance of Education in Hindi)
शिक्षा का महत्त्व (importance of education) - प्रस्तावना, शिक्षा का अर्थ और परिभाषा (meaning and definition of education), शिक्षा का ऐतिहासिक महत्व (historical importance of education).
शिक्षा का व्यक्तिगत विकास में योगदान (Contribution of Education to Personal Development)
समाज में शिक्षा का महत्व (importance of education in society), शिक्षा और आर्थिक विकास (education and economic development), शिक्षा और तकनीकी विकास (education and technological development).
नैतिक और सांस्कृतिक मूल्यों का विकास (Development of Moral and Cultural Values)
महिलाओं के लिए शिक्षा का महत्त्व (importance of education for women), वैश्विक परिप्रेक्ष्य में शिक्षा (education in global perspective), शिक्षा में चुनौतियां और सुधार की आवश्यकता (challenges and need for reform in education), निष्कर्ष (conclusion).
शिक्षा के महत्व पर महापुरुषों के कोट्स (Quotes from great men on importance of Education)
- “शिक्षा का उद्देश्य खाली दिमाग को खुले दिमाग से बदलना है।” - मैल्कम फोर्ब्स
- "शिक्षा का मतलब सिर्फ जानकारी इकट्ठा करना नहीं है, बल्कि मनुष्य के भीतर की पूर्णता को बाहर लाना है।"- स्वामी विवेकानंद
- "शिक्षा का उद्देश्य चरित्र का निर्माण, मन की शक्ति का विकास और बुद्धिमत्ता का विस्तार करना है।" - महात्मा गांधी
- "शिक्षा का असली उद्देश्य सोचने का ढंग बदलना है।" - डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम
- "शिक्षा की जड़ें कड़वी होती हैं, लेकिन फल मीठा होता है।" - अरस्तू
- "शिक्षा वह सबसे शक्तिशाली हथियार है, जिसका उपयोग आप दुनिया को बदलने के लिए कर सकते हैं।" - नेल्सन मंडेला
- "शिक्षा वही है जो हमें सिर्फ जानकारी ही नहीं देती, बल्कि हमें सजीव बनाती है।" रवीन्द्रनाथ ठाकुर
- "शिक्षा एक ऐसा शस्त्र है जिससे आप कुछ भी जीत सकते हैं।" - डॉ. भीमराव अंबेडकर
- "शिक्षा वह है जो स्कूल में सीखी हुई बातों को भूल जाने के बाद भी हमारे भीतर बची रहती है।" - अल्बर्ट आइंस्टीन
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Bsc nursing me direct admission hai Kya isme?? Or AGR nahi hai to Kya entrance de sktey is sal?
Dear Sakshi Gupta,
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हरी सब्जियों के गुण और सब्जियां खाने के फायदे - Vegetables Benefits For Health in Hindi
सब्ज़ियों का हमारे स्वस्थ जीवन में बहुत बड़ा योगदान है। सब्ज़ियों के नियमित सेवन से हमारा स्वास्थ्य तथा शरीर की आंतरिक प्रणाली मज़बूत होती है। सब्ज़ियों के उचित सेवन से हमारी पाचन शक्ति बढ़ती है। सब्ज़ियों के नियमित सेवन से हम कैंसर , हृदय रोग , हीट स्ट्रोक एवं हाई बीपी (उच्च रक्तचाप) जैसी बीमारियों से लड़ने की क्षमता मिलती है। सब्ज़ियों से हमे पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन तथा खनिज मिलते हैं।
(और पढ़ें - पाचन शक्ति बढ़ाने के उपाय )
सब्ज़ियां हमारे त्वचा को ख़ूबसूरत बनती हैं और मोटापे को नियंत्रित करने का भी काम करती हैं। ऐसा कई शोध बताते हैं कि जो हम अपने शरीर में पोषक तत्व को पूरा करने के लिए अतरिक्त रूप से टेबलेट आदि का इस्तेमाल करते हैं, हरी सब्ज़ियां उनसे ज़्यादा बेहतर होती हैं। शोध बताते हैं कि समान्य आहार की तुलना में स्वस्थ आहार तेज दिमाग के लिए ज़्यादा लाभकारी होते हैं। नियमित फल और सब्ज़ियों के सेवन से आपका स्वास्थ्य बेहतर रहेगा और आप हमेशा जवान दिखेगें। आइए जाने सब्ज़ियों के फायदों के बारे में -
सब्ज़ियों में बहुत कम मात्रा में कैलोरी होती हैं - Vegetables have less calories in Hindi
सब्ज़ियां विटामिन से होती हैं भरपूर - vegetables are rich in protein in hindi, सब्ज़ियां उच्च रक्तचाप के लिए होती हैं लाभदायक - vegetables are good for high blood pressure in hindi, त्वचा के लिए फ़ायदेमंद हैं सब्ज़ियां - vegetables are good for skin in hindi, सब्ज़ियां बालों के लिए हैं बेहद फ़ायदेमंद - vegetables for healthy hair in hindi.
सब्ज़ियों में सबसे कम फ़ैट और कैलोरी होती है, जिसकी सबसे बड़ी वजह है कि सब्ज़ियों में पानी पर्याप्त मात्रा में उपस्थित होता है। सब्ज़ियों के नियमित सेवन से हम अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं और मोटापे को भी नियंत्रित कर सकते हैं। हम जितनी अधिक मात्रा में सब्ज़ियों का सेवन करगें उतना अधिक अपने शरीर से विषाक्त पदार्थों को आसानी से बाहर निकाल सकेगें।
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हरी सब्ज़ियों में मैग्नीशियम कि मात्रा बहुत अधिक होती है और ग्लाइसेमिक इंडेक्स की मात्रा कम होती है, जो कि शुगर (मधुमेह) की बिमारी को कम करने में मददगार साबित होते हैं। हरी सब्ज़ियों में आयरन और कैल्शियम की भरपूर मात्रा पाई जाती है। हम सभी जानते हैं कि सब्ज़ियां विटामिन का मुख्य स्त्रोत होती हैं और विटामिन K कि मात्रा सभी सब्ज़ियों में उपस्थित होती है। हमारे शरीर में विटामिन K कि पर्याप्त मात्रा मौजूद होने से हम हड्डी की बीमारियों से छुटकारा पा सकते हैं। हरी और पत्तेदार सब्ज़ियां महिलायों को कूल्हे के कैंसर से बचाती हैं।
सब्ज़ियों और फलों के नियमित सेवन से हम हाई बीपी को कम कर सकते हैं। सब्ज़ियों में पोटेशियम की मात्रा पाई जाती है जो कि हमारे शरीर में नमक की मात्रा को संतुलित बनाता है तथा हमारे शरीर में हाई बीपी को कम करने में मदद करता है। साथ ही रोजाना सलाद के सेवन से भी हम हाई बीपी को कम कर सकते हैं तथा हरी सब्ज़ियो के सेवन से भी हाई बीपी को कम कर करने में मदद करते हैं।
अगर आप अपनी त्वचा को लेकर परेशान रहते हैं, और उसके लिए बाजार में मिलनी वाली तरह-तरह कि क्रीम से कोई फायदा नहीं हो रहा है तो आपके लिए टमाटर बेहद लाभदायक हो सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि टमाटर मे काफ़ी मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट एवं विटामिन ए व विटामिन सी पाए जाते हैं जो कि हमारे त्वाचा को लचीला बनाए रखने में मदद करते हैं। साथ ही चोट और मोच के लिए भी लाभदायक होते हैं। विटामिन ए हमें मुंहासों से भी बचाता है। गाजर में बीटा कैरोटीन पाया जाता है और जब हम इसका सेवन करते हैं तो वो हमारे शरीर में जाकर विटामिन ए मे बदल जाता है जो कि त्वचा के लिए बेहद फ़ायदेमंद होता है।
नारंगी और पीले रंग की सब्ज़ियां तथा मीठे आलू , गाजर, खुबानी ये सभी विटामिन-सी कि मात्रा से भरपूर होते हैं। जो हमारी त्वचा के विकास और सुंदरता के लिए बहुत ही लाभदायक होते हैं। लाल कलर की सब्ज़ियां जैसे टमाटर, लाल मिर्च , लाल प्याज और पपीता लाइकोपीन से भरपूर होते हैं जो हमारे त्वचा कि रक्षा करते हैं तथा उन्हें हानिकारक किरणों से भी बचाते हैं। बैंगन , लाल अंगूर , बैंगनी गोभी, बेर , चुकंदर इन सब में बहुत अधिक मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है जो स्वस्थ त्वचा के लिए तथा बेहतर त्वचा के लिए लाभदायक होते हैं। ऐसे कई शोध हो चुके हैं, जो यह बताते हैं की आप अपने दैनिक आहार में फल और हरी सब्जियों को शामिल करके अपने होंठो को, त्वचा को और बालों को स्वस्थ व सुंदर बना सकते हैं।
इस आधुनिक युग में आमतौर पर लोग बालों को लेकर बहुत परेशान रहते हैं और बाज़ार में मिलने वाले कई तरह के उत्पाद का इस्तेमाल करके थक जाते हैं। इसका सबसे बेहतर उपाय सब्ज़ियों को अपने आहार में शामिल करें और बालों के तमाम परेशानियों को अलविदा कहें। गहरे तथा हरे रंग कि सब्ज़ियां विटामिन ए , विटामिन सी तथा कैल्शियम और आयरन की मात्रा मे भरपूर होते हैं। जो कि हमारे शरीर में सीबम के बनने के लिए ज़िम्मेदार होते हैं, जो हमारे सिर के खाल के लिए बहुत लाभदायक होता है। आयरन और कैल्सियम हमारे बालों को झड़ने से बचाते हैं।
लाल सब्ज़ियों में लाइकोपीन पाया जाता है तथा इनमें पोषक तत्व भी मौजूद होते हैं। लाल मिर्च में अत्याधिक मात्रा में पाइकोपीन तथा उसके बाहरी हिस्से में अधिक मात्रा में सिलका पाया जाता है जो हमारे बालों को भारी बनाने में मदद करते हैं ।
नारंगी सब्ज़ियों में बीटा कैरीटीन पाया जाता है, जो कि एंटीऑक्सीड़ेंट है और बालों के बढ़ने के ळिए अनिवार्य होते हैं। साथ ही इनमें विटामिन सी भी मौजूद होते हैं जो कि हमारे बालों को बाहरी धूल-कणो से बचाते हैं। नारंगी सब्ज़ियां हमारे बालों को हानिकारक प्रभाव तथा सूर्य कि रौशनी से बचाकर बालों में नमीं बनाए रखते हैं।
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विटामिन - विकिपीडिया ... विटामिन
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