स्टीफन हॉकिंग पर निबंध | Essay on Stephen Hawking in Hindi
स्टीफन हॉकिंग पर निबंध | Essay on Stephen Hawking in Hindi language.
मन में दृढ़ संकल्प, प्रबल इच्छा शक्ति और दिल में हमेशा कुछ करने का जज्बा हो, तो पास आई मौत भी व्यक्ति के इरादे को डिगा नहीं सकती । ऐसा ही कर दिखाया ब्रिटेन के वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग ने, जो मात्र 21 वर्ष की अवस्था में ही मोटर न्यूरॉन नामक असाध्य बीमारी के शिकार हो गए थे, जिसमें धीरे-धीरे शरीर के सारे अंग शिथिल हो जाते हैं और अन्ततोगत्वा श्वास नली के अवरुद्ध होने के कारण व्यक्ति के जीवन का अन्त हो जाता है ।
इस जानलेवा बीमारी से ग्रस्त होने के पश्चात् चिकित्सकों ने कह रखा था कि अब हॉकिंग की जिन्दगी मुश्किल से दो वर्षों तक खिंच सकती है, किन्तु आशावादी विचारधारा से ओत-प्रोत, इच्छा शक्ति के धनी और मन में जीने की प्रबल उत्कण्ठा लिए स्टीफन हॉकिंग ने चिकित्सकों की बातों को सिरे से नकारते हुए कहा- ”मैं दो नहीं, बीस नहीं, पूरे 50 वर्षों तक जिन्दा रहूँगा ।”
और सचमुच बिल्कुल करीब आई मौत पर जीत दर्ज कर आज इस प्रतिभावान वैज्ञानिक ने 70 वर्ष की अवस्था पूर्ण कर ली है । वर्ष 2014 में अपने 70वें जन्मदिवस पर हॉकिंग ने कहा था- “मैं अभी जीना चाहता हूँ ।” स्टीफन हॉकिंग का पूरा नाम स्टीफन विलियम हॉकिंग है । इनका जन्म विश्व के महान् वैज्ञानिक गैलीलियों की मृत्यु के तीन सौ वर्ष बाद 8 जनवरी, 1942 को इंग्लैण्ड के ऑक्सफोर्ड शहर में हुआ ।
इनके पिता का नाम फ्रेंक और माता का नाम इसाबेल हॉकिंग था । हॉकिंग अपने पिता के द्वारा ग्रहण किए गए दत्तक पुत्र एवं अपनी दो बहनों से बड़े हैं । इनके पिता अपनी ही तरह इन्हें भी चिकित्सक बनाना चाहते थे, किन्तु इन्हें बचपन से ही गणित के सवाल हल करने में महारथ हासिल थी ।
ADVERTISEMENTS:
इनकी विलक्षण प्रतिभा से प्रभावित होकर लोग इन्हें ‘आइंस्टाइन’ कहकर सम्बोधित करते थे । हॉकिंग की प्रारम्भिक शिक्षा सेण्ट एलेबेंस स्कूल में और उसके बाद यूनिवर्सिटी कॉलेज, ऑक्सफोर्ड में हुई । वहाँ गणित विषय के अभान में उन्हें भौतिकी लेकर पढ़ाई करनी पड़ी ।
कैम्ब्रिज में शोध करने के दौरान भारतीय वैज्ञानिक ‘जयन्त नार्लीकर’ ने गणित से इनकी रुचि को ध्यान में रखते हुए इन्हें ‘कोस्मोलोजी’ विषय लेने की राय दी, जिसे इन्होंने सहर्ष स्वीकार लिया । उच्च शिक्षा प्राप्त करने के क्रम में 21 वर्ष की आयु में घर पर छुट्टियां मनाने के दौरान इन्हें एक अनजान बीमारी ने ग्रस्त कर लिया ।
मोटर न्यूरॉन नामक इस असाध्य रोग से जूझते हुए ही इन्होंने पी एच डी की मानद उपाधि प्राप्त की और जेन वाइल्ड के साथ प्रणय सूत्र में बँध गए । अब तक इनके शरीर का दायाँ हिस्सा निष्क्रिय हो चुका था । पी एच डी पूर्ण करने के पश्चात् धीरे-धीरे वैज्ञानिक के रूप में इनकी ख्याति पूरे विश्व में फैल गई, किन्तु समय बीतने के साथ-साथ इनका बायाँ भाग भी निष्क्रिय होता गया और हारकर इन्हें व्हील-चेयर का सहारा लेना पड़ा ।
बावजूद इसके इन्होंने अपने मस्तिष्क को कभी बीमार न होने दिया और विज्ञान की सेवा में जी-जान से जुटे रहे । इनका मानना भी है- बुद्धिमत्ता बदलाव के अनुकूल बनने की क्षमता है और इन्होंने इस उक्ति को चरितार्थ करके दिखाया ।
वर्ष 1973 में खगोल विज्ञान संस्थान छोड़ने के पश्चात् हॉकिंग ने वर्ष 1979 से 2009 तक गणित के प्राध्यापक के रूप में अपनी सेवा दी । हॉकिंग ने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के व्यवहारिक गणित और सैद्धान्तिक भौतिकी विभाग में भी सक्रिय भूमिका निभाई ।
हॉकिंग को तीन बच्चों के पिता बनने का गौरव भी प्राप्त हुआ । वर्ष 1995 में पत्नी जेन वाइल्ड से इनका तलाक हो जाने के पश्चात् इलियाना मेसन के साथ इनकी दूसरी शादी हुई, किन्तु वर्ष 2006 में मेसन ने भी इन्हें तलाक दे दिया ।
स्टीफन हॉकिंग ने वर्ष 2007 में अन्तरिक्ष की यात्रा भी की । इनके द्वारा लिखी गई पुस्तक- “A Brief History of Time” की पूरे विश्व में सराहना हुई । इन्होंने ब्लैक होल और बिग बैंग के सिद्धान्तों को स्पष्ट करने में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया ।
इनका कहना है- “मुझे सबसे अधिक प्रसन्नता इस बात से है कि मैंने ब्रह्माण्ड को समझने में अपनी भूमिका निभाई है । मुझे गर्व होता है जब लोग बड़ी संख्या में विज्ञान के क्षेत्रों में मेरे द्वारा किए गए कार्यों को जानना चाहते हैं ।”
स्टीफन हॉकिंग ने आइजक न्यूटन के सृष्टि की रचना में ईश्वर की भूमिका के उस सिद्धान्त को नकार दिया है, जिसमें इन्होंने कहा था कि ब्रह्माण्ड की रचना स्वाभाविक ही शुरू नहीं हुई थी, बल्कि ईश्वर ने इसको गीत प्रदान की ।
अपनी पुस्तक ‘द ग्राण्ड डिजाइन’ में हॉकिंग ने लिखा है- ”नीले प्रकाश को जलाने हेतु और ब्रह्माण्ड को चलाने हेतु ईश्वर के स्पर्श की आवश्यकता नहीं है ।” ‘ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम’ नामक पुस्तक में भी इन्होंने सृष्टि की रचना में ईश्वर के हाथ को सिरे से नकार दिया है ।
स्टीफन हॉकिंग को विज्ञान जगत् में इनके अनोखे योगदान हेतु छोटे-बड़े 12 पुरस्कारों से नवाजा गया है, जिनमें अल्बर्ट आइंस्टाइन पुरस्कार (1978), वॉल्फ प्राइज (1988), प्रिंस ऑफ ऑस्टुरियस अवाडर्स (1989), कोप्ले मेडल (2006), प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम (2009), विशिष्ट मूलभूत भौतिकी पुरस्कार (2012) प्रमुख हैं ।
शारीरिक रूप से एकदम अक्षम होने के पश्चात् सिर्फ अपनी इच्छा शक्ति के बल पर इतनी महान उपलब्धियाँ हासिल करना स्टीफन हॉकिंग जैसे व्यक्ति के लिए ही सम्भव है । वे आज भी विज्ञान के क्षेत्र में दिन-रात अध्ययनरत हैं और दुनिया को नित नई-नई बातें बता रहे हैं । हाल के दिनों में हॉकिंग सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर भी आ गए हैं ।
अपनी पहली पोस्ट में ही इन्होंने लोगों को जिज्ञासु बनने की सलाह देते हुए लिखा है- ”एक-दूसरे के साथ सम्बन्ध आज असीमित विस्तार ले चुके हैं, जब मेरे पास यह मौका है तो मैं आपके साथ अपनी यात्रा को साझा करने के लिए उत्सुक हूँ । जिज्ञासु बने रहें मुझे मालूम है कि मैं हमेशा जिज्ञासु बना रहूँगा ।” ऐसे प्रतिभाशाली व प्रेरणादायक व्यक्ति के लिए हम यही दुआ करते हैं कि वे हमेशा इसी तरह नित नई-नई खोजों से सम्पूर्ण मानव जगत् को समृद्ध करते रहें ।
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स्टीफन हॉकिंग की जीवनी Stephen Hawking Biography in Hindi
इस लेख में आप हिंदी में स्टीफन हॉकिंग की जीवनी (Stephen Hawking Biography in Hindi) पढ़ेंगे। इसमें स्टीफन हॉकिंग का परिचय, प्रारम्भिक जीवन, शिक्षा, उनकी बीमारी, शोध कार्य, निजी जीवन और मृत्यु इत्यादि के बारे में संक्षिप्त में जानकारी दी गई है।
Table of Content
दुनिया में दो प्रकार के लोग होते हैं, पहले वह जो मुश्किलों के आगे घुटने टेक देते हैं और दूसरे जो मुश्किलों को खुद के आगे झुकने पर मजबूर कर देते हैं।
जिस समय स्टीफन हॉकिंग के जीवन की शुरुआत हुई थी, उसी दौर में वे एक गंभीर बीमारी से ग्रसित हो गए थे। जिसके कारण कुछ समय के अंदर ही उनका पूरा शरीर लकवा ग्रस्त हो गया था।
यह वह दौर था जब कोई इंसान जीने की उम्मीद छोड़ देता है, लेकिन स्टीफन हॉकिंग थोड़े जिद्दी प्रकृति के थे जिन्होंने अपनी बीमारी को ढाल बनाकर जीवन में एक के बाद एक सफलताएं प्राप्त की।
उन्होंने तारों के विषय में दुनिया को बताया की जब तारे पुराने हो जाते हैं, तबी यह ठंडे पड़ जाते हैं और अंत में वह ब्लैक होल का रूप लेते हैं। इसके अलावा सर स्टीफन हॉकिंग ने कई सिद्धांत विश्व के सामने पेश किए जिससे पूरे विज्ञान जगत को एक बड़ा लाभ पहुंचा।
स्टीफन हॉकिंग जन्म व प्रारंभिक जीवन Stephen Hawking Birth and Early Life in Hindi
उनका पूरा परिवार पढ़ाई लिखाई पर ज्यादा ध्यान देता था, जिसके वजह से स्टीफन हॉकिंग बचपन से ही दिन भर किताबों में ही खोए रहते थे।
ज्ञानवर्धक किताबें स्टीफन हॉकिंग को एक वैज्ञानिक बनाने में बड़ी सहायक साबित हुई। कहा जाता है कि वे इतने ब्रिलियंट थे कि उन्होंने एक बार घर में खराब पड़ी हुई मशीन से एक छोटा सा कंप्यूटर बना दिया था।
स्टीफन हॉकिंग की शिक्षा Stephen Hawking’s Education in Hindi
स्कॉलरशिप की मदद से उन्होंने अपने लिए कई किताबें और अच्छे टीचर्स से ट्यूशन प्राप्त किया। स्कूल के बाद स्टीफन हॉकिंग भौतिक ने विज्ञान के विषय पर ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में शिक्षा ग्रहण की।
स्टीफन हॉकिंग की बीमारी Stephen Hawking’s Disease in Hindi
स्टीफन हॉकिंग की काबिलियत पर उनके माता-पिता के साथ सभी शिक्षकों को भी फक्र होता था। लेकिन अपने जीवन के सबसे मुश्किल भाग को देखना अभी बाकी था। स्टीफन हॉकिंग अपने स्कूल और कॉलेज में अच्छे नंबर से हमेशा आवल आते थे।
लेकिन किस्मत को शायद कुछ और ही मंजूर था। बीए ऑनर्स की पढ़ाई के दरमियान वह फर्स्ट ईयर सेकंड, ईयर में कई रिकॉर्ड बना चुके थे। लेकिन तीसरा साल आते ही उनकी तबीयत अचानक से खराब होने लगे।
कुछ दिनों के अंदर स्टीफन की दशा ऐसी हो गई कि वह बोलते बोलते अचानक से रुक जाते और चलते हुए अपने आप जमीन पर गिर कर बेहोश हो जाते थे। पहले तो लोग उनके बिगड़ते तबीयत की वजह को कमजोरी बताया।
लेकिन जब डॉक्टर को दिखाया गया तब स्टीफन एक ऐसे गंभीर रोग एमियोट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस Amyotrophic Lateral Sclerosis (ALS) से ग्रसित पाए गए, जिसका उस समय में कोई भी इलाज नहीं था। इस बिमारी में मसल्स तथा नर्वस सिस्टम के बीच तालमेल बंद हो जाता है, जिससे पूरा शरीर धीरे-धीरे स्थिर पड़ने लगता है।
डॉक्टर ने यह भी कहा की उनके पास मात्र 2 वर्ष का समय बचा है, उसके बाद उनकी मौत हो जाएगी। स्टीफन ने कभी भी अपने बीमारी को अपने पढ़ाई के मार्ग का कांटा नहीं बनने दिया और कैसे भी करके 1965 में प्रॉपर्टीज ऑफ एक्स्पांडिंग यूनिवर्स के थीसिस से पीएचडी की डिग्री अपने नाम कर ली।
जो समय उनके करियर की शुरुआत का समय था, वहीं से उनकी जिंदगी बद से बदतर होना शुरू हो गई थी। स्टीफन हॉकिंग अपने इस रोग से दुखी तो बहुत हुए लेकिन उन्होंने हार न मानकर आगे बढ़ते रहने की ठान ली और आज उसका परिणाम दुनिया के सामने है।
स्टीफन हॉकिंग का निजी जीवन Stephen Hawking’s Personal Life in Hindi
हालांकि किसी भी अपंग अपाहिज व्यक्ति के लिए एक अच्छा जीवनसाथी ढूंढ पाना बड़े भाग्य की बात होती है। वे जब प्रोफ़ेसर थे तब उनकी मुलाकात जेन वाइल्ड से हुई, जिसके बाद दोनों ने कुछ समय बाद शादी कर ली जिससे उनके 3 बच्चे हुए। आपसी मतभेद के कारण दोनों का तलाक हो गया।
तलाक़ के कुछ सालों बाद ही स्टीफन और एलेन मेशन ने वर्ष 1995 में शादी कर ली। दुर्भाग्यवश यह रिश्ता भी अधिक समय तक नहीं चल पाया और 2016 में दोनों ने अलग रहने का फैसला कर लिया।
स्टीफन हॉकिंग के शोध कार्य Stephen Hawking’s Research Work in Hindi
स्टीफन हॉकिंग ने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद भी यहां पर अपना शोध काम जारी रखा। डिपार्टमेंट ऑफ़ अप्लाइड मैथमेटिक्स एंड थ्योरिटिकल फिजिकल में 1972 में उन्होंने अपनी सेवाएं प्रदान की। इसी दरमियान द लार्ज स्केल स्ट्रक्चर ऑफ़ स्पेस टाइम नामक अपनी पहली एकेडमीक पुस्तक लिखी।
कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के प्रसिद्ध एकेडमिक गणित के लुकासियन प्रोफ़ेसर का पद 1979 में स्टीफन हॉकिंग को प्रदान किया गया जहां उन्होंने वर्ष 2006 तक अपनी सेवाएं प्रदान किया।
ब्टॉप डाउन थिअरी 2006
वर्ष 2006 में स्टीफन हॉकिंग ने टॉप डाउन कॉस्मोलॉजी के सिद्धांत को प्रस्तुत किया। ब्रह्मांड विज्ञान पर आधारित यह अनुसंधान में स्टीफन हॉकिंग ने कहा की ब्रह्मांड में गुरुत्वाकर्षण की शक्ति मौजूद है, जिसके कारण ही वह नवीनतम रचनाएं करता रहता है। उन्होंने यह भी कहा कि इसके पीछे किसी ईश्वरीय शक्ति का हाथ नहीं है।
ब्लैक होल सिद्धांत 1971 -74
नो हेयर थ्योरम ब्लैक होल पर आधारित थी। उन्होंने अपने अनुसंधान में बताया की ब्लैक होल में द्रव्यमान, चार्ज, कोणीय गति इत्यादि जैसी कई विशेषताएं मौजूद है। स्टीफन हॉकिंग के मुताबिक ब्लैक होल द्वारा विकरण का उत्सर्जन तब तक होता रहता है, जब तक की उसकी पूरी ऊर्जा नष्ट नहीं हो जाती।
इस सिद्धांत को हॉकिंग विकिरण के नाम से जाना जाता है। 1971 में ब्लैक होल्स को शीर्षक बनाकर उन्होंने एक लेख लिखा। जिसके कारण सुप्रसिद्ध ग्रेविटी रिसर्च फाउंडेशन पुरस्कार स्टीफन हॉकिंग को प्रदान किया गया।
कॉस्मिक इन्फ्लेशन थ्योरी 1982
साल 1980 में पहली बार एलन गुथ ने सिद्धांत प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि ब्रह्मांड में महा विस्फोट के पश्चात आकाशगंगाओं का निर्माण होता है, जो बहुत ही शीघ्र फैल जाता है। स्टीफन हॉकिंग ने क्वांटम थ्योरी को भी प्रस्तुत किया। इस अनुसंधान के बाद स्टीफन हॉकिंग की प्रसिद्धि पूरे दुनिया में और भी बढ़ गई।
यूनिवर्स का वेव फंक्शन मॉडल 1983
वर्ष 1983 में स्टीफन हॉकिंग और जेम्स हार्टले ने साथ मिलकर हार्टले- हाकिंग स्टेट मॉडल प्रस्तुत किया। जिसमें यह बताया गया कि बिग बैंग के पहले समय शून्य था, अर्थात नहीं मौजूद था। इसलिए ब्रह्मांड के प्रारंभ की पूर्वधारणा गलत है। क्योंकि ब्रह्मांड में जगह या समय में कोई भी प्रारंभिक सीमा नहीं है।
सिंगुलेरिटी का सिद्धांत 1970
आइंस्टाइन के गुरुत्वाकर्षण सिद्धांत से सहायता लेकर स्टीफन हॉकिंग ने 1970 के दशक में सिंगुलेरिटी सिद्धांत को प्रस्तुत किया। अपने इस अनुसंधान में उन्होंने बताया कि बिग बैंग होने का मुख्य कारण एक विशाल ब्लैक होल का पतन था। 1970 में प्रकाशित किए गए एक लेख में स्टीफन हॉकिंग ने कहा की ब्रह्मांड की उत्पत्ति ब्लैक होल के केंद्र से ही हुई है।
स्टीफन हॉकिंग के जीवन पर आधारित फिल्म Film Based on The Life of Stephen Hawking in Hindi
स्टीफन हॉकिंग जैसे महान विज्ञानिक सदियों में एक बार जन्म लेता है। इंसानो के इतिहास में आज तक जो संभव नहीं हो पाया वह स्टीफन हॉकिंग ने कर दिखाया है।
उन्होंने दुनिया को स्वयं के ऊपर गर्व करने के लिए बहुत सारे मौके दिए हैं। जिस प्रकार स्टीफन हॉकिंग ने मुश्किल परिस्थितियों में संघर्ष किया ऐसे परिस्थिति की कल्पना भी कोई सामान्य व्यक्ति नहीं कर सकता।
स्टीफन हॉकिंग के पुरस्कार Stephen Hawking Awards in Hindi
स्टीफन हॉकिंग की मृत्यु stephen hawking’s death in hindi.
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10 Lines on Stephen Hawking in Hindi | स्टीफन हॉकिंग पर 10 लाइन
10 Lines on Stephen Hawking in Hindi | स्टीफन हॉकिंग पर 10 लाइन
स्टीफन हॉकिंग एक प्रसिद्ध सैद्धांतिक भौतिक विज्ञानी थे।
उनका पूरा नाम स्टीफन विलियम हॉकिंग था।
स्टीफन हॉकिंग का जन्म 8 जनवरी 1942 को ऑक्सफोर्ड, इंग्लैंड में हुआ था।
उनके पिता फ्रैंक हॉकिंग एक चिकित्सा शोधकर्ता थे।
उनकी माता का नाम इसाबेल एलेन हॉकिंग था।
उनकी मां एक चिकित्सा अनुसंधान संस्थान में सचिव के रूप में काम करती थीं।
हॉकिंग ने “A Brief History of Time” सहित कई लोकप्रिय पुस्तकें भी लिखीं हैं।
उनके पास एक अद्भुत दिमाग और अविश्वसनीय दृढ़ संकल्प था।
उन्होंने दो बार शादी की और उनके तीन बच्चे थे।
हॉकिंग 1979 से 2009 तक कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में गणित के लुकासियन प्रोफेसर थे।
उन्हें 2009 में संयुक्त राज्य अमेरिका के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, स्वतंत्रता के राष्ट्रपति पदक से सम्मानित किया गया था।
हॉकिंग की अंतिम पुस्तक, “ब्रीफ आंसर्स टू द बिग क्वेश्चन” 2018 में मरणोपरांत प्रकाशित हुई थी।
उन्हें ब्लैक होल पर उनके काम के लिए जाना जाता है।
वह 20वीं सदी के सबसे प्रसिद्ध वैज्ञानिकों में से एक थे।
उन्हें 21 साल की उम्र में मोटर न्यूरोन रोग (MND) का पता चला था और डॉक्टर ने उन्हें बताया कि उनके पास जीने के लिए केवल दो साल हैं।
14 मार्च 2018 को 76 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया था।
उन्होंने विज्ञान की दुनिया में कई महत्वपूर्ण योगदान दिए।
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रोचक तथ्य और ज्ञानवर्धक लेख
स्टीफन हॉकिंग के बारे में 20 ज्ञानवर्धक तथ्य | Facts About Stephen Hawking in Hindi
Last Updated on April 6, 2023 By Sahil kumar
स्टीफन हॉकिंग एक विश्व प्रसिद्ध ब्रिटिश सिद्धांत भौतिकविद, ब्रह्मांडविद और लेखक थे। उनका जन्म 1942 में ऑक्सफोर्ड, इंग्लैंड में हुआ था और उनकी मृत्यु 2018 में इंग्लैंड के कैम्ब्रिज में हुई। हॉकिंग ने ब्लैक होल, ब्रह्मांडविज्ञान और ब्रह्मांड की उत्पत्ति के अध्ययन में महत्वपूर्ण योगदान दिए। वे शायद “ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम” जैसी किताब के लिए सर्वाधिक जाने जाते हैं, जिसमें बड़े बैंग और ब्लैक होल्स जैसे जटिल वैज्ञानिक अवधारणाओं को सामान्य जनता को समझाया गया है। 21 वर्ष की आयु में एमायोट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस (एएलएस) का निदान होने के बावजूद, हॉकिंग ने अपने जीवन के दौरान काम करते रहे और वैज्ञानिक अविष्कारों की प्राप्ति की, जिससे वह दृढ़ता का प्रतीक बन गए और पूरी दुनिया में करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गए।
क्या आप स्टीफन हॉकिंग के बारे में कुछ चौका देने वाले तथ्यों के बारे में जानते हैं?
आइए, हम आपको बताते हैं स्टीफन हॉकिंग के बारे में 20 रोचक तथ्य-
स्टीफन हॉकिंग के बारे में 20 ज्ञानवर्धक तथ्य – Facts About Stephen Hawking in Hindi
बचपन और परिवार.
1. महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग का जन्म 1942 ईसवी में इंग्लैंड में हुआ था। वो पढ़े-लिखे परिवार में पैदा हुए थे। उनके माता और पिता दोनों Oxford University से शिक्षा ग्रहण कर चुके थे।
2. हॉकिंग अपने डॉक्टर पिता फ्रेंक द्वारा गोद लिए एक पुत्र और अपनी दो बहनों में सबसे बड़े थे।
3. जब हॉकिंग स्कूल में थे तब वो math और science में काफी रूचि लेते थे। बचपन से ही हॉकिंग असीम बुद्धिमत्ता से भरे हुए थे जो लोगो को चौका देती थी । कई बार तो लोग उन्हें “आइंस्टाइन” कह कर पुकारते थे।
4. स्टीवन हॉकिंग Oxford University में गणित की डिग्री हासिल करना चाहते थे पर उस समय University में math की डिग्री नही दी जाती थी। इसलिए उन्होंने physics और chemistry की पढ़ाई का चयन किया और इसमें आसानी से डिग्री हासिल कर ली।
5. Oxford University में physics और chemistry की स्नातक स्तर की पढ़ाई (graduation) पूरी करने के बाद स्टीफन हॉकिंग ने Phd की डिग्री हासिल करने के लिए Cambridge University में दाखिला ले लिया।
लाइलाज़ बिमारी – न्यूरॉन मोर्टार डीसीस
6. जब हॉकिंग 21 साल के थे, तब वो छुट्टियां मनाने अपने घर आए हुए थे कि अचानक एक दिन सीढ़ियो से उतरते वक्त उन्हें बोहोशी महसूस हुई। जब डॉक्टर को दिखाया गया, तो उसने थोड़ी बहुत कमज़ोरी बताई। पर स्टीफन की समस्या दिन ब दिन बढ़ती ही जा रही थी, वो कोई भी काम ढंग से नही कर पाते थे। उनका शरीर जल्दी ही जवाब देने लगता था।
7. स्टीफन हॉकिंग को जब बड़े डॉक्टर के पास दिखाया गया तो पता चला कि स्टीफन को “ न्यूरॉन मोर्टार डीसीस ” नामक अनुवाशिंक बिमारी है, जिसका कोई इलाज नहीं। इस बिमारी में व्यक्ति के सभी अंग धीरे-धीरे काम करना बंद कर देते है और एक दिन सांस की नली बंद हो जाने से व्यक्ति की मौत हो जाती है।
8. डॉक्टरो ने कहा कि स्टीफन अब ज्यादा से ज्यादा सिर्फ 2 साल के मेहमान हैं। पहले तो स्टीफन को यह खबर सुन कर धक्का सा लगा पर जल्द ही उन्होंने अपने आप को संभाल लिया और उन्होंने कहा की मैं 2 नहीं, 20 नहीं पूरे 50 सालो तक जियूँगा और आज अपने आत्मविश्वास के बल पर स्टीफन 75 साल के हैं।
9. जब स्टीफन को अपनी बिमारी के बारे में पता चला था, तो उन्हीं दिनों उन्हें एक लड़की जेन वाइल्ड से प्यार हो गया जिससे उन्होंने शादी कर ली। अपने काम और जेन वाइल्ड के प्यार के कारण हॉकिंग को जीने का एक कारण मिल गया था।
ब्लैक होल और हॉकिंग रेडिएशन
10. स्टीफन हॉ़किंग ने अपनी रिसर्च का ज्यादातर समय ब्लैक होलज़ और स्पेस-टाइम के सिद्धातों पर शोध में बिताया। उन्होंने इस संबंध में कई पत्र भी प्रकाशित किए जिससे वो वैज्ञानिक दुनिया में एक बड़ा नाम बनने लगे और उनकी ख्याति पूरी दुनिया में फैलनी लगी।
11. उनकी सबसे प्रसिद्ध खोज़ थी जब उन्होंने साबित किया था कि ब्लैक होल से भी कुछ मात्रा में रेडियशन निकलती है। इससे पहले यह माना जाता था कि ब्लैक होलज़ के शक्तिशाली गुरूत्वाकर्षण की वजह से कुछ भी उससे नही निकलता था। आज ब्लैक होल्ज़ से निकलने वाली रेडियशन को हॉकिंग रेडिएशन कहा जाता है।
12. एक तरफ जब स्टीफन विज्ञान की दुनिया में एक बड़ा नाम बनते जा रहे थे तो दूसरी और उनका शरीर साथ छोड़ता चला गया। पहले तो उनके शरीर का दाहिना हिस्सा ख़राब हो गया और फिर जल्द ही बाएं हिस्से ने भी साथ छोड़ दिया। बीमारी बढ़ने पर उन्हें व्हील चेयर की जरूरत हुई , उन्हें वो भी दे दी गयी और उनकी ये चेयर तकनिकी रूप से काफी सुसज्जित है।
A Brief History of Time किताब
13. स्टीफन किताबें पढ़ना और लिखना काफी पसंद करते है। साल 1998 में प्रकाशित हुई उनकी किताब A Brief History of Time ने पूरी दुनिया में तहलका मचा दिया। इस किताब में उन्होंने ब्रह्माण्ड विज्ञान के मुश्किल विषयों जैसे कि महाविस्फोट का सिद्धांत (Big Bang Theory) और ब्लैक होल को इतने सरल तरीके से बताया कि एक साधारण पाठक भी उसे आसानी से समझ सकता है।
14. स्टीफन हाकिंग की इस किताब की लाखों प्रतियां हाथो-हाथ बिक गई। पर साथ ही उन्हें काफी विरोध का सामना भी करना पड़ा क्योंकि उन्होंने इस किताब में ईश्वर के अस्तित्व को नकारा था।
स्टीफन हॉकिंग से जुड़े अन्य रोचक तथ्य
15. आपको जानकर हैरानी होगी कि स्टीफन का जन्म आधुनिक विज्ञान के पिता गैलीलियो की मौत के ठीक 300 साल बाद हुआ। गैलीलियो की मृत्यु 8 जनवरी 1642 को हुई थी और स्टीफन का जन्म 8 जनवरी 1942 को।
16. सन 1995 में उनकी पहली पत्नी जेन वाइल्ड ने उन्हें तलाक दे दिया और हॉकिंग की दूसरी शादी हुई इलियाना मेसन से जिन्होंने उन्हें 2006 में तलाक दिया। इन दो पत्नियों से उन्हें तीन बच्चे हुए है।
17. हॉकिंग का IQ 160 है जो किसी जीनियस से भी कहीं ज्यादा है।
18. 2007 में उन्होंने अंतरिक्ष की सैर भी की । जिसमे वो शारीरिक तौर पे “फिट “ पाए गए।
19. एक बार उनसे पूछा गया था कि “आप एक ब्रिलिएंट फिजिसिस्ट के तौर पर मशहूर हैं, आपकी ऐसी कौन सी आम रुचियां हैं, जो शायद लोगों को हैरान कर सकती हैं?” इसके जवाब में उन्होंने कहा, “मुझे हर तरह का संगीत पसंद है, पॉप, क्लासिकल और ऑपेरा, हर तरह का। मैं अपने बेटे टिम के साथ मिलकर फॉर्मूला वन रेसिंग का भी मजा लेता हूं।”
20. हॉकिंग का 76 वर्ष की आयु में 14 मार्च 2018 को कैम्ब्रिज में उनके घर पर निधन हो गया। उनके परिवार का कहना था कि वो बिलकुल ‘शांति से विलीन हुए’।
स्टीफन हॉकिंग के अनमोल विचार
“हमें सबसे अधिक महत्त्व का काम करने का प्रयास करना चाहिए।”
“मैं मौत से नहीं डरता, लेकिन मुझे मरने की कोई जल्दी नहीं है। मेरे पास पहले करने के लिए इतना कुछ है।”
“मेरे पास इतना कुछ है जो मैं करना चाहता हूँ। मुझे समय बर्वाद करने से नफरत है।”
“चाहे ज़िन्दगी जितनी भी मुश्किल लगे, आप हमेशा कुछ न कुछ कर सकते हैं और सफल हो सकते हैं।”
“यदि आप हमेशा गुस्सा या शिकायत करते हैं तो लोगों के पास आपके लिए समयलनहीं रहेगा।”
“मैंने देखा है वो लोग भी जो ये कहते हैं कि सब कुछ पहले से तय है , और हम उसे बदलने के लिए कुछ भी नहीं कर सकते, वे भी सड़क पार करने से पहले देखते हैं।”
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Reader interactions.
Vikas jat says
June 18, 2019 at 11:23 pm
No.o aabhi mare nahi he,,,
deelip singh rajput says
September 26, 2018 at 6:06 pm
I am intrest this story i like his great men
जितेन्द्र says
July 10, 2018 at 7:25 pm
अब ये वैज्ञानिक भगवान को प्यारे हो गये हैं
laxman garg says
June 6, 2018 at 8:30 pm
kya unki liki kitab hindi me net par mil sakti he kya.
Sahil kumar says
June 7, 2018 at 9:57 am
हां, उनकी लिखी ‘समया का संक्षिप्त इतिहास’ हिन्दी में Amazon पर उपलब्ध है।
Rishikant kishwah says
June 1, 2018 at 3:37 pm
Hii, sahil it is very good and thanks for this information and you are doing well
Rushi (R.K) says
May 7, 2018 at 1:46 pm
hii sahil kumar ji I think it is very good hoby as wel as it also can helpful for our future. Its really inspireble Great Collection keep it up Thanks a lot.
Rakesh chhetri says
April 20, 2018 at 3:57 am
Hi sahil ji bohut achha laga phadkar.
Mohammad Arif says
April 15, 2018 at 11:57 am
Stephen hawking sir You are Great I Love You sir
Virendra maurya says
April 2, 2018 at 10:57 pm
Nice post sir ji bahut achhi jankari di hi Stephen Hawking ke bare mein padh ke achha laga . jo ek acche vaigyanik the .
preeti sharma says
March 15, 2018 at 4:20 pm
he is 76 years old. Not 75
March 15, 2018 at 9:33 pm
पोस्ट लिखते समय उनकी उम्र इतनी ही थी।
edwardsmith says
March 15, 2018 at 3:56 am
Great sir, thank u for the information
Gaurav says
March 14, 2018 at 11:32 pm
Accirding to me agar wo shadi nahi karte to ve almost 3 yeARS me body ko end kar dete but shadi ke bad ak person me ajeeb si shakti ka shubaaramb hota jo kafi bimariyo se ladne ki shakti deta hai isliye vo 50 years se aur ji uthe thanks GOD aapne is scientist ko lambi jindagi di
March 21, 2018 at 9:37 pm
Wtf don’t thank to God for hawking’s life Stephen never believed in God
Rand hire Mishra says
March 14, 2018 at 8:18 pm
I am biggest fan of sir Stephen Hocking. .love you
Nitish Kumar says
March 14, 2018 at 1:43 pm
I am the biggest biggest fan of sir stephen hawking i love you sir…..
Mustkeem khokhar says
January 19, 2018 at 9:28 pm
great ..thank you
Rocky Bishnoi says
January 17, 2018 at 5:16 pm
I am big fan of Stephen hacwking
kapil sharma says
December 19, 2017 at 8:51 pm
i am the biggest biggest fan of sir stephen hawking i love you sir…..
KANHAIYA SINGH says
December 15, 2017 at 3:32 pm
AGAR DUNIYA MAI PHYSICS NAHI HOTI TO HUM BICYCLE SE LEKAR AEROPLANE TAK NAHI PAHUCH PATE
Ashish kumar gupta says
November 22, 2017 at 10:03 am
In Your Article Very Valuable Topics are to Read.
hareram Kumar says
November 1, 2017 at 8:27 am
Bahut achchha laga steefan Hawking’s ke bare jankar
sanjay says
October 19, 2017 at 1:57 pm
bahut achha laga !!!!!
Raman kumar swain says
September 30, 2017 at 9:03 pm
Nirupma says
September 1, 2017 at 4:18 pm
बहुत अच्छा लगा
April 18, 2017 at 3:38 pm
physical capability ko hi sabkuch manne valo ke liye stephin ek misal h. inhone sabit kar diya ki ek ability me kami hone par dusri ability ko ubharna chahiye. thanks sir is article k liye
Sohan Cena says
October 25, 2017 at 12:10 pm
Yeh tou sahi hai sir but yeh baat sirf physical capabolity balo k liye nahi jo chal phir skte h unke liye bhi h agr yeh kr skte h tou hum kyu nahi
yashpal singh says
April 10, 2017 at 2:24 pm
Its good to read about Mr Haking and his dedication towards to do busy in work and avoid to waste time.
Shubham Gupta says
April 9, 2017 at 7:35 pm
Hii Sahil ji.
Anonymous says
April 9, 2017 at 8:33 am
Sahil kumar ji america main jo antakwadi laden ne hamla kia tha uske bare main sari jankari dijie please
Home » Biography Hindi » स्टीफन हॉकिंग की जीवनी Biography Of Stephen Hawking In Hindi
स्टीफन हॉकिंग की जीवनी Biography Of Stephen Hawking In Hindi
इस पोस्ट Biography Of Stephen Hawking In Hindi में स्टीफन हॉकिंग की जीवनी पर अध्ययन करेंगे। स्टीफन हॉकिंग एक प्रसिद्ध भौतिकशास्त्री और दूरदर्शी थे। हॉकिंग का जीवन किसी प्रेरणा से कम नही है। विज्ञान जगत को स्टीफन हॉकिंग का योगदान अतुलनीय है। तो आइये दोस्तों, स्टीफन हॉकिंग के बारे में जानकारी और विज्ञान के क्षेत्र में उनके योगदान पर प्रकाश डालते है।
स्टीफन हॉकिंग की जीवनी Biography Of Stephen Hawking In Hindi
स्टीफन हॉकिंग (Stephen Hawking) का जन्म इंग्लैंड में 1942 में ऑक्सफोर्ड शहर में हुआ था। स्टीफन हॉकिंग का पूरा नाम स्टीफन विलियम हॉकिंग था। स्टीफन हॉकिंग के पिता का नाम फ्रेंक हॉकिंग था और वो एक शोधकर्ता थे। हॉकिंग के पिता चिकित्सा के क्षेत्र में शोध करते थे। स्टीफन की माता का नाम इसाबोल था जो चिकित्सा अनुसंधान संस्थान में बतौर सचिव कार्यरत थी।
हॉकिंग की प्रारंभिक पढ़ाई सेंट अलबान के ही एक स्कूल में हुई थी। स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद स्टीफन हॉकिंग ने 17 वर्ष की आयु में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया। यहां पर भौतिक विषय मे अपनी पढ़ाई पूरी की थी।स्टीफन को शुरू से ही गणित विषय मे रुचि थी लेकिन घर वाले चाहते थे कि वो भौतिक पढे। उन्होंने भौतिकी में ग्रेजुएशन पूरी करने के बाद केम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में प्रवेश लिया और अपनी आगे की पढ़ाई पूरी की। केम्ब्रिज में ही स्टीफन हॉकिंग ने यूनिवर्स साइंस में अपना पहला अनुसंधान किया।
स्टीफन हॉकिंग के बारे में जानकारी Stephen Hawking Information In Hindi
साल 1963 का समय था जब स्टीफन हॉकिंग सिर्फ 21 साल के थे। इस समय उन्हें एक लाइलाज बीमारी ने जकड़ लिया। इस बीमारी का नाम अमियोट्रोपिक लेटरल स्क्लेरोसिस था। इस बीमारी में रोगी के अंग एक एक करके कार्य करना बंद कर देते है। इस बीमारी का पता चलने के बाद भी स्टीफन ने हार नही मानी और अपनी पढ़ाई पूरी की। स्टीफन ने अपनी पूरी जिंदगी इसी बीमारी से लड़कर गुजारी।
हॉकिंग के शरीर ने जल्द ही काम करना बंद कर दिया और व्हीलचेयर पर अपनी पूरी जिंदगी गुजारी थी। हॉकिंग के शरीर ने तो कार्य नही किया लेकिन उनका दिमाग उनके मरने तक एक्टिव रहा। वर्ष 1965 को स्टीफन हॉकिंग ने पीएचडी पूरी की जिसका शीषर्क था “प्रॉपर्टीज ऑफ एक्सपैंडिंग यूनिवर्स”।
स्टीफन हॉकिंग की पत्नी का नाम जेन वाइल्ड था जिनसे स्टीफन को तीन बच्चे हुए। जेन को हॉकिंग की इस लाइलाज बीमारी का पता था लेकिन फिर भी जेन ने स्टीफन से शादी की थी। साल 1995 में स्टीफन हॉकिंग ने जेन से तलाक ले लिया। हॉकिंग ने दूसरा विवाह ऐलेन मेसन से किया था जो 2016 तक चला।
स्टीफन हॉकिंग की उपलब्धियां और योगदान
1972 में स्टीफन ने एक पुस्तक लिखी जिसका शीर्षक “द लार्ज स्केल स्ट्रक्चर ऑफ स्पेस टाइम” था। यह पुस्तक स्टीफन ने केम्ब्रिज में रहकर ही लिखी थी। वर्ष 1974 में स्टीफन हॉकिंग को रॉयल सोसाइटी का सदस्य चुना गया था। साल 1979 में स्टीफन हॉकिंग को कैम्ब्रिज में लुकासियन प्रोफेसर के पद पर नियुक किया गया। इस पद पर वर्ष 2006 तक उन्होंने कार्य किया था।
स्टीफन हॉकिंग को अपने किये गए कार्यो के लिए कई सम्मान और पुरस्कार मिले थे। स्टीफन ने अपने पूरे कैरियर में कुल 13 मानद डिग्रीयां प्राप्त की थी। वर्ष 1966 में स्टीफन को एडम्स पुरस्कार दिया गया था। वर्ष 1978 में हॉकिंग को अल्बर्ट आइंस्टीन मैडल से सम्मानित किया गया था। वर्ष 1988 में हॉकिंग को वुल्फ पुरस्कार से भी नवाजा गया था।
हॉकिंग ने अपने जीवन में कई शोध किये थे। उनके शोध और कार्य ब्रह्माण्ड से सम्बंधित थे। उनके एक शोध के अनुसार स्पेस और टाइम ब्रह्माण्ड के जन्म से है। ब्लैक होल में इनका अस्तित्व खत्म हो जाता है। स्टीफन हॉकिंग ने आइंस्टीन की “ थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी ” पर भी काफी शोध किया। ब्लैक होल का कांसेप्ट हॉकिंग ने बहुत अच्छे तरीके से समझाया। क्वांटम थ्योरी पर भी हॉकिंग ने शोधकार्य किया था। स्टीफन हॉकिंग ने शोध करके बताया था कि ब्लैक होल से रेडिएशन निकलती है। इसे हॉकिन्स रेडिएशन कहते है।
स्टीफन हॉकिंग पुस्तके Stephen Hawking In Hindi –
हॉकिंग ने अपने पूरे जीवन मे कई पुस्तके लिखी थी। 1988 में लिखी गयी “ऐ ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम” नामक पुस्तक में पृथ्वी की उत्पत्ति की थ्योरी बिग बैंग और ब्लैक होल को समझाया था। “ब्लैक होल एंड बेबी यूनिवर्स” पुस्तक स्टीफन हॉकिंग ने 1993 में लिखी थी। इस पुस्तक में हॉकिंग ने विस्तारपूर्वक बताया था। हॉकिंग के द्वारा लिखी गयी एक और पुस्तक “द यूनिवर्स इन ए नटशेल” भी काफी प्रसिद्ध है। इसके अलावा “द ग्रेट डिज़ाइन” नामक पुस्तक भी काफी सफल और मशहूर है।
स्टीफन हॉकिंग को भगवान में यकीन नही था यानीकि वो नास्तिक थे। स्टीफन हॉकिंग ने अपने जीवन के करीब 53 साल व्हीलचेयर पर गुजारे थे। डॉक्टर्स ने बीमारी का पता लगने पर कहा था कि वो कुछ ही साल जिंदा रह पाएंगे। यह उनका जज्बा ही था कि वो लाइलाज बीमारी के बावजूद इतने साल जिंदा रहे। हॉकिंग 76 साल की उम्र में 14 मार्च 2018 को दुनिया छोड़कर चले गए। स्टीफन हॉकिंग पर हॉलीवुड में एक बेहतरीन मूवी बन चुकी है जिसका नाम द थ्योरी ऑफ एवरीथिंग था।
अन्य वैज्ञानिकों की जीवनी –
- सर आइजेक न्यूटन की जीवनी
- अल्बर्ट आइंस्टीन की जीवनी
Note:- स्टीफन हॉकिंग की जीवनी Biography Of Stephen Hawking In Hindi और स्टीफन हॉकिंग के बारे में जानकारी आपको कैसी लगी। यह आर्टिकल “Information About Stephen Hawking In Hindi” अच्छा लगा हो तो इसे शेयर करे।
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क्यों स्टीफन हाकिंग ने लिखा- न कोई भगवान होता है और न ही कोई किस्मत
मशहूर भौतिक विज्ञानी और अंतरिक्ष विशेषज्ञ स्टीफन हाकिंग (Stephen Hawking) की जिंदगी का बड़ा हिस्सा व्हीलचेयर पर बीता, त ...अधिक पढ़ें
- Last Updated : November 16, 2021, 11:53 IST
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भगवान कहीं नहीं है. किसी ने दुनिया नहीं बनाई और कोई हमारी किस्मत नहीं लिखता है. नास्तिक माने जाने वाले खगोलशास्त्री स्टीफन हॉकिंग ने अपनी आखिरी किताब में यही लिखा. हॉकिंग की इस किताब में कई यूनिवर्स के बनने, एलियन इंटेलिजेंस, स्पेस कोलोनाइजेशन और आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस जैसे कई जरूरी सवालों के जवाब दिए गए हैं. उन्होंने अपनी आखिरी किताब में भगवान के अस्तित्व को मानने से इनकार कर दिया.
हॉकिंग की किताब में कई बड़े सवालों के जवाब हैं. उनकी किताब में लिखा है, ‘सदियों से यह माना जाता रहा है कि मेरे जैसे डिसेबल लोगों पर भगवान का श्राप होता है. लेकिन मेरा मानना है कि मैं कुछ लोगों को निराश करूंगा लेकिन मैं यह सोचना ज्यादा पसंद करूंगा कि हर चीज की व्याख्या दूसरे तरीके से की जा सकती है.’
क्या वहां भगवान है वैसे हॉकिंग की इस किताब का नाम ही है क्या वहां भगवान है?. हॉकिंग ने लिखा, ‘मेरी भविष्यवाणी है कि हम इस सेंचुरी के खत्म होते-होते भगवान के दिमाग को समझने लगेंगे.यह मेरा मानना है कि भगवान नहीं है. किसी ने यूनिवर्स नहीं बनाया. न ही कोई हमारी किस्मत चलाता है.
स्टीफन हॉकिंग ने 80 के दशक से आखिर से साफतौर पर ये कहना शुरू कर दिया कि भगवान का कोई अस्तित्व नहीं होता. वो अपनी बातें तर्क के आधार पर रखते थे. अपनी आखिरी किताब में तो उन्होंने इस पर खुलकर लिखा.
क्या मरने के बाद जीवन है वह आगे लिखते हैं इससे मुझे इस बात का पूरा अहसास है कि न तो कोई स्वर्ग है और न ही मरने के बाद कोई जीवन. मेरा मानना है कि मरने के बाद जीवन है-यह सोचना सिर्फ आपका खुशनुमा विचार हो सकता है. इसके लिए कोई भरोसेमंद साक्ष्य नहीं है. हॉकिंग की मौत के बाद उनके एस्टेट ने प्रोजेक्ट पूरा करके किताब पब्लिश करने का फैसला लिया.
दुनियाभर में लोगों के दिलों में जगह बनाई स्टीफन हॉकिंग ऐसे वैज्ञानिक हैं, जिन्होंने आधुनिक दुनिया में ईश्वर की सत्ता को नकार दिया. अल्बर्ट आइंस्टीन के बाद स्टीफन हॉकिंग ही एक वैज्ञानिक के तौर पर दुनियाभर में लोगों के दिलों में अपनी जगह बना पाए. 21 वर्ष की उम्र में उन्हें मोटर न्यूरॉन नाम की बीमारी हुई. ऐसा लग रहा था कि वे अपनी पीएचडी नहीं पूरी कर पाएंगे, लेकिन सभी कयासों को गलत साबित कर वह 76 सालों तक जिए.
स्टीफन हॉकिंग को हमेशा लगता रहा कि उन्हें जो कुछ मिला वो उनकी विकलांगता के चलते मिला. हालांकि उन्होंने अंतरिक्ष को लेकर कई अहम थ्योरीज दीं और हमारी धारणाओं को तोड़ा.
14 मार्च, 2018 को स्टीफन हॉकिंग का निधन हो गया. वो ब्रिटेन के ऑक्सफोर्ड में 8 जनवरी, 1942 को जन्मे थे. उनके पिता एक चिकित्सा विज्ञानी थे जबकि मां दर्शनशास्त्र की स्नातक. स्टीफन हॉकिंग ने लंदन के पास स्थित संत अलबांस स्कूल में शुरुआती पढ़ाई की. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से भौतिकी में प्रथम श्रेणी की डिग्री हासिल की. उनके शोध की शुरुआत 1962 से हुई. कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में एक स्नातक के तौर पर उनका नामांकन हुआ.
80 के दशक से भगवान के अस्तित्व पर सवाल उठाना शुरू किया 80 के दशक के आखिर में उन्होंने भगवान के अस्तित्व पर सवाल उठाया. लेकिन ये सही है कि हाकिंग की बातों को दुनिया ने कभी नहीं नकारा. उनकी किताबों की बिकने की गारंटी हमेशा रहती थी. उनकी सारी किताबें हमेशा बेस्ट सेलर रहीं. जहां भी वो भाषण देने जाते थे, वहां हमेशा पूरी सीटें पहले से रिजर्व हो जाती थीं. उनकी बातें लोग ध्यान से सुनते थे.
हाकिंग को हमेशा अपनी सफलता पर संदेह होता था हालांकि उनको हमेशा लगता रहा कि उन्हें जो कुछ मिला, वो उनकी योग्यता से नहीं बल्कि उनकी विकलांगता की वजह से मिला. वह हमेशा कहते थे कि लोग उन्हें उनके काम की वजह से याद करें.
अंतरिक्ष पर हमारी धारणाओं को बदला हो सकता है कि हाकिंग हमारे समय से महान साइंटिस्ट नहीं रहे हों लेकिन वो महत्वपूर्ण भौतिक विज्ञानी जरूर थे, जिन्होंने अंतरिक्ष के बारे में हमारी बहुत सी धारणाओं को तोड़ा और साइंस के आधार पर नई थ्योरीज बताईं.
Tags: Stephen hawking
10 मोटिवेशनल किताबें जो आपको ज़रूर पढ़नी चाहिएं
महान भौतिक विज्ञानी स्टीफन हॉकिंग का प्रेरणादायी जीवन.
Last Updated: March 17, 2018 By Gopal Mishra 40 Comments
मै अभी और जीना चाहता हूँ।
ये कथन किसी और के नहीं विश्व के महान वैज्ञानिकों में से एक स्टीफन हॉकिंग के हैं, जो उन्होंने अपने 70 वें जन्म दिन के दिन कहे थे, जिसे सुन के दुनिया एक पल के लिए अचंभित सी रह गयी। आइये आज हम इस प्रतिभावान वैज्ञानिक के प्रेरणादायक जीवन के बारे में जानते हैं ।
8 जनवरी सन_ 1942 के दिन इंग्लैंड के ऑक्सफ़ोर्ड शहर में फ्रेंक और इसाबेल हॉकिंग दंपत्ति के यहाँ स्टीफन विलियम हॉकिंग का जन्म हुआ, गौरतलब है कि विश्व के एक अन्य महान वैज्ञानिक गलीलियो गेलीली और स्टीफन हॉकिंग की जन्म तिथि एक ही है।बचपन से ही हॉकिंग असीम बुद्धिमत्ता से भरे हुए थे जो लोगो को चौका देती थी । हॉकिंग अपने पिता फ्रेंक द्वारा लिए एक दत्तक पुत्र और अपनी दो बहनों में सबसे बड़े थे।उनके पिता डॉक्टर थे और माँ एक हाउस वाइफ थीं। स्टीफन हॉकिंग की बुद्धि का परिचय इसी बात से लगाया जा सकता है की बचपन में लोग उन्हें “आइंस्टीन” कह के पुकारते थे।
- ज़रूर पढ़ें: महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग के 47 अनमोल विचार
जब हॉकिंग पैदा होने वाले थे तब उनका परिवार लन्दन में था लेकिन दुसरे विश्व युद्ध के कारण वो ऑक्सफ़ोर्ड में आके बस गए, और 11 साल बाद सेंट एलेबेस में आ गए जहा हॉकिंग की शुरुआती शिक्षा हुई ।बचपन से ही स्टीफन गणित विषय में गहरी रूचि थी ,लेकिन उनके पिता उन्हें डॉक्टर बनाना चाहते थे ।खैर उस समय गणित विषय न होने के कारण उन्होंने आगे की पढाई भौतिकी विषय लेकर शुरू की और आगे जा के भारतीय वैज्ञानिक “जयंत नार्लीकर “ के सलाह से उन्होंने अपने मनपसंद विषय गणित को ध्यान में रख कर कोस्मोलोजी विषय का चयन किया ।उन्होंने अपनी पी.एच.डी के लिए ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी की परीक्षा पास की और अपनी आगे की पढाई शुरू की।
जब वो 21 साल के थे तो एक बार छुट्टिय मानाने के मानाने के लिए अपने घर पर आये हुए थे , वो सीढ़ी से उतर रहे थे की तभी उन्हें बेहोशी का एहसास हुआ और वो तुरंत ही नीचे गिर पड़े।उन्हें डॉक्टर के पास ले जायेगा शुरू में तो सब ने उसे मात्र एक कमजोरी के कारण हुई घटना मानी पर बार-बार ऐसा होने पर उन्हें बड़े डोक्टरो के पास ले जाया गया , जहाँ ये पता लगा कि वो एक अनजान और कभी न ठीक होने वाली बीमारी से ग्रस्त है जिसका नाम है न्यूरॉन मोर्टार डीसीस ।इस बीमारी में शारीर के सारे अंग धीरे धीरे काम करना बंद कर देते है।और अंत में श्वास नली भी बंद हो जाने से मरीज घुट घुट के मर जाता है।
डॉक्टरों ने कहा हॉकिंग बस 2 साल के मेहमान है। लेकिन हॉकिंग ने अपनी इच्छा शक्ति पर पूरी पकड़ बना ली थी और उन्होंने कहा की मैं 2 नहीं २० नहीं पूरे ५० सालो तक जियूँगा । उस समय सबने उन्हें दिलासा देने के लिए हाँ में हाँ मिला दी थी, पर आज दुनिया जानती है की हॉकिंग ने जो कहा वो कर के दिखाया ।
अपनी इसी बीमारी के बीच में ही उन्होंने अपनी पीएचडीपूरी की और अपनी प्रेमिका जेन वाइल्ड से विवाह किया तब तक हॉकिंग का पूरा दाहिना हिस्सा ख़राब हो चूका था वो stick के सहारे चलते थे ।
अब हॉकिंग ने अपने वैज्ञानिक जीवन का सफ़र शुरू किया और धीरे धीरे उनकी ख्याति पूरी दुनिया में फैलने लगी। लेकिन वही दूसरी और उनका शरीर भी उनका साथ छोड़ता चला गया धीरे – धीरे उनका बायाँ हिस्सा भी बंद पड़ गया।लेकिन उन्होंने इन सब चीजों पे ध्यान न देकर अपनी विज्ञान की दुनिया पे ही ध्यान दिया। बीमारी बढ़ने पर उन्हें व्हील चेयर की जरूरत हुई , उन्हें वो भी दे दी गयी और उनकी ये चेयर तकनिकी रूप से काफी सुसज्जित थी।
लोग यूँही देखते चले गए और हॉकिंग मौत को मात पे मात देते रहे ।। उनकी इच्छा शक्ति ने मानो उन्हें मृत्युंजय बना दिया हो । इसी बीच हॉकिंग तीन बच्चो के पिता भी बने। यही कहा जा सकता है हॉकिंग सिर्फ शारीरिक रूप से अपांग हुए थे ना की मानसिक रूप से । उन्होंने अपनी बीमारी को एक वरदान के रूप में लिया।वो अपने मार्ग पे आगे बढ़ते चले गए और दुनिया को दिखाते चले गये की उनकी इच्छा शक्ति और उनकी बुद्धि मत्ता कम नहीं आंकी जा सकती ।
उन्होंने ब्लैक होल का कांसेप्ट दुनिया को दिया, उन्होंने हॉकिंग रेडिएशन का विचार भी दुनिया को दिया । और उनकी लिखी गयी किताब “A BRIEF HISTORY OF TIME “ ने दुनिया भर के विज्ञान जगत में तहलका मचा दिया।
सन 1995 में उनकी पहली पत्नी जेन वाइल्ड ने उन्हें तलाक दे दिया और हॉकिंग की दूसरी शादी हुई इलियाना मेसन से जिन्होंने उन्हें 2006 में तलाक दिया। पहली से पत्नी तलाक मिलने का कारण यह मन जाता है की जेन एक धार्मिक स्त्री थी जबकि हॉकिंग हमेशा से भगवान के अस्तित्व को चुनौती देते थे।जिसके कारण दुनिया भर में हॉकिंग की काफी किरकिरी भी हुई लेकिन इन सब से दूर हॉकिंग अपनी खोजो पे आगे बढ़ते गये और दुनिया को बता दिया की अपंगता तन से होती है मन से नहीं।
हॉकिंग का IQ 160 है जो किसी जीनियस से भी कहीं ज्यादाहै। 2007 में उन्होंने अंतरिक्ष की सैर भी की । जिसमे वो शारीरिक तौर पे “फिट “ पाए गए। आज उन्हें भौतिकी के छोटे बड़े कुल 12 पुरस्कारों से नवाज़ा जा चूका है।लेकिन आज भी वो बस अपनी इच्छा शक्ति के दम पे अपनी जिन्दगी जिए जा रहे है और हमारी यही दुआ है की वो ऐसे ही जीते रहे और हमे नित नयी खोजों से अवगत कराते रहें।
बड़े दुःख के साथ हमें इस पोस्ट को अपडेट करना पड़ रहा है कि 14 मार्च 2018 को 76 साल की उम्र में उनका निधन हो गया।
Ahmedabad, Gujarat
We are grateful to Mr. Rishish Pandey for sharing this Hindi Article on inspirational life of great physicist Stepehen Hawking .
यदि आपके पास Hindi में कोई article, inspirational story या जानकारी है जो आप हमारे साथ share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें. हमारी Id है: [email protected] .पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ PUBLISH करेंगे. Thanks!
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May 30, 2023 at 12:16 pm
he was unbelievable person on earth
July 31, 2018 at 12:37 pm
True inspirational story. Perfect Writing. Keep writing like this to motivate people. Good Job !
March 28, 2018 at 11:08 pm
I think stephen sir is big example to present youngers bcuse youngers easily looseout in difficulty by stephen hawaking has proved it….. Nothing is impossible in this world
So believe your self
March 16, 2018 at 7:28 pm
this is not only story its true inspiration human on earth..
March 14, 2018 at 10:38 pm
very god thanks for shairing
July 27, 2017 at 8:39 pm
sir you write so nice words for Stephen hawking
June 23, 2017 at 6:45 pm
yas sir r u ginious i no say in words than many people live on earth now i wt say u role modle of my life iread your book a brif history of time thn its fanastic thanks for it thanks
March 22, 2017 at 11:51 am
sir Hawking is a genius person he is a role model.
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- 14 मार्च 2020,
- (अपडेटेड 14 मार्च 2020, 10:26 AM IST)
दुनिया के महान वैज्ञानिकों में से एक स्टीफन हॉकिंग का निधन आज ही रोज 76 साल की उम्र में 14 मार्च 2018 को हुआ था. 21 साल की उम्र में स्टीफन हॉकिंग एक भयानक बीमारी की चपेट में आ गए थे. जिसके बाद उनके डॉक्टरों ने कह दिया था कि वो दो साल से ज्यादा नहीं जी पाएंगे, लेकिन 50 से ज्यादा साल जीने के दौरान हॉकिंग ने अपने डॉक्टरों की भविष्यवाणी को गलत साबित कर दिया था.
आपको बता दें, वे अपनी शारीरिक अक्षमता के बावजूद विश्व के सबसे बड़े वैज्ञानिक थे. उन्हें मोटर न्यूरॉन नाम की बीमारी थी. इस बीमारी में मनुष्य का नर्वस सिस्टम धीरे-धीरे खत्म हो जाता है और शरीर के मूवमेंट करने और कम्यूनिकेशन पावर समाप्त हो जाती है. स्टीफन हॉकिंग के दिमाग को छोड़कर उनके शरीर का कोई भी भाग काम नहीं करता था.
स्टीफन विलियम हॉकिंग का जन्म 8 जनवरी, 1942 को इंग्लैंड के ऑक्सफोर्ड में हुआ था. उन्होंने अपने जीवन में स्पेस-टाइम को लेकर कई शोध किए. उन्होंने कई सिद्धांतों को समझाया है, जिसमें बिंग बैंग थ्योरी और ब्लैक होल थ्योरी आदि शामिल है. उनकी जिंदगी पर आधारित एक फिल्म 'द थिअरी ऑफ एवरीथिंग' भी रिलीज हुई थी.
आइए जानते हैं उनके कुछ शोध के बारे में...
ब्लैक होल का सिद्धांत (1971-74)- स्टीफन हॉकिंग ने ब्लैक होल को लेकर कई शोध किए. उनके पहले सिद्धांत के अनुसार, ब्लैक होल का कुल सतह क्षेत्र कभी भी छोटा नहीं होगा. एक अन्य सिद्धांत के अनुसार ब्लैक होल गर्म होता है.
कॉस्मिक इन्फ्लेशन थ्योरी (1982)- यह सिद्धांत साल 1980 में एलन गुथ (Alan Guth) द्वारा दिया गया था. बाद में उन्होंने बताया कि पदार्थ के वितरण में कम बदलाव होता है अर्थात इन्फ्लेशन के दौरान यह ब्रह्मांड में आकाशगंगाओं के प्रसार को जन्म दे सकता है.
यूनिवर्स का वेव फंक्शन पर मॉडल (1983)- स्टीफन हॉकिंग गुरुत्वाकर्षण के एक क्वांटम थ्योरी की स्थापना में रुचि रखते थे, लेकिन जेम्स हार्टले के साथ उन्होंने 1983 में हार्टले-हॉकिंग स्टेट मॉडल प्रकाशित किया था. यह सिद्धांत कहता है कि समय महाविस्फोट से पहले मौजूद नहीं था और इसलिए ब्रह्मांड की शुरुआत की अवधारणा अर्थहीन है.
टॉप-डाउन थ्योरी (2006)- हॉकिंग का कहना है कि ब्रह्मांड में गुरुत्वाकर्षण जैसी शक्ति है इसलिए वह नई रचनाएं कर सकता है उसके लिए उसे ईश्वर जैसी किसी शक्ति की सहायता की आवश्यकता नहीं है.
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स्टीफन हॉकिंग का जीवन परिचय | Stephen Hawking Biography In Hindi
स्टीफन हॉकिंग का जीवन परिचय, जन्म, शिक्षा, करियर, शादी, पुरस्कार, मृत्यु , कई किताबें लिखी गई, नेटवर्क ( Stephen Hawking Biography In Hindi, Birth, career , Marriage , Awards, Death, Books net worth)
Stephen Hawking Biography In Hindi : नमस्कार दोस्तों, आज की इस लेख में हम दुनिया के ऐसे महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग के बारे में बताएंगे। जिनके बारे में जानकारी आपके अंदर एक नई ऊर्जा का संचार होगा।
मशहूर वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग ने विज्ञान के क्षेत्र में काफी ज्यादा योगदान दिया है। अपनी काबिलियत के दम पर उन्होंने कई ऐसे कारनामे भी किए हैं। की दुनिया को अपने ऊपर गर्व करने के लिए उन्होंने कई बार आप सर दिए हैं।
वैसे तो इस महान वैज्ञानिक का जीवन काफी कठिनाइयों से भरा हुआ था लेकिन अपने दम और मेहनत के 7 वैज्ञानिक बनने का सपना भी पूरा किया था। उन्होंने विज्ञान के क्षेत्र में ऐसे अनगिनत योगदान दिए हैं। जिनके बारे में जितना भी बताया जाए उतना कम है।
उनके योगदान के चलते हैं सब चीजों की भी खोज हुई है जिसकी वर्तमान समय में कोई कल्पना भी नहीं कर सकता है। उन्होंने अपने जन्मदिन पर कहा था कि “ मैं अभी और जीना चाहता हूं” यह कथन विश्व के महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग का है।
जिसे सुनने के बाद पूरा विश्व एक पल के लिए अचंभित हो गया. स्टीफन हॉकिंग की भौतिक के क्षेत्र में बात की जाए तो उन्हें 12 बड़े पुरस्कारों से नवाजा गया है आइए हम आपको ले चलते हैं इनके जीवन सफर की ओर जानिए कुछ महत्वपूर्ण बातें अतः आपसे अनुरोध है कि इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।
Table of Contents
नाम | स्टीफन हॉकिंग |
पूरा नाम | स्टीफन विलियम हॉकिंग |
जन्म | 8 जनवरी, 1942 |
जन्म स्थान | कैम्ब्रिज, इंग्लैंड |
मृत्यु | 14 मार्च 2018 (76 वर्ष) |
मृत्यु का स्थान | कैम्ब्रिज, यूनाइटेड किंगडम |
0ccupation | विज्ञानक, लेखक |
बीमारी | मोटर न्यूरॉन |
नागरिकता | सेंट अलबंस स्कूल, भौतिकी में ग्रेजुएशन , |
कुल बच्चे | 3 |
आइक्यू लेवल | 160 |
शिक्षा | ब्रिटिश |
कुल संपत्ति | $20 मिलियन |
स्टीफन हॉकिंग का जन्म ( Stephen Hawking birth )
स्टीफन हॉकिंग का जन्म 8 जनवरी 1942 में इंग्लैंड के ऑक्सफोर्ड में हुआ था। इनका पूरा नाम स्टीफन विलियम हॉकिंग है। जब स्टीफन हॉकिंग का जन्म हुआ था। तब दुनिया में द्वितीय विश्व युद्ध चल रहा था लंदन में स्टीफन हॉकिंग के माता-पिता का घर हुआ करता था।
फ्रेंक हॉकिंग उनके पिता का नाम था। जो चिकित्सा शोधकर्ता के रूप में काम करते थे। उनकी माता का नाम इसोबेल था। और वह भी बताओ और सचिव के रूप में चिकित्सा अनुसंधान संस्था में काम करती थी।
चिकित्सा अनुसंधान संस्था में काम करते समय इनके माता-पिता की मुलाकात हुई थी। जिसके बाद उन्होंने शादी कर ली और इनके को चार बच्चे थे जिनका नाम फिलीपा, स्टीफन, मेरी, एडवर्ड था एडवर्ड इनके द्वारा लिया गया गोद बेटा था उनकी दो पत्नी थी जिनका नाम जेने वाइल्ड, एलेन मेसन था।
स्टीफन हॉकिंग की शिक्षा (Stephen Hawking’s education)
स्टीफन हॉकिंग जब 8 वर्ष के थे तब उनके परिवार वाले सैंडल 1 में आकर रहने लगे और यहीं पर स्टीफन हॉकिंग की शुरुआती शिक्षा सेंट एलबेंस स्कूल में की थी। उसके बाद वह ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी विश्वविद्यालय में दाखिला करवा लिया था।
जब इन्होंने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में एडमिशन करवाया था। तब यह मैच 17 वर्ष के थे।उनकी रूचि बचपन से गणित में थी। लेकिन उनके पिता उन्हें डॉक्टर बनाना चाहते थे। क्योंकि उनके पिता खुद चिकित्सा अनुसंधान संस्था में काम करते थे इसी के कारण वे चाहते थे कि स्टीफन हॉकिंग डॉक्टर बने।
जब स्टीन हॉकिंग ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में एडमिशन करवाया था। जब वह गणित विषय उपलब्ध नहीं था तो उन्होंने अपनी आगे की पढ़ाई भौतिक विषय से की और धीरे-धीरे इसी विषय में कॉस्मोलॉजी सेक्शन में इन्होंने पढ़ाई की थी और उसके बाद 1962 में इन्होंने भौतिक विज्ञान की डिग्री प्राप्त कर ली।
भौतिक विज्ञान की डिग्री लेने के बाद इन्होंने आगे की पढ़ाई कैंब्रिज विश्वविद्यालय से की और 1963 में इन्होंने ब्रह्मांड विज्ञान में रिसर्च अनुसंधान किया। संयोगवश इसी साल उन्हें एक बीमारी हो गई जिसका नामएंयोट्रोफिक लैटरल सेलेरोसिस था इस बीमारी के कारण इनकी अंग धीरे-धीरे काम करना बंद कर देते हैं।
स्टीफन हॉकिंग का करियर (Stephen Hawking career)
दोस्तों अब हम बात करते हैं स्टीफन हॉकिंग की करियर की कैसे उन्होंने इतने संघर्षों के बावजूद इस मुकाम तक पहुंचे कैम्ब्रिज से पढ़ाई करने के बाद उन्होंने शोधकर्ता के रूप में कार्य किया था। साल 1972 में डीएएमटीपी मैं सहायक शोधकर्ता के रूप में अपनी सेवा दी थी।
वह रॉयल सोसायटी के सबसे कम उम्र के सदस्य थे। उन्होंने अपना अधिक समय ब्लैक होल और space-time की सिद्धांतों पर शोध के लिए बताया था और अपने इसी शोध के संबंध में उन्होंने कई पत्र प्रकाशित किए। जिससे विज्ञानिक की दुनिया में उनका एक बड़ा नाम हुआ।
हालांकि उनके जीवन की सबसे बड़ी और प्रसिद्ध खोज यह थी। कि उन्होंने साबित कर दिया था कि ब्लैक होल में कुछ मात्रा में रेडिएशन निकलती है जिसे उन्होंने हॉकिंग रेडिएशन कहा था।
स्टोरी ऑफ टाइम उनके द्वारा सन 1998 को पुस्तक प्रकाशित हुई थी इस किताब मैं उन्होंने मां विस्फोट का सिद्धांत और ब्लैक होल के बारे में बड़े ही सरल और सुंदर शब्दों में लिखा था।
स्टीफन हॉकिंग की पत्नी (Stephen Hawking Wife)
जब स्टीफन हॉकिंग को अपनी बीमारी का पता चला तो उसी साल उनकी मुलाकात जैन वाइल्ड से हुई और इस विपरीत परिस्थिति में जैन वाइल्ड ने स्टीफन हॉकिंग का साथ दिया और इन दोनों ने साल 1965 में शादी कर ली स्टीफन हॉकिंग और जैन वाइल्ड के कुल 3 बच्चे थे। जिनका नाम लूसी, रॉबर्ट और तीमुथियस था।
आपको बता दूं यह शादी की जोड़ी ज्यादा दिन नहीं चली लगभग 3 साल साथ रहने के बाद मैं साल 1995 में फॉकिंग और जैन का तलाक हो गया हॉकिंग ने तलाक लेने के बाद ऐलेन मेसन से शादी कर ली और इन दोनों की जोड़ी भी साल 1995 से 2016 तक चली इस प्रकार स्टीफन हॉकिंग ने अपने जीवन में दो शादी की थी।
स्टीफन हॉकिंग का परिवार | Stephen Hawking Family
नाम | स्टीफन हॉकिंग |
पिता का नाम | फ्रेंक हॉकिंग |
माता का नाम | इसोबेल हॉकिंग |
पत्नी का नाम | जेन वाइल्ड (1965-1995) |
स्टीफन हॉकिंग के पुरस्कार (Stephen Hawking Awards)
1 | 1978 | अल्बर्ट आइंस्टीन पुरस्कार |
2 | 1988 | वॉल्फ प्राइज़ |
3 | 1989 | प्रिंस ऑफ ऑस्टुरियस अवाडर्स |
4 | 2006 | कोप्ले मेडल |
5 | 2009 | प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम अवॉर्ड |
6 | 2012 | विशिष्ट मूलभूत भौतिकी |
स्टीफन हॉकिंग की खोज (Stephen Hawking Discoveries)
1 | 1970 | सिंगुलैरिटी का सिद्धांत |
2 | 1971 – 1974 | ब्लैक होल का सिद्धांत |
3 | 1982 | कॉस्मिक इन्फ्लेशन थ्योरी |
4 | 1983 | यूनिवर्स का वेव फ़ंक्शन पर मॉडल |
5 | 1988 | ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम’ उनकी प्रसिद्ध किताब |
स्टीफन हॉकिंग की कुल संपत्ति (Stephen Hawking Net Worth)
आपको बता दूं कि एक रिपोर्ट के मुताबिक स्टीफन हॉकिंग पर कुल $20 मिलियन की संपत्ति है उनका इंग्लैंड में कैम्ब्रिज शहर में एक खुद का घर है यह सभी संपत्ति उन्हें अपनी मेहनत के दम पर कमाई है पुरस्कारों किताबों ,नए-नए इस कार के जरिए कमाई है।
स्टीफन हॉकिंग पर बनीं फिल्म ( Stephen Hawking’s Life Movie )
दोस्तों आपको यह सुनकर बहुत ही ज्यादा अटपटा लग रहा होगा की स्टीफन हॉकिंग के ऊपर फिल्म बनी लेकिन यह सत्य है कि 2014 में दुनिया के महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग के ऊपर एक मूवी बनी जिसका नाम “ द थ्योरी ऑफ एवरीथिंग ” था। इस मूवी में स्टीफन हॉकिंग इन्हें कैसे अपने मेहनत और संघर्षों के कारण अपने सपनों को पूरा किया इस दृश्य को इस मूवी में दिखाया गया है।
इस तरह उन्हें कड़ी मेहनत और परिश्रम करके इस मुकाम को हासिल किया था और उनके द्वारा बताए गए मार्ग पर चलकर कैसे लोग अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं इस मूवी में बड़े ही सरल ढंग से बातों का उल्लेख किया गया।
स्टीफन हॉकिंग के विचार (Stephen Hawking Quotes)
दोस्तों अब हम आपको स्टीफन हॉकिंग के विचारों के बारे में बताएंगे उनके द्वारा कहे गए सभी विचार आज की युवा पीढ़ियों के लिए प्रेरणादायक है आइए जानते हैं उन्होंने अपने जीवन में संघर्ष करने के बाद कई ऐसी बातें बोली है जो हमारे लिए बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण है आइए जानते है
- वे कहते हैं कि जीवन दुर्भाग्यपूर्ण होगा यदि उसमें रोचक और रोमांस भरा ना हो तो।
- वे कहते हैं कि अज्ञानता का कोई दुश्मन नहीं है जबकि दुश्मन वह भ्रम है कि जो यह कहे कि मुझे सब कुछ आता है।
- आप यदि अपने जीवन में हमेशा दूसरों की बुराई करते हैं तो दूसरों के पास आपके लिए समय नहीं रहेगा।
- बुद्धिमान व्यक्ति समय के साथ अपने आप को बदल लेता है।
स्टीफन हॉकिंग की मृत्यु ( Stephen Hawking death )
दोस्तों काफी लंबे समय से स्टीफन हॉकिंग स्वास्थ्य नहीं थे। हालांकि हमने आपको बताया था। कि उनको जब यह बीमारी पता चली तब उनकी उम्र 21 साल थी। लेकिन उसके बावजूद भी उन्होंने इस बीमारी को अपने सपने के बीच नहीं आने दिया।
एमियोट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस बीमारी के कारण उन्हें अपने जीवन में कई प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था। उन्होंने 53 साल व्हीलचेयर पर बिताए थे और आखिरकार काफी संघर्षों के बाद 14 मार्च 2018 लंदन जैसे देश में इनका निधन हो गया और पूरी दुनिया को अलविदा करके चले गए।
आपको बता दें स्टीफन हॉकिंग का निधन जरूर हो गया है। लेकिन दुनिया आज भी उन्हें महान वैज्ञानिक के रूप में याद करती है। क्योंकि उन्होंने अपने जीवन में इतना संघर्ष किया है जो आज के युवाओं के लिए प्रेरणादायक है।
Q. स्टीफन हॉकिंग का निधन कब हुआ था?
14 मार्च 2018 (76 वर्ष)
Q. स्टीफन हॉकिंग भारत कब आए थे?
साल 2001 की जनवरी में स्टीफन हॉकिंग भारत आए थे
Q. स्टीफन हॉकिंग की वाइफ का क्या नाम था?
उनकी पत्नी का नाम जेन विल्डे था।
Q. स्टीफन का जन्म कब हुआ था ?
8 जनवरी, 1942
Q. स्टीफन स्टीफन को कौन सी बीमारी थी
मोटर न्यूरॉन
Q. स्टीफन का जन्म स्थान कहां है ?
कैम्ब्रिज, इंग्लैंड
अंतिम शब्दों में
दोस्तों इस लेख में हमने आपको विश्व के महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग के बारे में बताया है उन्होंने अपने जीवन में इतना संघर्ष किया है कि ऐसा संघर्ष शायद ही कोई कर पाए जब वह 21 साल के थे।
तब उनको बहुत बड़ी बीमारी हो गई थी और इस बीमारी को ना देखते हुए उन्होंने अपने सपनों को पूरा किया इस लेख में हमने आपको उनके जीवन से जुड़ी बहुत सी बातें हो का उल्लेख किया है।
हमारे द्वारा Stephen Hawking Biography In Hindi के बारे में बताया है आशा करते हैं यह लेख आपको बहुत अच्छा लगा होगा इसी प्रकार की और भी कुछ जानकारी प्राप्त करने के लिए हमें कमेंट बॉक्स में कमेंट जरुर करें और ऐसा भी जानकारी आप अपने मित्रों को जरुर शेयर करें।
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- Scientific Methods
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Stephen William Hawking
Stephen Hawking is one of the most precious gems in the world of physics, who was ahead of his time. His disability of having unsteady feet and being diagnosed with degenerative disease couldn’t stop Stephen Hawking from becoming the world’s most famous and acclaimed scientist. Even his survival would have been a marvel to this world, but he lived amazingly till 76.
Table of Contents
- Who was Stephen Hawking?
- Stephen Hawking’s Education Awards & Achievements
- The Black Hole Theory
The Big Bang
Hawking radiation, the multiverse, who was stephen william hawking.
Stephen William Hawking was a British physicist, born on 8th January 1942. He is considered the most brilliant theoretical physicist of all time. He revolutionized the field of physics through his work on the origin of the universe and the black hole explosion theory. From the big bang to black holes, all his best-selling books appealed to physics lovers across the globe.
The English theoretical physicist whose theory of the explosion of black holes illustrated upon the theory of relativity and quantum mechanics. He also worked in the field of space-time singularities.
Stephen Hawking’s Education Awards & Achievements
Stephen William Hawking studied physics in 1962 at the University College, Cambridge and in 1966 in the Trinity Hall, Cambridge,. His contributions in physics are unparalleled, which often left other scientists scratching their heads.
Professor Stephen William Hawking holds 13 honorary degrees. He was bestowed CBE (1982), Fellow of Honor (1989) and the Presidential Medal of Freedom (2009).
He has received the Fundamental Physics Award (2013), the Copley Medal (2006) and the Wolf Foundation Award (1988). Along with a bunch of other honours awards and medals, he won the Adams Prize in 1966 for his essay Singularities and the Space-time Geometry.
He was also a member of the Royal Society, the National Academy of Sciences of the United States and the Pontifical Academy of Sciences.
The physics of black hole.
Stephen William Hawking’s name has always been associated with the black hole. He put forward his stroke of genius combining Einstein’s Theory of Relativity , which has already aroused curiosity and has been under debate for decades, and the theory of quantum mechanics. In the early 1970s, Hawkins turned his attention to both of these theories, and later on, Stephen William Hawking’s most famous thesis on black holes was proven right.
Hawking’s doctoral thesis was written at a critical time when there was an argument between two cosmological theories: the Big Bang theory and the Steady State theory. Both these theories were considered to be opposing each other at that time. However, both theories accepted that the universe is expanding, but the first one explains that the universe is expanding from an ultra-compact, super-dense state at a finite time in the past, and the second one assumes that the universe has been intensifying forever.
Hawking showed in his thesis that the Steady State theory is mathematically self-contradictory. He reasoned instead that the universe began as a dense point called a singularity which was infinitely small. His description has been accepted worldwide today.
The photons or the particles of light can’t escape from the black holes because of their intense and strong gravity. But Stephen Hawking argued on it, explaining the truth, which was more complex than the assumed fact. He applied quantum theory, especially the idea of “virtual photons”; he realized that some of these photons could appear to be radiated from the black hole . At a laboratory experiment in the Technion-Israel Institute of Technology, it has recently been confirmed that this theory is correct and is named Hawking Radiation.
Instead of a real black hole, the researchers used a “sonic black hole” from which sound waves cannot outflow.
Stephen Hawking was also involved in the most exciting topics toward the conclusion of his life was the multiverse theory. He proposed the idea that our universe, with its start in the Big Bang, is just one of an infinite number of contemporaneous bubble universes. In his very last paper in 2018, he proposed a novel mathematical framework and tried to seek out the universe in his own words. But as with any assumption concerning parallel universes, we do not have any idea if his ideas are right now. Maybe the scientists will be able to test his belief in the coming times.
Not only an amazing physicist but Stephen Hawking was an amazing and inspiring personality too, he left behind his great research theories and thoughts as his legacy to us, which is truly a gift in physics.
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Frequently Asked Questions
What stephen hawking is famous for.
Apart from one of the most brilliant British physicists Stephen Hawking is famous for his theories on the Big Bang and the black hole concept.
What is Stephen Hawking’s IQ
Stephen Hawking has tried to keep his IQ a secret but it was estimated that his IQ is around 160.
When did Stephen Hawking write his first book?
In 1973 Stephen Hawking wrote his first book which is named as “The Large Scale Structure of Space-TIme”
How many types of Black holes are there?
There are four types of black holes:
- Intermediate
- Supermassive
What is Big Bang Theory?
The Big Bang theory is the prevailing cosmological model explaining the existence of the observable universe from the earliest known periods through its subsequent large-scale evolution.
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Stephen Hawking Book in Hindi : स्टीफन हॉकिंग की पुस्तकें कौन सी हैं? यहां देखें पूरी लिस्ट
- Updated on
- मार्च 11, 2024
स्टीफन हॉकिंग भौतिक विज्ञान की दुनिया के सबसे अनमोल रत्नों में से एक हैं, जो अपने समय से बहुत आगे थे। पैर अस्थिर होने और अपक्षयी रोग से पीड़ित होने की उनकी विकलांगता स्टीफन हॉकिंग को दुनिया का सबसे प्रसिद्ध और प्रशंसित वैज्ञानिक बनने से नहीं रोक सकी। उनकी कई ऐसी खोजें है जिनकी वजह से आज वो दुनिया भर में एक महान साइंटिस्ट के रूप में जाने जाते है। एक साइंटिस्ट होने के साथ साथ वह एक लेखक भी है। जिसके बारे में स्टूडेंट्स को पता होना चाहिए। इसलिए आज के इस ब्लॉग में हम Stephen Hawking Essay in Hindi को लिखने के बारे में जानेंगे।
स्टीफन हॉकिंग के बारे में
स्टीफन हॉकिंग का पूरा नाम स्टीफन विलियम हॉकिंग था। वह एक ब्रिटिश भौतिक विज्ञानी थे, जिनका जन्म 8 जनवरी 1942 को हुआ था। स्टीफन हॉकिंग को अब तक का सबसे प्रतिभाशाली सैद्धांतिक भौतिक विज्ञानी माना जाता है। उन्होंने ब्रह्मांड की उत्पत्ति और ब्लैक होल विस्फोट सिद्धांत पर अपने काम के माध्यम से भौतिकी के क्षेत्र में क्रांति ला दी। बिग बैंग से लेकर ब्लैक होल तक उनकी सबसे अधिक बिकने वाली सभी पुस्तकों ने दुनिया भर के भौतिकी प्रेमियों को आकर्षित किया।
Stephen Hawking Book in Hindi
स्टीफन हॉकिंग की पुस्तकें कौनसी हैं के बारे में यहां बताया जा रहा है :
- Black Holes (L) : The Reith Lectures
- The Theory Of Everything
- Brief History Of Time, A (L)
- Samay Ka Saral Aur Sanshipt Itihas
- Unlocking the Universe
- BRIEF ANSWERS TO THE BIG QUESTIONS
- Bramhand ke Bade Sawalo ke Sankshipt Jawab
- WILL WE SURVIVE ON EARTH?
- Black Holes And Baby Universes And Other
- Grand Design
- George and the Blue Moon
- George’s Secret Key to the Universe
1 | Black Holes (L) : The Reith Lectures | |
2 | The Theory Of Everything | |
3 | Brief History Of Time, A (L) | |
4 | Samay Ka Saral Aur Sanshipt Itihas | |
5 | Unlocking the Universe | |
6 | BRIEF ANSWERS TO THE BIG QUESTIONS | |
7 | Bramhand ke Bade Sawalo ke Sankshipt Jawab | |
8 | WILL WE SURVIVE ON EARTH? | |
9 | Black Holes And Baby Universes And Other | |
10 | Grand Design | |
11 | George and the Blue Moon | |
12 | George’s Secret Key to the Universe |
स्टीफ़न विलियम हौकिंग का जन्म 8 जनवरी 1942 में हुआ था।
14 मार्च 2018 में स्टीफन हॉकिंग का निधन हो गया।
स्टीफन विलियम हॉकिंग एक ब्रिटिश भौतिक विज्ञानी थे।
स्टीफन हॉकिंग का पूरा नाम स्टीफन विलियम हॉकिंग है।
आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको Stephen Hawking Book in Hindi पता चली होंगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।
सीखने का नया ठिकाना स्टडी अब्राॅड प्लेटफाॅर्म Leverage Edu. खुशी को 1 वर्ष का अनुभव है। पूर्व में वह न्यूज टुडे नेटर्वक, जागृत जनता न्यूज (JJN) में कंटेंट राइटर और स्क्रिप्ट राइटर रह चुकी हैं। खुशी ने पत्रकारिता में स्नातक कंप्लीट किया है। उन्हें एजुकेशनल ब्लाॅग्स लिखने के अलावा रिसर्च बेस्ड स्टोरीज करना पसंद हैं।
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All You Need to Know for Preparation
Stephen Hawking was one of the greatest scientists of the century. He was a very unique person. He proposed and proved many theories. He explained the theory of the black hole. He wrote a book called ‘The Brief History of Time’ in which he explained about the black hole. He also described the concepts of relativity and big-bang theory in this book.
Stephen Hawking is an inspiration to all of us. He suffered from a fatal motor neuron disease that affected his spinal cord. He was diagnosed with this disease in his early 20’s and doctors predicted that he was not likely to live more than 5years. His body was paralyzed and he moved about in a wheelchair for the rest of his life. Though he could not sit up straight, yet he kept working on his theories of Physics and amazed the medical experts by surviving for 55 more years.
Stephen Hawking was born in Oxford on January 8, 1942. He was born in very adverse circumstances. His parents were not well off and he was born during the Second World War. It was believed that Germany would attack Britain at any time. At that time, Oxford was considered a safe place, so Stephen Hawking’s parents moved to Oxford. His father's name was Frank and his mother's name was Isobel Hawkins. Isobel worked as a secretary in the Medical Research Institute, and Frank was a Medical Researcher. In 1950, when Hawkins's father became the Head of the Division of Parasitology at the National Institute of Medical Research, the family moved to St. Albans.
In the early days of the academy, Stephen Hawking was a good student. He loved board games. According to his friends, Hawkins, along with the rest of his friends, had created a game that only they used to play among themselves. Together with his friends, he had made a computer putting together the recycled parts so that he could use it to solve complex mathematical equations. When Stephen Hawking joined Oxford University, he was 17 years old. He wanted to study Math there but there was no specialized degree in Math, so he turned to Physics, and later he turned towards Cosmology. After graduating in natural science in 1962, he went to Cambridge University to pursue a PhD in cosmology. In 1968, he was made a member of Cambridge's Institute of Astronomy which gave a new direction to his research. That is when he started research on the black hole. He was then inducted into the Royal Society in 1974, a World Wide Fellowship of Scientists. In 1979, he became an Education Professor of Mathematics at Cambridge University, which is regarded as the most famous academic chair in the world.
Fight with His Disease
Stephen Hawking, at the age of 21, was diagnosed with a motor neuron disease (MND) (also known as amyotrophic lateral sclerosis (ALS)) disease. It is a dangerous neurological disease, due to which the nerve cells that control the movement of the muscles of the body gradually stop working, due to which the body gets paralyzed. When he was in Oxford, he felt many times that he was not well, sometimes he used to fall suddenly while walking, or used to stop completely while speaking. He became very clumsy. However, he continued to ignore all these things before 1963 and did not tell anyone about it.
When his father saw his condition in 1963, he took him to the doctor and he was diagnosed with motor neuron disease (MND) (also known as amyotrophic lateral sclerosis (ALS)). Doctors said that Stephen Hawking would only be able to stay alive for the next few years. His illness became a big reason for him to carry out his studies and he became a great scientist. Hawking himself said that until he was not diagnosed with the disease, his life was very boring. However, after diagnosis, when he came to know that he would be able to live for only a few years, he had put all his attention in his work and research so that he could fully utilize his remaining life. His illness captured him slowly, and as result, he was no longer able to walk due to which he had to move about in a wheelchair. He lost his voice completely in the year 1985. At this time, his condition was so bad that he was kept in 24 hours medical surveillance, and California’s computer programmers came to help him. They developed software that works based on eye movement.
Contribution Towards Science
In his research, he found that if this universe started with the Big Bang, then it would end with the Big Bang. He also explained Albert Einstein's theory of relativity. Using the General Theory of Relativity and Quantum Theory together, he gave us the concept of Hawking Radiation in which we came to know that Black Holes do not always exist, they leave the Hawking Radiation continuously. Hawking also explained the concept of Penrose– Hawking theorems, Blackhole information paradox, Micro black hole, Primordial black hole, Chronology protection conjecture, Soft hair (No hair theorem), Bekenstein–Hawking formula, Hawking energy, Hawking-Page phase transition.
Conclusion:
Stephen Hawking died on 14 March 2018 at his home. A man whose body didn’t support him achieved all so much that he became an inspiration for the next generations. Stephen Hawking used to give lectures even when he was not well. Motivate people to do a PhD. Stephen Hawking always used to say the same thing, no matter how difficult life may be, you can always do something, you can be successful if you work hard. An inspirational message for everyone.
FAQs on Stephen Hawking Essay
1. Where can I find an essay on the topic - Stephan Hawking?
Writing essays is one of the important learnings to a student of any class.
Writing them not only helps students in the subject they are learning, but they also help them in making them more competent and clear in their language skills. When students do well in their studies, it is very likely that they do well in all their skills and subjects.
Writing essays is not a hard task. Students have to come up with ideas, make a topic they are interested in writing about, and put all this in order. That is pretty much it. But the thing is, students have different styles in writing and they all need to be known in order for the students to be able to make their essay look like the style they want it to have. You can find it on the Vedantu app or website.
2. Is the topic Stephan Hawking a topic for students?
Yes, Stephan Hawking is one of the great personalities and noblemen every student should know in their schooling. His ideologies inspire students to overcome their fears and face challenges with confidence. At some point in time, students might develop self-doubt and feel under-confident, therefore a topic like this would improve their thought process and gain confidence.
3. Is it important to write essays?
Essay writing is one of the important skills every student should learn because it helps us in improving our sentence framing, use of appropriate words, learning about diverse topics around us and many more. Therefore the habit of writing essays should be developed once the basics of writing are taught.
4. Can I copy essays?
There is nothing wrong with copying essays.I know that you want to be extra careful. You want to be able to make sure that you are not using anyone’s original work. There is a chance that you might be copied and it will be a big deal. This is why you may have to make it difficult for them to copy the essays. You are just giving them the information that they need to make their own samples. I think that it is important for them to see the example essays, so that they understand how the essay should be written. They may see a style that you don’t approve of, so they will want to try and mimic what you are doing. It will give them some confidence.
5. Does writing essays improve English?
When you write a long piece of text, usually in English, there is a lot to be done. You need to write a good introduction, you have to choose a good title, you have to explain what the main idea is, you have to describe the structure of the text in a few sentences, and so on. As you can see, writing an essay requires many different skills, and you need to do them all right. You can check your language level after writing a test and see how your language has improved, but this is not enough. The best way to know what happens is to ask yourself a few questions.
6. Stephen Hawking Suffering from Which Disease? How Did it Affect His Body?
Stephen Hawking suffered from motor neuron disease (MND) (also known as amyotrophic lateral sclerosis (ALS)). It’s a dangerous disease which paralyzed his entire body. Due to this, he could neither walk nor speak. Hawkins himself said that until he had not been diagnosed with that disease, his life was very boring. After he got to know that he can only live for 2 years in a proper way he concentrated on his researchers and lived his life to the fullest. His illness became a big reason for him to become a great scientist.
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